CG News: जिला अस्पताल की गंभीर लापरवाही आयी सामने, गर्भ में पल रहे शिशु को बताया मृत, बाहर जांच में स्वस्थ मिला बच्चा

Durg District Hospital : जिला अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग की रिपोर्ट के आधार पर अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञ ने गर्भपात की तैयारी भी शुरू कर दी। लेकिन एकता की मां की सूझबूझ से गर्भपात नहीं किया गया।

CG News: जिला अस्पताल की गंभीर लापरवाही आयी सामने, गर्भ में पल रहे शिशु को बताया मृत, बाहर जांच में स्वस्थ मिला बच्चा
Modified Date: April 6, 2025 / 07:13 pm IST
Published Date: April 6, 2025 7:11 pm IST
HIGHLIGHTS
  • सोनोग्राफी में हार्ट बीट 132 प्रति मिनट दर्ज
  • सीएमएचओ ने दिया कार्रवाई का आश्वासन

दुर्ग: Durg District Hospital, जिला अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग में एक गंभीर लापरवाही सामने आई है। जिसमें खुर्सीपार की रहने वाली 30 वर्षीय एकता को उनके गर्भस्थ शिशु के संबंध में गलत रिपोर्ट दी गई। सोनोग्राफी रिपोर्ट में बताया गया कि उनका 7 सप्ताह का बच्चा गर्भ में ही मृत हो गया है। वहीं निजी अस्पताल की जांच में बच्चा स्वस्थ बताया गया।

जिला अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग की रिपोर्ट के आधार पर अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञ ने गर्भपात की तैयारी भी शुरू कर दी। लेकिन एकता की मां की सूझबूझ से गर्भपात नहीं किया गया। और एकता को निजी अस्पताल ले जाया गया। निजी हॉस्पिटल की जांच में बच्चा स्वस्थ बताया गया। वहीं मां ने कहा कि इस मामले में अस्पताल प्रबंधन के डॉक्टर पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

Durg District Hospital , आपको बता दें कि एकता 7 सप्ताह की गर्भवती है, जो चेक अप कराने जिला अस्पताल गई थी। जिसमे रिपोर्ट में बच्चे को मृत बताया गया, लेकिन एकता की मां कविता चौकीकर ने सरकारी अस्पताल की रिपोर्ट पर पूरी तरह भरोसा न करते हुए निजी अस्पताल में सोनोग्राफी दोबारा कराने का निर्णय लिया। जिसके बाद भिलाई के ही एक निजी अस्पताल में सोनोग्राफी कराई गई, जिसमें बच्चा पूरी तरह स्वस्थ पाया गया।

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सोनोग्राफी में हार्ट बीट 132 प्रति मिनट दर्ज

जिला अस्पताल की रिपोर्ट के अनुसार, बच्चे की हार्ट बीट शून्य थी, जबकि निजी अस्पताल की सोनोग्राफी में हार्ट बीट 132 प्रति मिनट दर्ज की गई। यह स्पष्ट करता है कि सरकारी अस्पताल की रिपोर्ट में भारी त्रुटि थी, जो एकता और उसके परिवार के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से हानिकारक हो सकती थी।

कविता चौकीकर ने बताया कि 26 मार्च को एकता की तबीयत खराब होने पर वे उसे जिला अस्पताल लेकर गईं वहाँ एकता को इंजेक्शन दिया गया और अगले दिन 27 मार्च को सोनोग्राफी की गई रिपोर्ट को जब लेबर रूम की डॉक्टर को दिखाया गया तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कह दिया कि बच्चा अब नहीं रहा, हालांकि माँ को कुछ संदेह हुआ और वे अपनी बेटी को निजी अस्पताल ले गईं। जहाँ डॉक्टरों ने दोबारा सोनोग्राफी कर पुष्टि की कि बच्चा स्वस्थ है और हृदय गति सामान्य है।

सीएमएचओ ने दिया कार्रवाई का आश्वासन

पूरे मामले में रेडियोलॉजिस्ट डॉ बी पी देवांगन का मानना है कि उन्होंने जो जांच किया था इसके आधार पर रिपोर्ट दी गई थी, दुबारा जांच का रिपोर्ट उन्होंने देखा नहीं है ऐसे में वे दूसरी रिपोर्ट के साक्ष्य के आधार पर अपने रिपोर्ट को गलत नहीं मान रहे हैं। इस मामले में सीएमएचओ मनोज दानी ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आ गया है, उन्होंने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए जांच के लिए दो सदस्यीय टीम गठित की है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि दोषी पाए जाने वाले डॉक्टरों और संबंधित स्टाफ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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अगर एकता की माँ ने सरकारी अस्पताल की रिपोर्ट पर पूरी तरह विश्वास कर लिया होता तो शायद बिना किसी वजह के एक स्वस्थ बच्चे का गर्भपात हो जाता यह मामला सरकारी अस्पतालों में सटीक जाँच और रिपोर्टिंग की गंभीरता पर सवाल उठाता है.तो वही जिला अस्पताल के दौरे पर रहे स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने अस्पताल के काम से खुशी जाहिर की थी उन्होंने कहा था यहां अब सब कुछ बेहतर है,तो ऐसे में कई सवाल उठते है कि क्या भीतर की बड़ी से बड़ी खामियां स्वास्थ्य मंत्री तक नहीं पहुंच पा रही या दौरे के समय सभी को बोलने से मना कर दिया जाता है जिससे ऐसी घटनाएं सामने आती है,अब देखना होगा जांच रिपोर्ट के बाद क्या कार्यवाही दोषियों पर होती है।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com