नई दिल्ली। साउंड हीलिंग व मेडिटेशन आज के युग में सभी उम्र के लोगों के लिए उपयोगी हैं… इसके सुखद परिणाम लगातार देखे जा सकते हैं, शायद यही कारण है कि इसके फायदों और प्रभावों को देखते हुए हर साल 14 फरवरी को विश्व साउंड हीलिंग डे मनाया जाता है… तिब्बती साउंड उपकरणों के साथ हार्ट चक्र को केंद्रित रखने और इसके तरीकों के बारे में बता रही हैं सेंट्रल इंडिया की पहली साउंड हीलर, सिंगिंग बाउल थेरेपिस्ट आरती सिन्हा …
क्या है साउंड हीलिंग
साउंड हीलिंग यानि आवाज या ध्वनि के माध्यम से आत्मिक शांति पाना… उपचार की यह एक ऐसी क्रिया है, जिसे सदियों से अपनाया जा रहा है… यह ना सिर्फ हमारे देश में बल्कि दुनिया के कई देशों में प्रमुखता के साथ अपनाई जा रही विद्या है… अगर आप मानसिक रूप से परेशान हैं या आपके घर में नकारात्मकता का माहौल बना हुआ है, तो इस क्रिया के जरिए आपको शांति और सुकून मिल सकता है… यही नहीं आपके आस-पास का माहौल भी सकारात्मक ऊर्जा से भर जाएगा…
क्या प्रभाव देखने मिलेगा-
जीवन शैली बेहतर बनाने में मदद मिलती है… रोजमर्रा के तनाव से भी मुक्ति मिल सकती है। इस मेडिटेशन से हमें कई लाभ होते हैं। इसका इस्तेमाल कर युवा अपने स्किल्स निखार सकते हैं, साथ ही लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।
ये थेरेपी ऊर्जा के स्तर को बढ़ाती है,रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। कार्य क्षमता में वृद्धि लाती है… इससे तनाव कम होता है… गहरी शांति और सुकून की तरफ ले जाने में कारगर है। सिंगिंग बाउल्स और गोंग की ध्वनियों के साथ आहा मंत्र का नाद किया जाता है, जो स्ट्रेस दूर करने में मदद करता है, यही कारण है कि अब युवा हिमालयन सिंगिंग बोल्स की मदद ले रहे हैं।
आंखें बंद करने पर शरीर के चक्रों में रंगों का ना दिखना, बीमारी का संकेत हो सकता है। कई बीमारियों को ठीक करने में मददगार है सिंगिंग बाउल थेरेपी… इसकी ध्वनि तरंगों से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को भी ठीक किया जा सकता है।
किसी ना किसी रुप में ओम सभी मुख्य संस्कृतियों का प्रमुख भाग होते हैं… लेकिन इसे ओम नहीं अ उ म, के रुप में उच्चारण करना चाहिए… ऊं की फ्रिक्वेंसी 432 हार्ट्स होती है… इसके अर्थ, महत्व और प्रभावों पर ध्यान दें.. ऊं के उच्चारण मात्र से ही शरीर के अलग-अलग भागों में कंपन शुरु हो जाता है…जैसे कि ‘अ’ शरीर के निचले हिस्से में (पेट के करीब) ‘उ’ शरीर के मध्य भाग में कंपन करता है (छाती के करीब), और ‘म’ से शरीर के ऊपरी भाग में यानी मस्तिष्क में कंपन होता है।
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याद रखें एप्स की तरह अनवांटेड थॉट्स को भी हमेशा अपने दिमाग से रिमूव करते रहना चाहिए… समवेत स्वर में ओम् का उच्चारण करने के साथ गाइडेड इमेजरी मेडिटेशन, ब्रीदिंग टेक्निक, लाफ्टर थेरेपी और हार्ट चक्र पर भी ध्यान केंद्रित करने से शारीरिक, मानसिक, आर्थिक और आध्यात्मिक परिवर्तन देखने को मिलते हैं।
