Govt Employee News: तीन बच्चे वाले सरकारी कर्मचारियों की नहीं जाएगी नौकरी, नियमों में बदलाव करने जा रही सरकार, दिवाली से पहले मिल सकती है बड़ी सौगात

मध्यप्रदेश से बड़ी खबर सामने आ रही है। एमपी के सरकारी कर्मचारियों के लिए सरकार कुछ अच्छी खबर लाने जा रही है। दरअसल, मध्यप्रदेश सरकार सरकारी नौकरियों में लागू दो बच्चों की सीमा की शर्त को 24 साल बाद हटाने जा रही है।

Govt Employee News: तीन बच्चे वाले सरकारी कर्मचारियों की नहीं जाएगी नौकरी, नियमों में बदलाव करने जा रही सरकार, दिवाली से पहले मिल सकती है बड़ी सौगात

mp news

Modified Date: October 4, 2025 / 09:11 am IST
Published Date: October 4, 2025 9:08 am IST
HIGHLIGHTS
  • 24 साल बाद दो बच्चों की नीति हटेगी
  • कैबिनेट में प्रस्ताव जल्द होगा पेश
  • तीसरी संतान से जुड़े केस स्वतः समाप्त होंगे

Govt Employee News: मध्यप्रदेश से बड़ी खबर सामने आ रही है। एमपी के सरकारी कर्मचारियों के लिए सरकार कुछ अच्छी खबर लाने जा रही है। दरअसल, मध्यप्रदेश सरकार सरकारी नौकरियों में लागू दो बच्चों की सीमा की शर्त को 24 साल बाद हटाने जा रही है। यह शर्त 26 जनवरी 2001 को लागू की गई थी, जिसके तहत यदि किसी सरकारी कर्मचारी को तीसरी संतान होती है, तो उसकी सेवा समाप्त की जा सकती थी। लेकिन अब सरकार इसे खत्म करने की तैयारी कर रही है और जल्द ही यह प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा।

कर्मचारियों को मिलेगा बड़ा फायदा

इस फैसले से सबसे बड़ा लाभ उन सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा जिन पर तीसरी संतान होने के कारण नौकरी से निकाले जाने या कार्रवाई की तलवार लटक रही थी। सरकार की योजना के अनुसार, नई व्यवस्था लागू होने के बाद तीसरी संतान से जुड़े लंबित केस अपनेआप खत्म मान लिए जाएंगे और इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। हालांकि, 2001 से अब तक जिन पर कार्रवाई हो चुकी है, उन्हें इस निर्णय का लाभ नहीं मिलेगा।

Govt Employee News: सबसे अधिक प्रभावित विभागों में मेडिकल एजुकेशन, हेल्थ, स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा विभाग हैं। अकेले शिक्षा विभाग में ऐसे 8,000 से 10,000 मामलों का अनुमान है। पूर्व में एक जज की भी नौकरी तीसरी संतान के कारण जा चुकी है।

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मप्र सरकार का यह कदम राजस्थान और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर है, जहां यह पाबंदी 2016 और 2017 में ही हटाई जा चुकी है।

मोहन भागवत ने दिया था बयान

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान को भी इस फैसले की प्रक्रिया से जोड़ा जा रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश की जनसंख्या नीति 2.1 की औसत पर आधारित होनी चाहिए — यानी हर परिवार में औसतन तीन बच्चे। इसी के बाद से नीति में बदलाव की प्रक्रिया तेज़ हुई है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के अनुसार, मध्यप्रदेश की प्रजनन दर 2.9 है, जो राष्ट्रीय औसत 2.1 से अधिक है। खासतौर पर पन्ना (4.1), शिवपुरी (4.0) और बड़वानी (3.9) जैसे जिलों में यह दर काफी ऊंची है, जबकि भोपाल में सबसे कम (2.0) दर्ज की गई है।

नियम को लेकर परेशान हो चुके हैं कर्मचारी 

Govt Employee News: बता दें कि, एमपी से पहले भी ऐसे मामले आ चुके हैं जहां, तीसरी संतान होने के चलते कर्मचारी को नौकरी से निकाल दिया गया था। रहमत बानो मंसूरी, जिन्हें तीसरी संतान होने के कारण सरकारी शिक्षिका पद से बर्खास्त कर दिया गया। हालांकि, रहमत बानो ने आरोप लगाया कि उनके ही ब्लॉक में ऐसे 34 शिक्षक हैं जिनके तीन या उससे अधिक बच्चे हैं, लेकिन कार्रवाई सिर्फ उनके खिलाफ हुई। यह मामला अब हाईकोर्ट में है, अब इस खबर के आने के बाद सभी की निगाहें कैबिनेट पर हैं, जिससे हज़ारों परिवारों को राहत मिलने की उम्मीद है।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

पत्रकारिता और क्रिएटिव राइटिंग में स्नातक हूँ। मीडिया क्षेत्र में 3 वर्षों का विविध अनुभव प्राप्त है, जहां मैंने अलग-अलग मीडिया हाउस में एंकरिंग, वॉइस ओवर और कंटेन्ट राइटिंग जैसे कार्यों में उत्कृष्ट योगदान दिया। IBC24 में मैं अभी Trainee-Digital Marketing के रूप में कार्यरत हूँ।