Sarkari Karmchari Latest News: बड़ी खबर..! इन सरकारी कर्मचारियों की बढ़ने वाली है सैलरी, वित्त विभाग ने भी कहा OK , कर्मियों में खुशी की लहर…
sarkari karmchari latest news/ image source: IBC24
- हरियाणा सरकार ने सीनियर और जूनियर कर्मचारियों के वेतन में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए।
- सीनियर कर्मचारियों को जूनियर के समान वेतन मिलने की सुविधा, यदि वे ACP नियम-2016 के पात्र हों।
- विभागों को वेतन मामलों की जांच अपने स्तर पर करनी होगी, केवल अपवाद वित्त विभाग को भेजे जाएंगे।
Sarkari Karmchari Latest News: हरियाणा सरकार ने अपने कर्मचारियों के वेतन और एश्योर्ड कैरियर प्रमोशन (ACP) को लेकर महत्वपूर्ण अपडेट जारी की है। वित्त विभाग के चीफ सेक्रेटरी अनुराग रस्तोगी द्वारा दो अलग-अलग पत्र जारी किए गए हैं, जिनमें सीनियर और जूनियर कर्मचारियों के वेतन संबंधी स्थिति स्पष्ट की गई है।
इन सरकारी कर्मचारियों की बढ़ने वाली है सैलरी
Sarkari Karmchari Latest News: सूत्रों के अनुसार, अब उन वरिष्ठ कर्मचारियों को वेतन बढ़ोतरी की सुविधा दी जाएगी, जिनको अपने कनिष्ठ कर्मचारियों की तुलना में कम वेतन मिलता है। हालांकि, यदि किसी जूनियर कर्मचारी को व्यक्तिगत कारणों के तहत अधिक वेतन प्राप्त हो रहा है, तो ऐसे मामलों में सीनियर कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। यह कदम मुख्य रूप से कर्मचारियों के बीच वेतन असमानता को दूर करने और वित्तीय समानता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
फाइनेंस विभाग ने स्पष्ट किया है कि सीनियर कर्मचारी का वेतन तब ही स्टेपिंग-अप (वेतन में बढ़ोतरी) किया जाएगा, जब वे एसीपी नियम-2016 के तहत ACP के पात्र हों। इस आदेश का मुख्य उद्देश्य यह है कि वरिष्ठ कर्मचारी केवल वही लाभ प्राप्त करें जो नियमों के अनुसार उनके हक में हो।
वित्त विभाग ने जारी किए निर्देश
Sarkari Karmchari Latest News: वित्त विभाग ने यह भी निर्देश जारी किए हैं कि अब विभागों को स्वयं इन मामलों की जांच करनी होगी। किसी भी मामले को सीधे वित्त विभाग को भेजने की बजाय, विभाग स्तर पर ही जांच की जानी चाहिए। केवल वही मामलों का विवरण वित्त विभाग को भेजा जाए, जो इस आदेश के दायरे से बाहर हैं।
इसके अतिरिक्त, विभागाध्यक्षों द्वारा वित्तीय शक्तियों का गलत री-डेलीगेशन पर भी स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। आदेशों के अनुसार, विभागाध्यक्ष केवल अपने विभाग में कार्यरत राजपत्रित अधिकारियों, जैसे सचिव, संयुक्त सचिव, उप सचिव या SAS काडर अधिकारियों को ही वित्तीय शक्तियां सौंप सकते हैं। फील्ड अधिकारियों या अन्य कार्यालय प्रमुखों को ये शक्तियां देना नियमों के खिलाफ माना जाएगा।
साथ ही, विभागाध्यक्ष केवल अपने कार्यालय के राजपत्रित अधिकारियों, जैसे अतिरिक्त निदेशक, संयुक्त निदेशक या उप निदेशक को ही ये शक्तियां री-डेलीगेट कर सकते हैं। किसी भी परिस्थिति में प्रशासकीय सचिव अपनी वित्तीय शक्तियां विभागाध्यक्षों को सौंप नहीं सकते।

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