आम आदमी बहुत तरीकों से साउंड थेरेपी का लाभ ले सकता है। आप जिस भी मंत्र का उच्चारण करते हैं, उनसे लाभ ले सकते हैं। घर में रखे शंख, घंटियां म्यूजिकल इक्यूपमेंट्स में गिनी जाती हैं, उनके साथ मेडिटेशन कर सकते हैं। साधारण रुप से हम ओउम का उच्चारण करते हैं…आप चाहें तो अपने धर्म कुछ विशेष चीजों का उच्चारण कर सकते हैं। आप चक्रों के मंत्रों के साथ भी इसका अभ्यास कर सकते हैं… विशेष स्वरों का उच्चारण भी कर सकते हैं… जो हमारी ऊर्जा को बढ़ाते हैं… इस तरह साउंड हीलिंग घर पर भी की जा सकती है… सहज, सुलभ रुप में…
हम घर में सिंगिंग बोल्स को रख सकते हैं, उनको प्ले करना सीख सकते हैं, जिनसे लगातार सकारात्मक ध्वनियां उत्पन्न होती हैं…जो ना केवल घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती हैं, बल्कि आपके मन को भी सुकून देती हैं।
जब आप मेडिटेशन करते हैं, तो आप साथ में चेंट्स करें, भौंरों के गुंजन की आवाजें निकालें… ओम का जाप करें… याद रखें हर चक्र की एक अलग ध्वनि और अलग मंत्र होता है, उनके साथ भी आप मेडिटेशन कर सकते हैं… गाइडेड वॉइस मेडिटेशन होते हैं, गॉन्ग्स हैं, सिंगिंग बोल्स हैं…चाइम्स हैं…इस तरह की अनेक ध्वनियां होती हैं। कुछ नैसर्गिक ध्वनियां भी हो सकती हैं, जैसे जब आप सोने जाएं, तो उस समय झरने की आवाज, चिड़ियों के चहचहाने की आवाज, इस तरह की रिकॉर्डेड वॉइज भी सुन सकते हैं।
यूट्यूब पर ऐसे बहुत सारे गाइडेड मेडिटेशंस होते हैं, ध्वनियां होती हैं, आप अपनी पसंद का संगीत चुन सकते हैं… और उसके साथ मेडिटेशन कर सकते हैं। ध्यान दीजिए हर इंसान अलग-अलग चीजों से कनेक्ट होता है… ये जानिए कि हमारे लिए क्या ज्यादा अच्छा है… हमें ध्वनि अट्रैक करती हैं, तो जो भी ध्वनि आपको पसंद आएगी, वो आपको फायदा पहुंचाएगी।
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अगर आपको चक्रों का ज्ञान नहीं है, और आप कोई विशेष चेंट सुन रहे हैं, वो आपको अच्छा लग रहा है, तो मानकर चलिए आपके अंदर कहीं ना कहीं उस चक्र, उस एनर्जी सेंटर की एनर्जी की कमी है, यानी हमें उसकी आवश्यकता है… लेकिन जरुरी ये है कि पहले विधिवत साउंड हीलिंग की जानकारी लें, ताकि आप समझ सकें कि आपके लिए ज्यादा बेहतर क्या है।
विज्ञान इस बात को सिद्ध कर चुका है कि घर में रखे कांसे के बर्तनों में पानी पीना, खाना खाना हमारी सेहत के लिए बहुत अच्छा है। इसका उल्लेख हमारे प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है,लेकिन ये कांसे-तांबे के बर्तन साउंड हीलिंग के लिए उपयोगी नहीं हैं। साउंड हीलिंग के उपकरण अलग होते हैं.. ये विशेष रुप से सात धातुओं से तैयार होते हैं, ताकि वे विशेष आवृत्ति को उत्पन्न कर सकें, जो आपकी कमजोर ऊर्जा केंद्र को सक्रिय कर सकें… तो कांसे के बर्तनों में खाना खाइए, लेकिन प्ले करने के लिए सिंगिंग बोल अपने घर में रखिए, ताकि आप उसे प्ले कर सकें… रोजाना शंख बजाइए, चाइंट्स प्ले करिए, ये कुछ सरल और आसान उपकरण हैं, जो आप प्ले करके विशेष चक्रों के स्वर को निकाल सकते हैं।
– प्रिया आर्य