Politics on sky walk: राजधानी के स्काई वॉक पर सियासत हाई, उपयोगिता को लेकर कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप, विधायक राजेश मूणत ने दिए सारे आरोपों के जवाब |

Politics on sky walk: राजधानी के स्काई वॉक पर सियासत हाई, उपयोगिता को लेकर कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप, विधायक राजेश मूणत ने दिए सारे आरोपों के जवाब

Politics in sky walk: 6 साल तक काम बंद रहने के बाद साय सरकार ने 37 करोड़ रुपये खर्च कर इसे पूरा कराने का फैसला कर ली, जिस पर कांग्रेस फिर से हमला बोलते हुए भ्रष्टाचार का आरोप जड़ दिया।

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Modified Date: May 17, 2025 / 07:59 PM IST
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Published Date: May 17, 2025 7:50 pm IST
HIGHLIGHTS
  • राजेश मूणत के लोक निर्माण मंत्री रहते स्काई वॉक प्रोजेक्ट हुआ शुरू
  • सत्यनारायण शर्मा की कमेटी ने भी इसे पूरा करने की बात कही
  • भूपेश सरकार में तीन तीन कमेटी से स्काई वॉक की उपयोगिता की जांच
  • साय सरकार ने 37 करोड़ रुपये खर्च कर इसे पूरा कराने का फैसला

रायपुर: Politics on sky walk : राजधानी रायपुर में स्काई वॉक को लेकर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। 6 साल तक काम बंद रहने के बाद साय सरकार ने 37 करोड़ रुपये खर्च कर इसे पूरा कराने का फैसला कर ली, जिस पर कांग्रेस फिर से हमला बोलते हुए भ्रष्टाचार का आरोप जड़ दिया। उसके बाद आज भाजपा विधायक राजेश मूणत, जिनके लोक निर्माण मंत्री रहते स्काई वॉक प्रोजेक्ट शुरू हुआ, उन्होंने सारे आरोप और सवालों का जवाब दिया।

उन्होंने कहा कि हर तरह के सर्वे और उपयोगिता रिपोर्ट के आधार पर ही स्काई वॉक का काम शुरू हुआ था। लेकिन कुछ कांग्रेसी नेताओं का हित नहीं सध रहा था तो इसका विरोध शुरू कर दिया गया। भूपेश सरकार में तीन तीन कमेटी से स्काई वॉक की उपयोगिता, उसके सर्वें और टेंडर की जांच कराई। तत्कालीन कलेक्टर भारतीदासन ने इसे जनता के लिए उपयोगी बताते हुए काम को पूरा कराने का सुझाव दिया था। सत्यनारायण शर्मा की कमेटी ने भी इसे पूरा करने की बात कही, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया। यहां तक कि निर्माण एजेंसी के वर्क ऑर्डर को भी टर्मिनेट नहीं किया गया।

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उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि तत्कालीन सीएम को उनसे कुछ ज्यादा ही मुहब्बत थी, इसलिए बिना जांच के ही एफआईआर कराने के निर्देश भी दिए गए थे। तब उन्होंने कांग्रेस सरकार को पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के जज से कराने की चुनौती दी थी। तब भी सरकार ने कुछ नहीं किया था। राजेश मूणत ने कहा कि आज जो कांग्रेसी इस प्रोजेक्ट पर सवाल उठा रहे हैं, वो खुद इसके शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल हुए थे। तब क्यों विरोध या सुझाव नहीं दिए थे? उन्होने कहा 77 करोड़ का ये प्रोजेक्ट है, बची 37 करोड़ रुपये ही जारी हुई है, लेकिन 100 करोड़ का प्रोजेक्ट होने की अफवाह फैलाई जा रही है।

पीसीसी चीफ दीपक बैज ने फिर से हमला बोला

हालांकि, राजेश मूणत के सफाई के बाद पीसीसी चीफ दीपक बैज ने फिर से हमला बोला, और कहा कि आज स्काई वॉक पर चलना ही कितने लोग चाहते हैं। कांग्रेस ने अपने ट्ववीटर हैंडल से भी इस प्रोजेक्ट को लेकर तंज कसा है।

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Politics on sky walk एक तस्वीर पोस्ट करते हुए छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने लिखा ‘1 अरब रुपए का स्काईवॉक यह तो केवल मॉडल परीक्षण है, अगर सफल हुआ तो धरती से वैकुंठ तक स्काईवॉक बनवाएगी विष्णु देव सरकार। नोट – इतने अभूतपूर्व विकास कार्य का प्रचार नहीं हो रहा तो हम थोड़ी मदद करने आ गए।

स्काई वॉक प्रोजेक्ट क्या है और इसे क्यों शुरू किया गया था?

उत्तर: रायपुर शहर में ट्रैफिक कम करने और पैदल यात्रियों को सुरक्षित रास्ता देने के लिए स्काई वॉक प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई थी। यह प्रोजेक्ट पूर्व में भाजपा सरकार के कार्यकाल में शुरू हुआ था, जब राजेश मूणत लोक निर्माण मंत्री थे। इसका उद्देश्य प्रमुख चौराहों को जोड़ते हुए पैदल यात्रियों के लिए ऊंचे रास्ते (स्काई वॉक) बनाना था।

कांग्रेस इस प्रोजेक्ट पर क्या आरोप लगा रही है?

उत्तर: कांग्रेस ने स्काई वॉक की उपयोगिता पर सवाल उठाए हैं और इसे भ्रष्टाचार से जुड़ा प्रोजेक्ट बताया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इतना पैसा खर्च कर ऐसा प्रोजेक्ट बनाना जिसका इस्तेमाल आम जनता शायद ही करे, जनविरोधी और अपव्यय है।

राजेश मूणत ने कांग्रेस के आरोपों का क्या जवाब दिया?

उत्तर: राजेश मूणत ने कहा कि यह प्रोजेक्ट सर्वे और तकनीकी रिपोर्ट के आधार पर शुरू किया गया था और तीन अलग-अलग कमेटियों ने इसे उपयोगी बताया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक दुर्भावना से इसे रोक दिया। उनका यह भी कहना है कि विपक्ष में रहते कांग्रेस के नेता शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल थे, तब कोई आपत्ति नहीं जताई गई।

प्रोजेक्ट की लागत को लेकर विवाद क्या है?

उत्तर: मूल प्रोजेक्ट की लागत ₹77 करोड़ बताई गई है, जिसमें अब तक ₹37 करोड़ जारी किए गए हैं। लेकिन कांग्रेस द्वारा सोशल मीडिया पर ₹100 करोड़ से ज़्यादा की लागत का दावा किया जा रहा है, जिसे मूणत ने भ्रामक और अफवाह बताया।