Shankhnaad Mahasatsang in raipur, image source: cgdpr
रायपुर: Shankhnaad Mahasatsang in raipur, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कल राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में श्रीश्री रविशंकर के शंखनाद महासत्संग कार्यक्रम में शामिल हुए । उन्होंने श्रीश्री रविशंकर से प्रदेश की सुख, समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद ग्रहण किया । श्रीश्री रविशंकर ने मुख्यमंत्री की तारीफ की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री साय प्रगतिशील विचारों के हैं, उनके दिल में प्रदेश के लिए बड़ी सोच है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीश्री रविशंकर परोपकार और मानवता की सेवा का ऐसा कार्य कर रहे हैं, जिसे भुलाया नहीं जा सकता। मुख्यमंत्री ने श्रीश्री रविशंकर महाराज का प्रदेश की जनता की ओर से छत्तीसगढ़ की धरती पर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि उनका संस्थान योग, ध्यान और मानवता के कल्याण का अच्छा कार्य कर रहा है। सुदर्शन क्रिया के माध्यम से देश दुनिया में करोड़ों निराश लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का कार्य कर रहा है।
Shankhnaad Mahasatsang in raipur, उन्होंने कहा कि ध्यान और मेडिटेशन को हम भूलते जा रहे थे। आर्ट ऑफ लिविंग के माध्यम से फिर से इसे स्थापित किया जा है। उन्होंने बताया कि आज छत्तीसगढ़ राज्य और आर्ट ऑफ लिविंग के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं जिसके तहत प्रदेश के गांव-गांव में जल संरक्षण, कृषि संवर्धन, शिक्षा, आजीविका – रोजगार, महिला सशक्तिकरण और नशा मुक्ति के कार्य उनकी संस्था द्वारा किया जाएगा। नया रायपुर में आर्ट ऑफ लिविंग केंद्र के लिए स्थान चिन्हित कर लिया गया है। श्रीश्री रविशंकर और मुख्यमंत्री साय ने आर्ट ऑफ लिविंग सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का शिलान्यास किया। यह केंद्र योग, ध्यान, कौशल विकास, आत्म विकास और सामुदायिक विकास को समर्पित रहेगा। यह महा सत्संग ज्ञान, ध्यान और सनातन संस्कृति का अनूठा संगम रहा है।
आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर महाराज ने आर्ट ऑफ लिविंग के सिद्धांतों की सारगर्भित जानकारी अपने संबोधन में दी। उन्होंने उपस्थित लोगों को ध्यान कराया। ध्यान के दौरान हजारों श्रद्धालुओं द्वारा उच्चारित ॐ ध्वनि से रायपुर का साइंस कॉलेज मैदान तरंगित हो उठा।
Shankhnaad Mahasatsang in raipur, श्रीश्री रविशंकर ने नक्सलवाद से प्रभावित युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि आप विकास की मुख्य धारा में आएं, हम आपके साथ खड़े हैं, हम सब मिलकर छत्तीसगढ़ को उत्तम और भारत को श्रेष्ठ बनाएंगे। जहां सभी के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हो। गरीबों के उत्थान के कार्यों हों। उन्होंने कहा कि हमारे जीवन में शांति और समृद्धि आवश्यक है। जब शांति होगी तो समृद्धि आएगी। आप जब हमारे साथ आएंगे तो आपको भी समता ,समृद्धि और न्याय मिलेगा। बंदूक से कोई काम नहीं बनता। छत्तीसगढ़ के संदर्भ में उन्होंने कहा कि यहां प्राकृतिक सौंदर्य है। विविध फल फूल और प्राकृतिक संपदा भरपूर है। यह प्रदेश दुनिया के आकर्षण का केंद्र बन सकता है। अब यह समय आ गया है कि हम सभी मिलकर प्रदेश को उत्तम और भारत को श्रेष्ठ बनने के लिए काम करें ।
आर्ट ऑफ लिविंग के संबंध में उन्होंने बताया कि हमारे जीवन में शक्ति, भक्ति, युक्ति और मुक्ति होनी चाहिए। विपरीत और अनुकूल परिस्थितियों में मन का समभाव बना रहे । जो जैसा है उसे वैसा ही स्वीकार करें। दूसरों के विचारों को प्रेरणा लें, लेकिन उनसे पूरी तरह प्रभावित न हो और वर्तमान में जिएं। हमारे जीवन में प्रेम हो, प्रेम का अर्थ है कि कोई हमारे लिए गैर नहीं है । उन्होंने लोगों से गुरु दक्षिणा मांगते हुए कहा कि यहां आए सभी लोग अपनी परेशानी, दुख – दर्द यहां छोड़ कर जाएं, यही मेरी गुरु दक्षिणा है । ईश्वर पर भरोसा रखें ।
कार्यक्रम के अंत में भजन की धुन पर पूरा मैदान झूम उठा। श्रीश्री रविशंकर रैंप पर चलकर लोगों के पास पहुंचे और उन्हें आशीर्वाद प्रदान किया। इस अवसर पर सरगुजा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष लता उसेंडी, विधायक किरण सिंहदेव, पूर्व मंत्री महेश गागड़ा सहित अनेक जनप्रतिनिधि और श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित थे।