Loss of crores to India, increasing figures of metal health patients

भारत को हो रहा करोड़ों का नुकसान, दुनियाभर में इस रोग से ग्रसित मरीजों के बढ़ रहे आंकड़े, देखें रिपोर्ट

भारत को हो रहा करोड़ों का नुकसान, दुनियाभर में इस रोग से ग्रसित मरीजों के बढ़ रहे आंकड़े, देखें रिपोर्ट metal health patients

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 04:07 AM IST, Published Date : October 10, 2022/11:07 pm IST

Metal Health Patients: नई दिल्ली। हमारे शरीर के साथ-साथ दिमाग का भी स्वस्थ रहना एक अच्छे और खुशहाल जीवन की निशानी है। हम अक्सर अपने शरीर का तो ध्यान रखते है। लेकिन दिमाग से जुड़ी समस्याओं को हल्के में लेते हैं या ये कहें कि ऐसी समस्याओं पर ध्यान ही नहीं देते। दुनिया के कई देश ऐसे हैं जहां Mental health से जुड़ी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं मस्तिष्क से जुड़ी समस्या की वजह से दुनियाभर में सालाना कई लाख करोड़ का नुकसान होता है।

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विश्व संगठन के मुताबिक, कर्मचारियों के खराब मानसिक स्वास्थ्य की वजह से अनुपस्थिति, नौकरी छोड़ने और अन्य कारणों से भारतीय कंपनियों को सालाना 14 अरब डॉलर का नुकसान होता है। WHO की मानें तो भारत को साल 2012 से 2030 के बीच अनुमानित तौर पर तकरीबन 1.03 लाख करोड़ डॉलर तक का आर्थिक नुकसान हो सकता है।

Metal Health Patients: विश्व स्वास्थ्य संगठन मुताबिक, भारत में जिस तरह से युवा आबादी बढ़ रही है। उसी तरह से मानसिक रोग और उनसे जुड़ी समस्या भी तेज़ी से अपना पैर पसार रही है। आकड़ों के हिसाब से हर 10,000 में से 2,443 लोग मानसिक समस्या से किसी न किसी तरह से ग्रसित हैं।

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देश में 4 लाख नागरिकों पर 3 मनोचिकित्सक
Metal Health Patients: कुछ के लिए यह अवधि चंद हफ्तों की है, तो कई लोग महीनों और वर्षों मानसिक समस्याओं के साथ जी रहे हैं। इंडियन जर्नल ऑफ साइकियाट्री का आंकड़ा बताता है कि देश में औसतन 4 लाख नागरिकों पर 3 ही मनोचिकित्सक हैं, जबकि कम से कम हर 4 लाख की आबादी पर 12 मनोचिकित्सक होने चाहिए। आसान शब्दों में कहे तो देश में मनोचिकित्सकों की तादाद औसत से चार गुना कम है।

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