Reported By: Devendra Mishra
,धमतरी: Dhamtari News, धमतरी के बीच शहर ने गुरुवार को वो नज़ारा देख गया, जिसकी चर्चा वर्षों से सिर्फ फाइलों में दबकर रह जाती थी। जिसे आज नगर निगम ने बुलडोज़र से ढहा दिया है। इसके साथ ही अब नगर के लोगों में चर्चा इस बात की भी शुरू हो गई है कि आखिर ये कैसे हुआ? तो आइए जानते हैं।
दरअसल, सिहावा चौक के पास करीब एक एकड़ एरिया की बेशकीमती जमीन पर बनी डागा धर्मशाला बिल्डिंग जो अब इतिहास बन चुकी है। जिसे नगर पालिका ने 1923 में 90 साल के लिए दागा धर्मशाला नामक ट्रस्ट को लीज में दे दिया था। लीज धारी ट्रस्ट मियाद खत्म होने के बाउजूद जमीन पर क़ब्ज़ा छोड़ने तैयार नहीं था और मामला उच्च न्यायालय में पहुँच गया। जिसकी सुनवाई 2018 तक चली।
उच्च न्यायालय ने 2024 में निगम के पक्ष में फ़ैसला सुनाया। नगर निगम ने धर्मशाला ख़ाली करने का ट्रस्ट को नोटिस जारी किया, लेकिन उसके बाद भी वे उसे ख़ाली करवाने में असमर्थ रहे। जबकि यह धर्मशाला पीडब्ल्यूडी की रिपोर्ट में बिल्डिंग कंडम घोषित हो चुकी थी। भविष्य में जान माल का नुक़सान ना हो इसको देखते हुए आज नगर निगम ने बुलडोजर से डागा धर्मशाला को जमींदोज कर अपने आधिपत्य में लिया है।
शहर के हृदय स्थल में मौजूद बेशकीमती जमीन आज नगर नगर निगम के आधिपत्य में आ गई है। नगर निगम के महापौर जगदीश रामू रोहरा ने कहा की अब इस ज़मीन पर निगम शहरवासियों के माँग पर विकास कार्य करवाएगा। जिससे निगम की आय बढ़ेगी। वहीं शहर वासियो को इससे लाभ होगा।
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इस मामले को लेकर नगर निगम के उपायुक्त ने बताया की इस ज़मीन को निगम ने लीज पर दिया था। मियाद पूरी हुई तो मामला न्यायालय में चला और उच्च न्यायालय ने निगम के पक्ष में फैसला दिया है। जिसके बाद कंडम हो चुकी बिल्डिंग को विधिवत कार्यवाही करते हुए ध्वस्त कर आधिपत्य में लिया गया है। नगर निगम की इस कार्रवाई से अन्य अवैध अतिक्रमणकारियों के बीच भी हड़कंप मच गया है।