CG News: बीएड सहायक शिक्षकों ने फिर शुरू किया आंदोलन, समायोजन की मांग पर अड़े हटाए गए शिक्षक

B.Ed assistant teachers strike: शिक्षकों का कहना है सरकार ने कमेटी बना दी है लेकिन फैसला करने में सुस्ती दिखा रही है। उनका कहना है कि हमारी मांग है कि कि इस मामले में जल्दी फैसला किया जाए।

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  • Publish Date - March 9, 2025 / 06:30 PM IST,
    Updated On - March 9, 2025 / 06:32 PM IST
HIGHLIGHTS
  • सरकार ने करीब 2800 बीएड सहायक शिक्षकों को बर्खास्त किया
  • बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षक एक बार फिर से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए

रायपुर: B.Ed assistant teachers strike, छत्तीसगढ़ के 2,897 बर्खास्त बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षक एक बार फिर से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। नौकरी से निकाले गए यह शिक्षक अपना बोरिया-बिस्तर लेकर नवा रायपुर के तूता धरना स्थल पर जमा हो गए हैं। सरकार के खिलाफ इन्होंने नारेबाजी की है। शिक्षकों का कहना है सरकार ने कमेटी बना दी है लेकिन फैसला करने में सुस्ती दिखा रही है। उनका कहना है कि हमारी मांग है कि कि इस मामले में जल्दी फैसला किया जाए।

समायोजन की मांग को लेकर लम्बे समय तक धरना, प्रदर्शन, आंदोलन करने वाले प्रदेश भर के बीएड सहायक शिक्षकों ने एक बार फिर से नया रायपुर में धरना शुरू कर दिया है। हाई कोर्ट के फैसले के बाद सरकार ने करीब 2800 बीएड सहायक शिक्षकों को बर्खास्त किया था। इस बीच नगरीय निकाय चुनाव के लिए आचार संहिता लगने पर इन्होंने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था। अब यह फिर से धरने पर बैठ गए हैं।

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B.Ed assistant teachers strike, गौरतलब है कि इससे पहले भी 45 से ज्यादा दिनों तक शिक्षक प्रदर्शन में बैठे थे। लेकिन नगरीय निकाय की आचार संहिता लगने के कारण उन्होंने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था। अब फिर से प्रदर्शन करने का मतलब है कि सरकार ने जो कमेटी बनाई है उसका फैसला तुरंत होना चाहिए। शिक्षकों का कहना है कि अगर सरकार हमें फिर से नियुक्त नहीं किया तो घर के बाहर निकलने से पहले उसकी सुरक्षा की भी जिम्मेदारी लेनी होगी।

शिक्षकों ने रखी ऐसी मांग

बीएड शिक्षकों का कहना है कि हमारा समायोजन किया जाए ताकि वे नौकरी से बाहर नहीं हो सकें। बिना समाधान नौकरी से निकाले जाने के आदेश पर रोक लगाई जानी चाहिए। जो कमेटी बनाई गई है उसे समय सीमा में किया जाए ताकि फैसला आने में देरी नहीं हो। हमें न्याय और सम्मान मिले।

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धरने पर बैठे शिक्ष कों का कहना है कि सरकार ने हमें खुद भर्ती किया, अब कोर्ट के फैसले की आड़ में बाहर कर रही है। यह किसकी गलती है। हाईपावर कमेटी बनाई गई तो फैसला भी जल्दी आना था लेकिन हम अब भी इंतजार ही कर रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि हमारा परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। अगर हमारी ही नौकरी छीननी थी, तो पहले क्यों दी थी?

जानें क्या है पूरा मामला

बीएड शिक्षकों का ये पूरा मसला 2018 में नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन की ओर से जारी एक गाइडलाइन के बाद सामने आया है। गाइडलाइन में बीएड वालों को प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाने के योग्य माना था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर छत्तीसगढ़ के 2897 शिक्षकों पर भी पड़ा। जिस कारण से उनको नौकरी से निकाल दिया गया था।

1. बीएड सहायक शिक्षकों को क्यों बर्खास्त किया गया?

उत्तर: बीएड सहायक शिक्षकों को 2018 में नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन (NCTE) द्वारा जारी गाइडलाइन के बाद बर्खास्त किया गया। गाइडलाइन के अनुसार, बीएड वाले शिक्षकों को प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाने योग्य माना गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया। इसके बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने इन शिक्षकों को नौकरी से निकाल दिया।

2. धरने पर क्यों बैठे हैं ये शिक्षक?

उत्तर: यह शिक्षक अपनी समायोजन (adjustment) की मांग पर धरने पर बैठे हैं। उनका कहना है कि सरकार ने एक हाईपावर कमेटी बनाई थी, लेकिन फैसला जल्दी नहीं लिया जा रहा है। इनका कहना है कि अगर सरकार ने जल्द ही उन्हें नौकरी पर वापस नहीं लिया तो वे अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार से मांगेंगे।

3. क्या सरकार ने इन शिक्षकों को पहले भर्ती किया था?

उत्तर: हाँ, इन शिक्षकों को सरकार ने खुद भर्ती किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। इनका आरोप है कि अगर सरकार को इनकी नौकरी छीननी थी, तो पहले ही क्यों भर्ती किया गया।

4. नगरीय निकाय चुनाव के दौरान आंदोलन क्यों स्थगित हुआ था?

उत्तर: नगरीय निकाय चुनाव के दौरान आचार संहिता लागू हो गई थी, जिसके कारण इन शिक्षकों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था। अब चुनाव की प्रक्रिया खत्म होने के बाद, ये फिर से धरने पर बैठ गए हैं और अपने मुद्दे पर सरकार से जल्द फैसला लेने की मांग कर रहे हैं।