​बहुमंजिला अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों को दिल की बीमारी और डायबिटीज का खतरा अधिक — रिसर्च

​बहुमंजिला अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों को दिल की बीमारी और डायबिटीज का खतरा अधिक — रिसर्च

​बहुमंजिला अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों को दिल की बीमारी और डायबिटीज का खतरा अधिक — रिसर्च
Modified Date: November 29, 2022 / 08:51 pm IST
Published Date: July 3, 2019 12:01 pm IST

रायपुर। शहरों में अपार्टमेंट कल्चर बढ़ने के साथ ही लोगों में बीमारियों का रेसियो भी बढ़ने लगा है ऐसा हम नही कह रहे। एक रिसर्च में इस बात का खुलास हुआ है कि अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों को दिल की बीमारियां और डायबिटीज जैसे रोगों का खतरा ज्यादा रहता है। बढ़ती जमीन की कीमते और आवश्यकताओं के कारण लोग अपार्टमेंट में रहना पसंद करते हैं।

रिसर्च में यह ऐसे तथ्य सामने आए हैं​ जिसमें कहा गया है कि बहुमंजिला अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों को शुगर और दिल के रोगों का खतरा ज्यादा होता है। रिसर्च में पता चला है कि ऊंचे अपार्टमेंट में रहते हैं वो प्रकृति से काफी दूर हो जाते हैं। यही वजह है कि उनपर प्रदूषण का प्रभाव सबसे ज्यादा होता है।

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रिसर्चर्स ने अपार्टमेंट में रहने वाले और प्रदूषण से प्रभावित लोगों के बीच लिंक पर शोध किया गया। इसमें पता चला कि अपार्टमेंट में रहने वाले ज़्यादातर लोग प्राकृतिक वातावरण में नहीं रह पाते हैं और उनके आसपास प्रदूषण की मात्रा अधिक होती है। यही वजह है कि ऐसे लोग जल्दी अवसाद ग्रस्त हो जाते हैं और इनमें मेटाबोलिक सिंड्रोम का भी खतरा बना रहता है।

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अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों में ट्राइग्लिसराइड का लेवल बढ़ जाता है और लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल बेहद कम हो जाता है। यही वजह है कि ऐसे लोग डायबिटीज और मोटापे के शिकार होते हैं। इससे पहले कई अन्य शोधों में ये बात सामने आ चुकी है कि विकासशील देशों में ज़्यादातर लोगों की मौत हार्ट अटैक या दिल की बीमारियों से होती है।

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शोधकर्ताओं का कहना है कि इस परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए अपार्टमेंट में रहने वाले ज़्यादातर लोगों को अपने आसपास हरे पेड़ पौधे लगाने चाहिए ताकि वायु प्रदूषण कम हो और हवा में ऑक्सीजन का स्तर ज्यादा हो।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com