CG nagar nikay chunav: मुख्यमंत्री-मंत्री समेत कई नेताओं के रिश्तेदार भी लड़ रहे चुनाव, कौन कहां पर ठोक रहा ताल…देखें

CG nagar nikay chunav: धमतरी जिला पंचायत सदस्य के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के समधी टीकाराम कंवर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, कोरबा में श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन के भाई नरेंद्र निर्विरोध पार्षद पद का चुनाव जीत चुके हैं।

  •  
  • Publish Date - February 4, 2025 / 06:11 PM IST,
    Updated On - February 4, 2025 / 06:15 PM IST

CG nagar nikay chunav, image source: ibc24

HIGHLIGHTS
  • मुख्यमंत्री के समधी से लेकर एक मंत्री की बहू तक शामिल
  • कोरबा में श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन के भाई नरेंद्र निर्विरोध पार्षद पद का चुनाव जीत चुके
  • राजधानी रायपुर में भी कई बड़े नेताओं की पत्नियां चुनाव लड़ रही

रायपुर: CG nagar nikay chunav, छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में परिवारवाद की झलक साफ नजर आ रही है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस, दोनों ही दलों में कई वरिष्ठ नेताओं के रिश्तेदार विभिन्न पदों के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें मुख्यमंत्री के समधी से लेकर एक मंत्री की बहू तक शामिल हैं।

सीएम और मंत्रियों के रिश्तेदार मैदान में

धमतरी जिला पंचायत सदस्य के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के समधी टीकाराम कंवर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, कोरबा में श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन के भाई नरेंद्र निर्विरोध पार्षद पद का चुनाव जीत चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल की बहू चंपा जायसवाल नगर पंचायत झगराखांड से अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार हैं।

रायपुर में नेताओं की पत्नियां चुनाव में

राजधानी रायपुर में भी कई बड़े नेताओं की पत्नियां चुनाव लड़ रही हैं। कांग्रेस ने पूर्व महापौर प्रमोद दुबे की पत्नी दीप्ति दुबे को मेयर पद का प्रत्याशी बनाया है, जबकि मौजूदा मेयर एजाज ढेबर की पत्नी भी पार्षद पद के लिए मैदान में हैं। भाजपा ने मीनल चौबे को महापौर पद के लिए प्रत्याशी बनाया है, जो पूर्व पार्षद छगन चौबे की पत्नी हैं।

read more: बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा बढ़ाने से अधिक विदेशी कंपनियां आकर्षित होंगी: मूडीज

सूरजपुर में रोचक मुकाबला

सूरजपुर जिला पंचायत क्षेत्र-15 में दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा। यहां पूर्व केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह की बेटी मोनिका सिंह ने नामांकन दाखिल किया है, जबकि भाजपा ने अधिकृत प्रत्याशी वेद प्रकाश सिंह को बनाया है। मोनिका को कांग्रेस के समर्थित प्रत्याशी, पूर्व मंत्री तुलेश्वर सिंह के बेटे सतवंत सिंह कोर्राम से भी टक्कर मिलेगी।

आरक्षण का असर: कुछ नेता मैदान से बाहर

इस चुनाव में कुछ दिग्गज नेता आरक्षण के कारण चुनावी दौड़ से बाहर हो गए हैं। अंबिकापुर सीट सामान्य महिला आरक्षित होने की वजह से पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव के भतीजे आदित्येश्वर सिंहदेव चुनाव नहीं लड़ पाए। इसी तरह, पूर्व मंत्री ननकी राम कंवर के बेटे को भी आरक्षण के चलते चुनाव से हटना पड़ा।

पूर्व मंत्री और उनके परिजन भी मैदान में

पूर्व मंत्री रामसेवक पैकरा की पत्नी शशि पैकरा और उनके बेटे लवकेश पैकरा दोनों जिला पंचायत चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि, भाजपा ने परिवारवाद के आरोपों से बचने के लिए लवकेश पैकरा को पार्टी समर्थन नहीं दिया है।

कुछ बड़े नेताओं के परिवार बाहर

कृषि मंत्री रामविचार नेताम का परिवार इस चुनाव में शामिल नहीं है। उनकी पत्नी पुष्पा नेताम और बेटी निशा नेताम, जो पूर्व में जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं, इस बार मैदान में नहीं उतरीं।

कोरबा में बड़े नेताओं के रिश्तेदार

कोरबा में पूर्व गृह मंत्री ननकी राम कंवर की बहू निर्मला कंवर भाजपा की प्रत्याशी हैं। वहीं, पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की पत्नी रेणु अग्रवाल को कांग्रेस से टिकट नहीं मिला।

read more: शेयर बाजार में जोरदार तेजी, सेंसेक्स 1,397 अंक चढ़ा, निफ्टी 378 अंक मजबूत

अन्य प्रमुख प्रत्याशी

चिरमिरी में पूर्व महापौर कंचन जायसवाल के पति विनय जायसवाल चुनाव लड़ रहे हैं।

भरतपुर-सोनहत से पूर्व विधायक गुलाब कमरो की बहन जिला पंचायत चुनाव लड़ रही हैं।

कांकेर से भाजपा विधायक आशाराम नेताम की पत्नी सुरेखा नेताम जिला पंचायत सदस्य के लिए प्रत्याशी हैं।

कोंडागांव विधायक लता उसेंडी की बहन किरण नरेटी ने भी नामांकन दाखिल किया है।

धमतरी से कांग्रेस विधायक ओंकार साहू की पत्नी सुनीता साहू आमदी नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार हैं।

परिवारवाद पर उठते सवाल

इस चुनाव में जिस तरह से नेताओं के परिजन बड़ी संख्या में मैदान में उतरे हैं, उससे परिवारवाद को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। जहां कुछ इसे राजनीतिक विरासत के रूप में देख रहे हैं, वहीं कई लोग इसे लोकतंत्र के लिए चुनौती मान रहे हैं। अब देखना होगा कि जनता किसे अपना समर्थन देती है और क्या इस चुनाव में परिवारवाद की राजनीति असर डालती है।

read more: जीएसटी परिषद जल्द ही दरों, स्लैब की संख्या पर फैसला लेगी: सीतारमण