MEA pc on PoK: ‘पीओके खाली करे पाकिस्तान’, तीसरे की दखल बर्दाश्त नहीं, ट्रंप की मध्यस्थता के कमेंट पर विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब

ट्रंप की मध्यस्थता के कमेंट पर उन्होने कहा कि “हमारा लम्बॆ अरसे से यही राष्ट्रीय पक्ष रहा है कि भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर से संबंधित किसी भी मुद्दे को भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय तरीके से ही हल करना है।

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Modified Date: May 13, 2025 / 07:12 PM IST
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Published Date: May 13, 2025 6:12 pm IST
HIGHLIGHTS
  • जम्मू-कश्मीर से जुड़ा कोई भी मुद्दा केवल भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय तरीके से ही सुलझाया जाएगा
  • पाकिस्तान को अवैध रूप से कब्जा किए गए कश्मीर (PoK) को खाली करना ही होगा

नईदिल्ली: MEA pc on PoK भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि जम्मू-कश्मीर से जुड़ा कोई भी मुद्दा केवल भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय तरीके से ही सुलझाया जाएगा, किसी तीसरे पक्ष की इसमें कोई भूमिका नहीं होगी। मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान को अवैध रूप से कब्जा किए गए कश्मीर (PoK) को खाली करना ही होगा।

उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत की यह नीति लंबे समय से रही है और इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। ट्रंप की मध्यस्थता के कमेंट पर उन्होने कहा कि “हमारा लम्बॆ अरसे से यही राष्ट्रीय पक्ष रहा है कि भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर से संबंधित किसी भी मुद्दे को भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय तरीके से ही हल करना है। इस नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। जैसा कि आप जानते हैं, लंबित मामला केवल पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्ज़ा किए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करना है”।

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विदेश मंत्रालय ने साथ में यह भी कहा कि 10 मई को भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच बातचीत के बाद संघर्षविराम पर सहमति बनी थी। पाकिस्तान की ओर से इस बातचीत के लिए अनुरोध उसी दिन सुबह 12:37 बजे किया गया था, क्योंकि तकनीकी कारणों से वे हॉटलाइन के माध्यम से भारत से संपर्क नहीं कर पा रहे थे। इसके बाद भारतीय डीजीएमओ की उपलब्धता के आधार पर 15:35 बजे कॉल तय की गई थी।

भारत ने साफ किया कि यह पाकिस्तान की मजबूरी थी, क्योंकि उसी दिन सुबह भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के प्रमुख एयरफोर्स ठिकानों पर अत्यधिक प्रभावी हमले किए थे। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘यह भारतीय सैन्य बल की ताकत थी जिसने पाकिस्तान को गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए मजबूर किया।

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भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि सिंधु जल समझौता स्थगित रहेगा। पाकिस्तान अपनी जीत का झूठा ढोल बजा रहा है, यह उसकी पुरानी आदत है, सन 1962, 1971, 1999 में भी यही किया था। भारतीय विदेश मंत्रालय ने साथ में यह भी कहा कि बांग्लादेश की आवामी लीग पर बैन लोकतांत्रिक फैसला नहीं है।

भारत सरकार का PoK (पाक अधिकृत कश्मीर) को लेकर क्या रुख है?

उत्तर: भारत सरकार का स्पष्ट रुख है कि पूरा जम्मू-कश्मीर, जिसमें PoK भी शामिल है, भारत का अभिन्न अंग है। पाकिस्तान को अवैध रूप से कब्जा किए गए PoK को खाली करना होगा।

क्या भारत कश्मीर मुद्दे पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार करता है?

उत्तर: नहीं। भारत की नीति लंबे समय से रही है कि जम्मू-कश्मीर से संबंधित सभी मुद्दे केवल भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय रूप से ही हल किए जाएंगे। इसमें किसी तीसरे पक्ष (जैसे अमेरिका, UN आदि) की कोई भूमिका नहीं होगी।

हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम को लेकर क्या बातचीत हुई थी?

उत्तर: 10 मई को भारत और पाकिस्तान के DGMOs के बीच हॉटलाइन पर बातचीत हुई थी, जिसमें संघर्षविराम पर सहमति बनी थी। यह बातचीत पाकिस्तान के अनुरोध पर हुई थी, जो उन्होंने तकनीकी समस्याओं के कारण देरी से किया था।

पाकिस्तान ने संघर्षविराम के लिए बातचीत का अनुरोध क्यों किया?

उत्तर: MEA के अनुसार, उसी दिन भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के प्रमुख एयरफोर्स ठिकानों पर प्रभावशाली हमले किए गए थे। भारतीय सैन्य कार्रवाई की ताकत ने पाकिस्तान को संघर्षविराम के लिए मजबूर किया।