#HareliWithIBC24: हरेली पर्व टोना-टोटका करने वालों के लिए होता है बेहद अहम, आधी रात को श्मशान में करते हैं साधना, काले जादू के लिए फेमस है ये पांच जगह

हरेली पर्व टोना-टोटका करने वालों के लिए होता है बेहद अहम, आधी रात को श्मशान में करते हैं साधना! Hareli is important for Black Magic

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  • Publish Date - July 17, 2023 / 10:45 AM IST,
    Updated On - July 17, 2023 / 10:45 AM IST

रायपुर: Hareli is important for Black Magic सावन महीने के अमावस्या के दिन पूरे देश में हरियाली का त्योहार मनाया जाता है। ये पर्व पूरे देश में मनाया जाता है, लेकिन इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है। छत्तीसगढ़ में भी इस पर्व को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यहां इसे ‘हरेली तिहार’ के नाम से जाना जाता है। ये त्योहार जितना छत्तीसगढ़ियों के लिए महत्वर्पूर्ण है उतना ही यहां के किसानों के लिए भी अहम है। हरेली पर्व तक खेती किसानी का काम पूरा हो जाता है और इस त्योहार में किसान अपने हल-बैल सहित सभी कृषि उपकरण की सफाई कर पूजा पाठ करते हैं और फिर उसे आगामी साल के लिए सुरक्षित रख देते हैं। वहीं, छत्तीसगढ़ में हरेली को लेकर कई मान्यताएं भी हैं। यहां हरेली के दिन दरवाजे पर नीम की डंगाल लगाई जाती है। साथ ही गांव में लोहार जाति के लोग दरवाजे के चौखट पर बुरी आत्मा से बचने के लिए लोह की कील ठोकते हैं। वहीं, ऐसा भी कहा जाता है कि टोना टोटका करने वालों के लिए भी आज का दिन बेहद अहम है।

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आधी रात श्मशान में करते हैें साधना

Hareli is important for Black Magic हरेली पर्व और सोमवती अमावस्याा को लेकर गांवों में ऐसी मान्यता है कि टोना टोटका करने वालों के लिए आज का दिन बेहद अहम होता है। कहा जाता है कि आज के दिन आधी रात को जादू टोना जानने वाले श्मशान में जाकर तप करते हैं। आज के दिन वो जो भी करार करते हैं या जिससे भी दुश्मनी निकालना हो उसके लिए करार करते हैं। बताया जाता है कि जादू टोना करने वालों को आज के दिन का पूरे साल इंतजार रहता है। गांवों में हरेली के दिन बच्चों को रात में घर से बाहर निकलने के लिए भी मना किया जाता है।

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पूरे गांव का होता है बंधन

गांवों में ये बात बेहद प्रचलित है कि सावन महीने में जादू टोना करने वालों की शक्तियां बढ़ जाती है, ये महीना उनका पसंदीदा महीना है। हालांकि गांव के शीतला मंदिर में पूजा पाठ करने वाले जिन्हें बैगा कहा जाता है हरेली से एक रात पहले पूरे गांव का बंधन करते हैं। बताया जाता है कि ये काम आधी रात को किया जाता है। इस दौरान गांव के बैगा को पीछे पलटकर देखने की अनुमति नहीं होती है। बैगा गांव के चारोंं ओर विराजमान देवाताओं की पूजा कर खुशहाली और समृद्धि की कामना करते हैं।

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हरेली के दिन है पशुओं को लोंदी खिलाने की परंपरा

हरेली पर्व पर गांवों में पशुओं को लोंदी खिलाया जाता है। इसे जंगली जड़ी बुटी के साथ अरंडी के पेड़ के पत्ते को भी मिलाया जाता है। बताय जा रहा है कि पुराने समय में सावन महीने में अक्सर जानवरों के खुर में घाव हो जाता था, जिससे जानवरों को बचाने के​ लिए लोंदी बनाकर खिलाया जाता था। ये परंपरा आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में बनी हुई है। कहा ऐसा भी जाता था कि जानवरों पर जादू टोना किया जाता है, जिसके चलते ये समस्याएं आती है। हालांकि इस बात का अभी तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिल पाया है, लेकिन ये प्रथा आज भी गांव में प्रचलित है।

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काला जादू के लिए मशहूर है ये पांच शहर

कुशाभद्रा नदी, उड़ीसा

कुशाभद्रा नदी के आसपास और नदी के नीचे दर्जनों हड्डियां और खोपड़ियां पाई जाती हैं, क्योंकि इस जगह पर काला जादू सबसे ज्यादा किया जाता है। गाड़ी चलाने का शौक रखने वाली महिलाओं के लिए ये हैं बेस्ट रोड ट्रिप, आज ही सहेलियों के साथ निकल पड़िए घूमने

मणिकर्णिका घाट, वाराणसी

वाराणसी जैसी पवित्र भूमि भी काले जादू का केंद्र है, कहा जाता है कि यहां कई अघोरी बाबा शमशान घाट पर रहते हैं और लाशों को खाते हैं, उनका मानना है कि इससे उनकी शक्तियां बढ़ती हैं। मणिकर्णिका घाट वह जगह है जहां गुप्त रूप से काला जादू किया जाता है।

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निमतला घाट, कोलकाता

णिकर्णिका घाट की तरह ही निमताला घाट पर भी काला जादू किया जाता है। यह मृतकों के अंतिम संस्कार का स्थान है। आधी रात को, अघोरी बाबा इस स्थान पर आते हैं और मृतकों की लाशों के अवशेष खाते हैं।

मायोंग विलेज, असम

मायोंग गांव सदियों से काला जादू के लिए मशहूर है। यहां तक कि मुगल जनरलों और अंग्रेजों को भी इस गांव में आने में डर लगता था। काले जादू के कारण मयोंग गांव में कई लोग गायब हो जाते हैं या उनकी मौत हो जाती है। इस जगह पर काले जादू से जुड़ी कई कहानियां हैं, उनमें से एक ये है कि यहां के लोग जानवरों में परिवर्तित हो जाते हैं। ग्रामीणों की अधिकांश आबादी काला जादू जानती है और उसका अभ्यास करती है। यहां रहने वाले लोगों का मानना है कि शक्ति पीढ़ियों से चली आ रही है।

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सुल्तान शाही, हैदराबाद

हैदराबाद को इन परंपराओं का केंद्र माना जाता है, मुख्यतः पास में सुल्तान शाही ऐसी जगहों जगहों एक लिए प्रसिद्ध है। यहां ऐसे अलग-अलग बाबा हैं जो काला जादू करते हैं, कुछ पैसे वसूल करते हैं, तो कई लोग इसके बदले संभोग के लिए कहते हैं, तो पशु बलि की भी मांग करते हैं। हैदराबाद में तीन और जगहें जहां काला जादू किया जाता है जैसे चित्रिका, मुगलपुरा और शालिबंद।

 

 

 

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बता दें कि हरेली के संबंध में दी गई जानकारी मान्यताओं के आधार पर है। इसका किसी भी प्रकार का वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। न ही IBC24 इन मान्यताओं की पुष्टि करता है और न ही किसी भी प्रकार का अंधविश्वास फैलाने में विश्वास रखता है।