Trump announces reciprocal tariffs, image source: social media X
नई दिल्ली: Trump Reciprocal Tariffs, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात से चंद घंटे पहले ही भारत पर टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है। टैरिफ के मामले में अमेरिका ने भारत को भी नहीं बख्शा है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत अमेरिकी चीजों पर दूसरे देशों की अपेक्षा ज्यादा टैरिफ लगाता है। इसलिए यह एक जवाबी कार्रवाई है।
आपको बता दें कि मोदी से मुलाकात से कुछ घंटे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को एक बड़ा फैसला लिया। उन्होंने ट्रेड वॉर को और तेज करते हुए भारत पर भी टैरिफ लगा दिया है। उन्होंने इस आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। ट्रंप का कहना है कि ये शुल्क अमेरिका के दोस्त और दुश्मन, दोनों देशों पर लगेंगे। जानकारों का कहना है कि इससे अमेरिका में महंगाई बढ़ सकती है।
Trump announces reciprocal tariffs, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव और वाणिज्य सचिव को निर्देश दिया है कि वे हर देश के लिए अलग-अलग नए शुल्क का प्रस्ताव दें। व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इस प्रक्रिया में हफ्तों या महीनों लग सकते हैं। इसलिए अभी यह साफ नहीं है कि ये शुल्क कब से लागू होंगे। ट्रंप ने अपने बयान में भारत का नाम भी लिया। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के लगभग हर देश से ज्यादा शुल्क लगाता है। ऐसे में हमने भी भारत पर टैरिफ लगा दिया है।
आपको बता दें कि ट्रंप ने यह घोषणा पीएम मोदी की मेजबानी करने से कुछ घंटे पहले की। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, जवाबी शुल्क से भारत कई अन्य प्रमुख व्यापारिक साझेदारों की तुलना में अधिक प्रभावित होगा। पीएम मोदी इस समय अमेरिका की यात्रा पर हैं। आज उनके दौरे का आखिरी दिन है।
ओवल ऑफिस में ट्रंप ने कहा, ‘मैंने निष्पक्षता के लिए फैसला किया है कि मैं पारस्परिक शुल्क लगाऊंगा। इसका मतलब है कि जो भी देश अमेरिका पर शुल्क लगाते हैं, मैं भी उन पर वही शुल्क लगाऊंगा। लगभग सभी मामलों में, वे हमसे कहीं ज्यादा शुल्क ले रहे हैं, लेकिन अब वे दिन गए।’
ट्रंप ने बार-बार हार्ले डेविडसन मोटरसाइकिल जैसे अमेरिकी सामानों पर भारत की ओर से लगाए जाने वाले ज्यादा टैरिफ की आलोचना की है। हालाकि इस महीने की शुरुआत में भारत ने मोटरसाइकिल सहित कुछ अमेरिकी प्रोडक्ट पर शुल्क कम करने की घोषणा की थी। इसका मकसद अमेरिका की ओर से होने वाली आलोचनाओं को कम करना था।
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