नई दिल्ली। भारत में सेक्स आज भी अनसुलझी पहेली है। सेक्स के बारे में खुलकर बातें नहीं की जाती हैं। किशोरों में इसको लेकर हमेशा से उत्सुकता बनी रहती है। कई सारे सवालों को लेकर युवा उलझे रहते हैं। युवाओं के साथ शादीशुदा दंपत्ति इस बात को लेकर चिंतित रहते हैं कि उन्हें हफ्ते या महीने में कितने बार सेक्स करना चाहिए। कहीं ज्यादा बार सेक्स करने से वो कमजोर तो नहीं हो जाएंगे। कहीं वो सेक्स से दूर तो नहीं जा रहे वगैरह-वगैरह।
इस बीच लोग कई तरह का साहित्य खोजते हैं, इस अधकचरा जानकारी से और अधिक भ्रम पैदा होता है। कई लोग समझते हैं कि जितना ज्यादा सेक्स किया जाए, उतना ही स्वास्थ्य के लिए बेहतर है, वहीं कई लोगों का मानना है कि ज्यादा सेक्स उनकी उत्तेजना को कम कर सकता है।
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शारीरिक संबंध में लोग क्या सोचते हैं, इस बात का पता लगाने के लिए 18 से 49 साल के लोगों पर रिसर्च की गई। इस रिसर्च में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। रिसर्च के बाद रिपोर्ट पर मानें तो 18-29 साल तक के लोग साल में औसतन 112 बार सेक्स करते हैं। किन्जी इंस्टीट्यूट ऑफ रीसर्च इन सेक्स, रीप्रोक्शन ऐंड जेंडर की तरफ से की गई इस रिसर्च में कहा गया है कि 30 से 39 साल के लोग साल में औसतन 86 बार वहीं 40 से 49 साल के लोग 69 बार। इनमें से 45 फीसदी जोड़े महीने में कुछ ही दिन संबंध बनाते थे। इसी के साथ 13 फीसदी लोगों ने ये माना कि शादी के एक साल बाद ही उनके बीच संबंध बनाना कम हो गया है।
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रिसर्च के मुताबिक शादी के बाद अन्य जिम्मेदारियां बढ़ने की वजह से उनके सेक्स करना कम हो जाता है। बच्चों की देखभाल और घर परिवार की अन्य जिम्मेदारियों के चलते शारीरिक संबंधों को लेकर अरुचि आ जाती है।
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दरअसल सेक्स शरीर की एक जरुरत है, जो हर्मोंस को भी नियंत्रित करता है। सेक्स आत्मिक संतुष्टि का भी जरिया है। अलग-अलग व्यक्ति के लिए शारीरिक संबंध बनाना की पुनरावृत्ति अलग-अलग हो सकती है।