New Delhi: SIR मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में आखिरी सुनवाई, कल ही हुआ था बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान…
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तारीखों का सोमवार को ऐलान हो गया है। इसके साथ ही राज्य में आचार संहिता भी लागू हो गई है।
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- बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए SIR प्रक्रिया पूरी हुई।
- अंतिम मतदाता सूची में 7.43 करोड़ से अधिक मतदाता शामिल।
- SIR प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट में विवाद।
New Delhi: नई दिल्ली: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तारीखों का सोमवार को ऐलान हो गया है। इसके साथ ही राज्य में आचार संहिता भी लागू हो गई है। चुनाव आयोग (Election Commission of India – ECI) ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Summary Revision – SIR) की प्रक्रिया पूरी कर ली है, जिसके अंतर्गत अंतिम मतदाता सूची में लगभग 7.43 करोड़ मतदाताओं के नाम दर्ज किए गए हैं। इसमें 14 लाख से अधिक नए मतदाता पहली बार मतदान करने के लिए शामिल हुए हैं।
हालांकि, इस SIR प्रक्रिया को लेकर कई विवाद और सवाल उठे हैं, जिसके कारण मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रक्रिया को वैध ठहराते हुए कई निर्देश भी जारी किए हैं। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर अंतिम बहस होगी, जिसमें मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की जाएगी।
SIR पर विवाद और याचिकाएं
New Delhi: SIR की प्रक्रिया को लेकर कई गैर-सरकारी संगठनों सहित कुछ राजनीतिक और सामाजिक समूहों ने चिंता जताई है। इनमें प्रमुख संगठन है एशोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR), जिसने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इन याचिकाओं में SIR की पारदर्शिता, वैधता और मतदाता अधिकारों के संभावित उल्लंघन के मुद्दे उठाए गए हैं। एडीआर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने अदालत को बताया कि मतदाता सूची की संशोधित अंतिम प्रकाशन से पहले मामले की सुनवाई आवश्यक है ताकि मतदाता अधिकारों की रक्षा की जा सके। उन्होंने चुनाव आयोग पर प्रक्रियात्मक खामियों का आरोप लगाया है, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।
सुप्रीम कोर्ट का रुख और निर्देश
New Delhi: सुप्रीम कोर्ट की पीठ में न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची शामिल हैं। कोर्ट ने पहले चुनाव आयोग के अनुरोध पर सुनवाई स्थगित की थी, क्योंकि आयोग ने यह तर्क दिया था कि अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद ही मामले पर विचार किया जाना उचित होगा। अब जब अंतिम सूची प्रकाशित हो चुकी है, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए तैयारियां कर ली हैं। पीठ ने स्पष्ट किया है कि अंतिम सूची के प्रकाशन से न्यायिक समीक्षा पर कोई रोक नहीं लगेगी। यदि सुनवाई के दौरान कोई अवैधता या अनियमितता पाई जाती है, तो अदालत प्रकाशन के बाद भी हस्तक्षेप कर सकती है। यह कदम मतदाता अधिकारों की सुरक्षा और चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
आगे की प्रक्रिया
New Delhi: अब सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार यानी कि आज अंतिम बहस होगी, जिसके बाद न्यायालय अपनी अंतिम राय दे सकता है। इससे चुनाव आयोग की प्रक्रिया की वैधता पर बड़ा फैसला आएगा, जो आगामी बिहार चुनाव की निष्पक्षता और पारदर्शिता को प्रभावित कर सकता है।
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