Trump On Iran | Image Source | IBC24
Trump On Iran: ईरान और इजरायल के बीच लगातार बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की स्थिति बेहद उलझी हुई नजर आ रही है। कभी वह ईरान पर बहुत बड़ा हमला करने की चेतावनी देते हैं तो कभी ईरान को दो सप्ताह की मोहलत देकर पीछे हटते दिखते हैं। यह विरोधाभासी रवैया न केवल अमेरिकी विदेश नीति को असमंजस में डाल रहा है बल्कि दुनिया भर में यह सवाल भी उठने लगे हैं कि क्या अमेरिका अब मध्य पूर्व में अपनी पुरानी प्रभावशाली भूमिका खोता जा रहा है?
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Trump On Iran: डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों में अनिश्चितता और विरोधाभास कोई नई बात नहीं है। लेकिन मौजूदा हालात में उनका रवैया पहले से कहीं अधिक अस्थिर प्रतीत हो रहा है। एक ओर वह ईरान को परमाणु समझौते के लिए समय देते हैं तो दूसरी ओर इजरायल के सैन्य हमलों को खुला समर्थन भी देते हैं। ट्रंप ने पहले यह दावा किया था कि उन्होंने ईरान को परमाणु गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए 60 दिन की मोहलत दी थी जो 13 जून को समाप्त हो गई। लेकिन इसके ठीक बाद जब इजरायल ने तेहरान के कई सैन्य ठिकानों पर हमले किए तो ट्रंप ने इन हमलों को पूर्व नियोजित और जरूरी बताते हुए समर्थन दे दिया।
Trump On Iran: ट्रंप के मेक अमेरिका ग्रेट अगेन अभियान के कई प्रमुख चेहरे, जैसे मार्जोरी टेलर ग्रीन और चार्ली कर्क, खुलकर मध्य पूर्व में सैन्य हस्तक्षेप का विरोध कर रहे हैं। उनके अनुसार अमेरिका को अमेरिका फर्स्ट नीति पर टिके रहना चाहिए और विदेशी संघर्षों में नहीं उलझना चाहिए। यह आंतरिक मतभेद ट्रंप की अस्थिर नीति का एक प्रमुख कारण बन गया है। एक तरफ उन्हें इजरायल के साथ खड़ा रहना है जो कि रिपब्लिकन पार्टी की एक पारंपरिक विदेश नीति रही है वहीं दूसरी ओर अपने ही समर्थकों की युद्ध-विरोधी भावनाओं को भी संभालना है।