Saif Ali Khan attack case: ‘मुझे न्याय चाहिए’, सैफ अली खान पर हमले का मामला, हिरासत से रिहा होने के बाद व्यक्ति ने की मांग

Saif Ali Khan attack case: दुर्ग में हिरासत में लिए गए एक व्यक्ति ने रविवार को कहा कि पुलिस कार्रवाई के बाद उसका जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है, उसके पास कोई नौकरी नहीं है और परिवार को बदनामी का सामना करना पड़ रहा है।

Saif Ali Khan attack case: ‘मुझे न्याय चाहिए’, सैफ अली खान पर हमले का मामला, हिरासत से रिहा होने के बाद व्यक्ति ने की मांग

'मुझे न्याय चाहिए', image source: chamaktarajasthan.in

Modified Date: January 26, 2025 / 06:48 pm IST
Published Date: January 26, 2025 5:29 pm IST
HIGHLIGHTS
  • सैफ अली खान की बिल्डिंग के बाहर खड़ा होकर नौकरी मांगने की योजना
  • घटना के बाद मेरी शादी भी टूटी : कनौजिया

मुंबई: Saif Ali Khan attack case, अभिनेता सैफ अली खान पर हुए हमले के मामले में संदिग्ध के तौर पर छत्तीसगढ़ के दुर्ग में हिरासत में लिए गए एक व्यक्ति ने रविवार को कहा कि पुलिस कार्रवाई के बाद उसका जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है, उसके पास कोई नौकरी नहीं है और परिवार को बदनामी का सामना करना पड़ रहा है।

मुंबई पुलिस से मिली सूचना के बाद रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने 18 जनवरी को दुर्ग स्टेशन पर मुंबई लोकमान्य तिलक टर्मिनस-कोलकाता शालीमार ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस से आकाश कनौजिया (31) को हिरासत में लिया था, जो एक चालक है।

उन्नीस जनवरी की सुबह मुंबई पुलिस ने पड़ोसी ठाणे से बांग्लादेशी नागरिक शरीफुल इस्लाम शहजाद मोहम्मद रोहिल्ला अमीन फकीर उर्फ ​​विजय दास को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद दुर्ग आरपीएफ ने कनौजिया को छोड़ दिया।

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पंद्रह जनवरी की रात मुंबई के बांद्रा इलाके में सतगुरु शरण में 12वीं मंजिल पर स्थित अभिनेता सैफ अली खान के आवास में लूटपाट के प्रयास के दौरान एक व्यक्ति ने उनपर कई बार चाकू से वार किया था। खान की सर्जरी हुई और बाद में उन्हें छुट्टी दे दी गई।

मुंबई पुलिस की एक गलती ने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी: कनौजिया

कनौजिया ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मेरा परिवार तब स्तब्ध रह गया और उनकी आंखों में आंसू आ गए, जब मीडिया ने मेरी तस्वीरें दिखानी शुरू कीं और दावा किया कि मैं इस मामले में मुख्य संदिग्ध हूं। मुंबई पुलिस की एक गलती ने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी। वे यह गौर करने में विफल रहे कि मेरी मूंछें थीं और अभिनेता की बिल्डिंग में लगे सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे व्यक्ति की मूंछें भी नहीं थीं।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘घटना के बाद मुझे पुलिस से फोन आया और उन्होंने मुझसे पूछा कि मैं कहां हूं। जब मैंने उन्हें बताया कि मैं घर पर हूं, तो फोन काट दिया गया। मैं अपनी होने वाली दुल्हन से मिलने जा रहा था, तभी मुझे दुर्ग में हिरासत में लिया गया और फिर रायपुर ले जाया गया। वहां पहुंची मुंबई पुलिस की टीम ने मेरे साथ मारपीट भी की।’’

घटना के बाद मेरी शादी भी टूटी

कनौजिया ने कहा कि रिहा होने के बाद उनकी मां ने उन्हें घर आने के लिए कहा, लेकिन उसके बाद से उनकी जिंदगी में उथल-पुथल मच गई। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैंने अपने नियोक्ता को फोन किया, तो उन्होंने मुझे काम पर न आने के लिए कहा। उन्होंने मेरी बात सुनने से इनकार कर दिया। इसके बाद मेरी दादी ने मुझे बताया कि मेरी होने वाली दुल्हन के परिवार ने मेरी हिरासत के बाद शादी की बातचीत को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया है।’’

कनौजिया ने दावा किया कि लंबे समय तक इलाज के बाद उनके भाई की मौत हो गई, जिसके कारण उनके परिवार को विरार में अपना घर बेचना पड़ा और कफ परेड की एक चॉल में शिफ्ट होना पड़ा।

सैफ अली खान की बिल्डिंग के बाहर खड़ा होकर नौकरी मांगने की योजना

कनौजिया ने कहा, ‘‘मेरे खिलाफ कफ परेड में दो और गुरुग्राम में एक मामला दर्ज है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मुझे इस तरह से संदिग्ध के तौर पर पकड़ा जाए और फिर मुझे अधर में छोड़ दिया जाए। मैं सैफ अली खान की बिल्डिंग के बाहर खड़ा होकर नौकरी मांगने की योजना बना रहा हूं, क्योंकि उनके साथ जो हुआ, उसकी वजह से मैंने अपना सब कुछ गंवा दिया है।’’

कनौजिया ने कहा कि यह ईश्वरीय कृपा थी कि दुर्ग रेलवे स्टेशन पर हिरासत में लिए जाने के कुछ ही घंटे के भीतर शरीफुल को पकड़ लिया गया। उन्होंने कहा, ‘‘अन्यथा, कौन जानता है, शायद मुझे मामले में आरोपी के तौर पर पेश किया जाता। अब मुझे न्याय चाहिए।’’

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com