CGPSC fraud: CBI की चार्जशीट ने खोले कई राज! टामन सोनवानी ने लीक किया था CGPSC का पेपर, सबसे पहले इन दो लोगों के हाथ लगा पर्चा

CGPSC fraud chargesheet reveals many secrets: सीबीआई जांच में खुलासा हुआ है कि ये पर्चे सोनवानी ने अपने भतीजे नितेश और साहिल को दिए, जो बाद में डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी बने।

CGPSC fraud: CBI की चार्जशीट ने खोले कई राज! टामन सोनवानी ने लीक किया था CGPSC का पेपर, सबसे पहले इन दो लोगों के हाथ लगा पर्चा

CGPSC Scam, image source : ibc24

Modified Date: January 23, 2025 / 01:28 pm IST
Published Date: January 18, 2025 4:37 pm IST

रायपुर: CGPSC fraud: Taman Sonawani had leaked the paper, प्रदेश में हुए CGPSC गड़बड़ी मामले की चार्जशीट सामने आने पर कई बड़े खुलासे हुए हैं। CBI द्वारा पेश की गई इस पूरी चार्जशीट में CGPSC ऑफिस में कार्यरत 7 कर्मचारियों समेत करीब 41 लोगों को गवाह बनाया गया है, लेकिन 5 ऐसे लोगों के बयान दर्ज नहीं कर पाई जो कि इस पूरे मामले के या तो जांचकर्ता हैं या इस गड़बडी के अंदर तक जुड़े हैं।

चार्जशीट के मुताबिक जुलाई 2020 को प्रश्न पत्र प्रकाशन को लेकर टामन सिंह और परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक ने मे. एकेडी प्रिंटर प्रा. लि. के अरुण कुमार द्विवेदी के साथ रायपुर में मीटिंग की उसके बाद दोनों के बीच 17 अगस्त 2020 को ही अनुबंध हुआ कि 2 प्रश्न-पत्र सेट करने की सहमति बनी।

17 अगस्त 2020 से जनवरी 2022 तक अनुबंध के तहत मे. एकेडी प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड कलकत्ता ने दोनों प्रश्न-पत्रों में 50-50 प्रश्न दिए, जिसमें सामान्य अध्ययन पेपर-1 के लिए 55 और एप्टीट्यूड टेस्ट पेपर-2 के लिए 82 प्रश्न आरती वासनिक को प्रत्येक पेपर में 100 प्रश्नों की समीक्षा करने और उन्हें अंतिम रूप देने के लिए सीलबंद लिफाफे में फर्म के कर्मचारी महेश दास ने जनवरी 2022 में रायपुर भेजे।

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प्रश्न-पत्र लीक होने का खुलासा

CBI ने अपनी चार्जशीट में छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग (सीजीपीएससी) 2021 के प्रश्न-पत्र लीक होने का खुलासा करते हुए लीक करने वाले सीजीपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी को बताया है। इस साजिश में उनके साथ तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक और उप परीक्षा नियंत्रक ललित गणवीर शामिल थे।

सीबीआई जांच में खुलासा हुआ है कि ये पर्चे सोनवानी ने अपने भतीजे नितेश और साहिल को दिए, जो बाद में डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी बने। इस पूरे मामले में बचाव पक्ष के वरिष्ठ वकील का कहना है कि जो चार्जशीट पेश की गई है, वह दिशाहीन है सीबीआई क्या कहना चाहती है? क्या आरोप लगाना चाहती है, यह स्पष्ट नहीं है। अभ्यर्थियों का चयन हुआ और 4 दिन में उनके खिलाफ चालान पेश कर दिया, किसी को खुश करने के लिए चार्जशीट बनाई गई है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com