Marriage conflict: पति ने 2 साल से नहीं बनाया शारीरिक संबंध, बिस्तर पर पहुंचते ही साध लेता है चुप्पी, महिला ने बताई आप बीती

Marriage conflict: 8 साल की शादी और एक बच्चा होने के बाद लग रहा है कि पति के साथ रिश्ता बचा ही नहीं है। 2 साल से हम फिजिकल नहीं हुए हैं, इमोशनल सपोर्ट भी नहीं हैं।

Marriage conflict: पति ने 2 साल से नहीं बनाया शारीरिक संबंध, बिस्तर पर पहुंचते ही साध लेता है चुप्पी, महिला ने बताई आप बीती

Marriage conflict, image source: ADR Networks

Modified Date: December 28, 2025 / 08:05 pm IST
Published Date: December 28, 2025 8:03 pm IST
HIGHLIGHTS
  • सिर्फ इंटिमेसी ही नहीं, इमोशनल साथ भी नहीं रहा
  • मुश्किल समय में भी साथ नहीं
  • शादी नहीं, बस रूममेट जैसा रिश्ता

Relationship Story: एक महिला ने रेडिट पर अपना दर्द शेयर किया है। जहां पर उसने बताया कि कैसे प्रेग्नेंसी के बाद से पति के साथ रिश्ता पूरी तरह बदल गया है। 30 साल की महिला ने लिखा कि ”हम उम्र पति के साथ इस समय रिश्ता बुरे दौर से गुजर रहा है। हम पिछले 8 साल से एक साथ हैं और एक साल पहले हमारी शादी हुई। हमारी एक बेटी है, जो अब करीब 17 महीने की है। लेकिन सच्चाई यह है कि पिछले करीब दो सालों में यानि प्रेग्नेंसी से लेकर अब तक हमारे बीच सिर्फ एक बार शारीरिक संबंध बना है।”

महिला ने लिखा कि ” मैंने कई बार उनसे खुलकर बात की। उन्हें बताया कि मुझे कैसा महसूस होता है, मैं चाहती हूं कि चीजें बदलें, बस थोड़ी-सी कोशिश और अपनापन चाहिए। लेकिन दो साल में कुछ भी नहीं बदला। अब बात यहां तक पहुंच गई है कि मैं अंदर से टूटने लगी हूं और हाल ही में मैं खुद पर काबू नहीं रख पाई और उन पर फूट पड़ी।”

सिर्फ इंटिमेसी ही नहीं, इमोशनल साथ भी नहीं रहा

Marriage conflict: उसने आगे बताया कि ”मसला सिर्फ फिजिकल दूरी का नहीं है। जब मेरी बेटी का जन्म हुआ, वह समय से पहले (33.5 हफ्ते) पैदा हुई थी और दो हफ्ते NICU में रही। मुझे गंभीर प्रीक्लेम्प्सिया हुआ था, इसलिए मैं नहीं चाहती थी कि कोई मिलने आए। इसके बावजूद मेरे ससुराल वाले जबरदस्ती NICU में घुस गए। बाद में जब मैंने फैसला लिया कि NICU में सिर्फ मैं और मेरे पति ही बेटी से मिलेंगे, जिससे उसका डॉक्टर भी सहमत था, तो मेरे ससुर ने मुझे “मैनिपुलेटिव” कहा।

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मेरे पति ने यह बात मुझे बाद में बताई। अब मुझे पता चला है कि वे मुझे “vindictive” भी कहते हैं और यह आरोप लगाते हैं कि मैं उन्हें उनकी पोती से दूर रख रही हूं, जबकि वे बिना बताए हमारे घर आ जाते हैं और फिर जल्दी जाने को कहे जाने पर बुरा मानते हैं। जब मैंने अपने पति से कहा कि उन्हें मेरा और हमारी बेटी का साथ देना चाहिए, तो उनका जवाब था कि तुम्हें और मेरे माता-पिता को आपस में बात करनी चाहिए। वो इस मामले में कुछ नहीं बोलेगा।”

मुश्किल समय में भी साथ नहीं

महिला ने आगे कहा कि ”ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब उन्होंने मेरा साथ नहीं दिया। सबसे बड़ा झटका तब लगा, जब मेरे पिता का निधन हुआ। उस दिन वह मेरे पास तुरंत नहीं आए। वह अगले दिन आए, वो भी अपने बेस्ट फ्रेंड के साथ टेनिस खेलने के बाद। उनका बहाना था कि वह “इस सच्चाई को मानना नहीं चाहते थे।”

शादी नहीं, बस रूममेट जैसा रिश्ता

इन सबके साथ-साथ, सालों से इंटिमेसी की पूरी कमी और यह एहसास कि हम बस रूममेट की तरह साथ रहकर बच्चे की परवरिश कर रहे हैं। मुझे लगने लगा है कि शायद इस शादी को अब बचाया नहीं जा सकता। मैं एक मैरिटल इश्यूज़ स्पेशलाइज़्ड काउंसलर के पास जा रही हूं और मैंने उन्हें भी यह बात बता दी है। लेकिन ऐसा लगता है कि मेरी हर बात दीवार से टकराकर वापस आ जाती है। मैं समझती हूं कि बच्चे के बाद नजदीकियां मुश्किल हो जाती हैं, खासकर जब चाइल्डकेयर का सहारा न हो। लेकिन मुझे नहीं लगता कि हालात इतने बुरे होने चाहिए।

चाहत है, लेकिन पहल भी एकतरफा

मुझे पता है कि मैं भी पहल कर सकती हूं। मैंने कोशिश भी की। फ्लर्टी और इशारों वाले मैसेज भेजे। लेकिन जवाब में सिर्फ हा हा हा इमोजी में मिला, जैसे मेरी भावनाएं मजाक हों। मैं सिर्फ शारीरिक संबंध नहीं, बल्कि यह महसूस करना चाहती हूं कि मेरा पति मुझे चाहता है। उनका तर्क यह भी था कि वह पैसे कमाने और हमें आर्थिक रूप से संभालने पर फोकस कर रहे हैं, क्योंकि मैं अभी नर्सिंग ब्रिज प्रोग्राम पूरा कर रही हूं। मैं उनकी बात समझती हूं, लेकिन अगर शादी ही नहीं बचेगी, तो ये सब किस काम का? कुल मिलाकर, मुझे नहीं पता कि यह रिश्ता अब बच भी सकता है या नहीं। क्या यह शादी सुधर सकती है, या फिर यह बस धीरे-धीरे खत्म होने की ओर बढ़ रही है?

लोगों ने दी ऐसी राय

अब इस मामले में लोगों का मानना है कि महिला जिस स्थिति से गुजर रही है, वह मानसिक और भावनात्मक रूप से बेहद भारी है। ट्रॉमेटिक डिलीवरी, दो साल से शारीरिक संबंध न होना और ससुराल से सपोर्ट न मिलना, इन सबके बीच उसका थक जाना स्वाभाविक है। कई यूजर्स ने साफ कहा कि शादी तभी चल सकती है, जब दोनों पार्टनर जिम्मेदारी लें, एक-दूसरे के लिए खड़े हों और रिश्ते में प्रयास करें। कुछ लोगों ने यह भी कहा कि महिला की अपेक्षाएं गलत नहीं हैं, क्योंकि शारीरिक और भावनात्मक जुड़ाव शादी की बुनियाद होता है। वहीं, कुछ यूजर्स ने काउंसलिंग का इंतजार करने और अंतिम फैसला लेने से पहले अपनी भावनाओं को साफ तौर पर समझने की सलाह दी।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com