Saroj Pandey Latest News: क्या इसलिए BJP ने कोरबा से सरोज पांडेय पर खेला दांव?.. एक झटके में टूटा इन नेताओं का ‘दिल्ली’ जानें का सपना..

Saroj Pandey Latest News: क्या इसलिए BJP ने कोरबा से सरोज पांडेय पर खेला दांव?.. एक झटके में टूटा इन नेताओं का ‘दिल्ली’ जानें का सपना..

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Reported By: dhiraj dubay,
Modified Date: March 3, 2024 / 10:49 am IST
Published Date: March 3, 2024 10:47 am IST

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। पहली लिस्ट में भाजपा ने 195 लोकसभा सीटों से उम्मीदवारों की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी सीट से चुनाव लड़ेंगे। भाजपा की पहली लिस्ट में 34 केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं। भाजपा की पहली लिस्ट में 28 महिलाएं हैं, 50 से कम उम्र वाले 47 युवा उम्मीदवार हैं, अनुसूचित जाति से 27, अनुसूचित जनजाति से 18 और पिछड़ा वर्ग से 57 उम्मीदवार शामिल हैं।

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दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय पर आयोजित प्रेस कॉफ्रेंस में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तांवड़े ने प्रत्याशियों की घोषणा की। उन्होंने बताया कि 29 फरवरी को हुई सीईसी की बैठक में सभी राज्यों से आए नेताओं के साथ गहन मंथन के बाद उम्मीदवारों का चयन किया गया।

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बीजेपी ने पहली लिस्ट में ही छत्तीसगढ़ की सभी 11 लोकसभा सीटों पर नाम का ऐलान कर दिया है। छत्तीसगढ़ से बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए रायपुर से सांसद सुनील सोनी का टिकट काट कर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल पर भरोसा जताया है। इसी तरह पार्टी दुर्ग से विजय बघेल जबकि सरगुजा से पूर्व कांग्रेस विधायक चिंतामणि महाराज को अपना उम्मीदवार बनाया हैं।

भाजपा ने सभी चौंकाते हुए कोरबा से पूर्व राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय को उम्मीदवार बनाया हैं जबकि कोरबा से उनका किसी तरह का कोई सीधा जुड़ाव नहीं रहा हैं। कांग्रेस अब इसे भारी-स्थानीय का मुद्दा बनाकर भुनाने की शुरुआत भी कर चुकी हैं। लेकिन सवाल स्वाभाविक हैं कि आखिर बीजेपी ने किन वजहों से सरोज पर दांव खेला हैं? क्या आलाकमान को स्थानीय दावेदारों पर खास भरोसा नहीं था? या फिर यह बीजेपी की बड़ी रणनीति का हिस्सा हैं?

सूत्र बताते हैं कि इस बार कांग्रेस फिर से इस सीट पर अपने सांसद को रिपीट कर सकती हैं। फ़िलहाल यहाँ से मौजूदा नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत की पत्नी ज्योत्सना महंत सांसद हैं। संभवतः भाजपा की रणनीति महिला के खिलाफ महिला को उतारने की हैं। दूसरी बड़ी वजह पिछली बार की हार रही हैं। 2014 में भाजपा के डॉ बंशीलाल महतो यहाँ से सांसद चुने गए थे लेकिन उसके बाद 2019 में हुए चुनाव में भाजपा ने ज्योतिनंद दुबे को मैदान में उतारा। उन्हें इस बार हार का सामना करना पड़ा।

सूत्र बताते हैं कि प्रदेश में सरकार बनने के बाद भाजपा की लहर का फायदा उन्हें इस सीट पर मिलेगा। कोरबा लोकसभा का एक बड़ा हिस्सा सरगुजा संभाग को भी छूता हैं। इस लोकसभा में को विस क्षेत्र शामिल हैं उनमें भरतपुर-सोनहत, मनेंद्रगढ़, बैकुंठपुर, रामपुर, कोरबा, कटघोरा, पाली-तानाखार और मरवाही का नाम हैं। इन आठ में से भाजपा के पास छः विधानसभा सीटें हैं। ऐसे में उम्मीद हैं कि बीजेपी को इस बार कोरबा फतह करने में कोई खास परेशानी नहीं होगी।

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ये नेता थे कतार में

कोरबा लोकसभा सामान्य सीट हैं, ऐसे में यहाँ दावेदारों की संख्या दूसरे लोकसभा सीटों से कही अधिक थी। जिले से भाजपा के दिग्गज नेता और निगम में नेता प्रतिपक्ष हितानन्द अग्रवाल, जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन देवेंद्र पांडेय, पूर्व मेयर जोगेश लाम्बा, गोपाल मोदी, अशोक चावलानी, नवीन पटेल और विकास महतो की उम्मीदवारी मजबूत थी। इसी तरह से आदिवासी चेहरों में ननकीराम कंवर, रामदयाल उइके, श्यामलाल मरावी के लिए भी टिकट की उम्मीद की जा रही थी। हालाँकि पार्टी ने इन सभी नामों को दरकिनार कर बिलकुल नए चेहरे पर दांव खेला हैं। ऐसे देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी का यह चुनावी प्रयोग किस हद तक सफल हो पाता हैं।

सरोज पांडेय का सियासी सफर

  • सरोज पांडेय छत्तीसगढ़ की एकमात्र ऐसी नेता हैं, जो एक ही साल में दुर्ग जिले से महापौर, विधायक और सांसद रहीं।
  • सरोज पांडेय का जन्म 22 जून 1968 को छत्तीसगढ़ के भिलाई में हुआ
  • माता-पिता गुलाब देवी- श्यामजी पांडेय
  • पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय से शिक्षा ली
  • साल 2000 पहली बार और 2005 में दूसरी बार दुर्ग की मेयर बनीं।
  • 10 साल तक लगातार बेस्ट मेयर के अवॉर्ड से सम्मानित
  • साल 2008 में पहली बार वैशाली नगर से विधायक बनीं
  • साल 2009 के दुर्ग संसदीय सीट से सांसद बनी
  • 2013 में भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनीं
  • साल 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन कांग्रेस के ताम्रध्वज साहू से शिकस्त मिली
  • इसके बाद भी पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाया
  • साल 2018 में पहली बार निर्वाचित राज्यसभा सांसद बनीं
  • कांग्रेस के प्रत्याशी लेखराम साहू को हराया था
  • साल 2023 में भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनीं


लेखक के बारे में

A journey of 10 years of extraordinary journalism.. a struggling experience, opportunity to work with big names like Dainik Bhaskar and Navbharat, priority given to public concerns, currently with IBC24 Raipur for three years, future journey unknown