Trump On Iran: ईरान पर वार से क्यों पीछे हटे ट्रंप? कमजोर पड़ती अमेरिका-इजरायल की रणनीति, क्या है असली चाल?

ईरान पर वार से क्यों पीछे हटे ट्रंप? कमजोर पड़ती अमेरिका-इजरायल की रणनीति..Trump On Iran: Why did Trump back off from attacking Iran

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Modified Date: June 20, 2025 / 07:43 PM IST
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Published Date: June 20, 2025 7:43 pm IST
Trump On Iran: ईरान पर वार से क्यों पीछे हटे ट्रंप? कमजोर पड़ती अमेरिका-इजरायल की रणनीति, क्या है असली चाल?
HIGHLIGHTS
  • ईरान और इजरायल के बीच लगातार बढ़ते तनाव,
  • डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों में अनिश्चितता और विरोधाभास,
  • कमजोर पड़ती अमेरिका-इजरायल की रणनीति,

Trump On Iran:  ईरान और इजरायल के बीच लगातार बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की स्थिति बेहद उलझी हुई नजर आ रही है। कभी वह ईरान पर बहुत बड़ा हमला करने की चेतावनी देते हैं तो कभी ईरान को दो सप्ताह की मोहलत देकर पीछे हटते दिखते हैं। यह विरोधाभासी रवैया न केवल अमेरिकी विदेश नीति को असमंजस में डाल रहा है बल्कि दुनिया भर में यह सवाल भी उठने लगे हैं कि क्या अमेरिका अब मध्य पूर्व में अपनी पुरानी प्रभावशाली भूमिका खोता जा रहा है?

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Trump On Iran:  डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों में अनिश्चितता और विरोधाभास कोई नई बात नहीं है। लेकिन मौजूदा हालात में उनका रवैया पहले से कहीं अधिक अस्थिर प्रतीत हो रहा है। एक ओर वह ईरान को परमाणु समझौते के लिए समय देते हैं तो दूसरी ओर इजरायल के सैन्य हमलों को खुला समर्थन भी देते हैं। ट्रंप ने पहले यह दावा किया था कि उन्होंने ईरान को परमाणु गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए 60 दिन की मोहलत दी थी जो 13 जून को समाप्त हो गई। लेकिन इसके ठीक बाद जब इजरायल ने तेहरान के कई सैन्य ठिकानों पर हमले किए तो ट्रंप ने इन हमलों को पूर्व नियोजित और जरूरी बताते हुए समर्थन दे दिया।

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Trump On Iran:  ट्रंप के मेक अमेरिका ग्रेट अगेन अभियान के कई प्रमुख चेहरे, जैसे मार्जोरी टेलर ग्रीन और चार्ली कर्क, खुलकर मध्य पूर्व में सैन्य हस्तक्षेप का विरोध कर रहे हैं। उनके अनुसार अमेरिका को अमेरिका फर्स्ट नीति पर टिके रहना चाहिए और विदेशी संघर्षों में नहीं उलझना चाहिए। यह आंतरिक मतभेद ट्रंप की अस्थिर नीति का एक प्रमुख कारण बन गया है। एक तरफ उन्हें इजरायल के साथ खड़ा रहना है जो कि रिपब्लिकन पार्टी की एक पारंपरिक विदेश नीति रही है वहीं दूसरी ओर अपने ही समर्थकों की युद्ध-विरोधी भावनाओं को भी संभालना है।

ट्रंप की "ईरान नीति" में इतना विरोधाभास क्यों है?

डोनाल्ड ट्रंप की "ईरान नीति" में विरोधाभास इसलिए देखने को मिलता है क्योंकि वे एक ओर ईरान पर दबाव बनाना चाहते हैं, वहीं दूसरी ओर अपनी अमेरिका फर्स्ट नीति के कारण युद्ध से बचना चाहते हैं। इससे उनके रुख में अस्थिरता नजर आती है।

क्या ट्रंप की "ईरान नीति" अमेरिका की विदेश नीति को कमजोर कर रही है?

हां, ट्रंप की अनिश्चित "ईरान नीति" से अमेरिका की पारंपरिक विदेश नीति की विश्वसनीयता पर असर पड़ रहा है और कई विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे अमेरिका की मध्य पूर्व में प्रभावशीलता कम हो रही है।

ट्रंप का "ईरान नीति" पर उनके समर्थकों से मतभेद क्यों है?

ट्रंप के कई प्रमुख समर्थक, जैसे मार्जोरी टेलर ग्रीन, "ईरान नीति" को लेकर युद्ध-विरोधी रुख अपनाए हुए हैं। वे मानते हैं कि अमेरिका को विदेशी संघर्षों में नहीं उलझना चाहिए, जो ट्रंप की इजरायल समर्थक रणनीति से अलग है।

ट्रंप की "ईरान नीति" का इजरायल पर क्या प्रभाव पड़ता है?

ट्रंप की "ईरान नीति" ने इजरायल को अमेरिका का खुला समर्थन जरूर दिया है, लेकिन नीति की अस्पष्टता से इजरायल को भी दीर्घकालिक रणनीति बनाने में असमर्थता हो सकती है।

क्या ट्रंप की "ईरान नीति" 2024 के अमेरिकी चुनावों में मुद्दा बन सकती है?

बिलकुल, ट्रंप की "ईरान नीति" और विदेश मामलों में उनके विरोधाभासी बयान 2024 चुनाव में राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के मुद्दे को प्रमुख बना सकते हैं।