The Big Picture With RKM: मिशन मोड में मोदी! मंत्रिमंडल में ज्यादातर मंत्रियों को क्यों दिए गए पुराने विभाग? जानिए
मिशन मोड में मोदी! मंत्रिमंडल में ज्यादातर मंत्रियों को क्यों दिए गए पुराने विभाग? Why were Most of Ministers in Cabinet Given Old Departments
रायपुरः नरेन्द्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बन चुके हैं। कैबिनेट का गठन होने के बाद सोमवार शाम को पोर्टफोलियो का बंटवारा भी कर दिया गया है। टॉप मंत्रियों के विभागों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पिछली कैबिनेट के सभी प्रमुख मंत्री उन्हीं विभागों में काम करते रहेंगे। जबकि कई विभागों में नए मंत्रियों की तैनाती की गई है। मोदी 3.0 के नए मंत्रिमंडल में ज्यादातर मंत्रियों को पुराने विभाग क्यों दिए गए? क्यों अपनाएं गए पुराने मॉडल? चलिए समझते है..
इस बार मंत्रियों के शपथ ग्रहण और उनकों विभागों के बंटवारे में निरंतरता और अनुभव का सबसे ज्यादा ख्याल रखा गया है। पिछली कैबिनेट के सभी प्रमुख मंत्री उन्हीं विभागों में काम करते रहेंगे। इससे यह साबित होता है कि मोदी एक मिशन मोड में काम कर रहे हैं। इससे मोदी यह दिखाना चाहते हैं कि उनकी सरकार कंटिन्यूटी में चल रही है। मिशन 2047 के लिए काम कर रही हैं। भारत की इकोनॉमी को तीसरे नंबर पर लाने के लिए काम कर रही है। इन बातों को कई बार मोदी अपने भाषणों में भी कह चुके हैं। यही वजह है कि मोदी ने इस बार अपने कैबिनेट में कंटिन्यूटी और अनुभव का समायोजन किया है। लगभग सारे वो विभाग उन्हीं पुराने मंत्रियों को दिए गए हैं, जो पहले से ये जिम्मेदारी संभाल रहे थे। एक और इंटरेस्टिंग चीज यह है कि कैबिनेट में इस बार उन्होंने जो नए मंत्रियों को शामिल किया है, वे सभी अनुभवी है। पीएम मोदी उनके अनुभव का भरपूर उपयोग करना चाहते हैं। उदाहरण के तौर पर देखें तो मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और विदिशा से सांसद शिवराज सिंह चौहान को उन्होंने कृषि मंत्रालय की जिम्मेदारी दी है। चूंकि किसानों की समस्या, एमएसपी की गारंटी, किसानों का आंदोलन एक बड़ा मुद्दा था, जिसे बीजेपी सरकार नहीं संभाल पाई थी। शिवराज सिंह चौहान काफी अनुभवी व्यक्ति माने जाते हैं। चार बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और पहले भी सांसद रहे हैं। राजनीति में उनका बहुत अच्छा अनुभव है और जनता के बीच भी उनकी अच्छी छवि है। सौम्य और सहृदय है। पीएम मोदी को लगता है कि जो किसानों की समस्या है, उसे शिवराज सिंह चौहान ठीक ढ़ंग से हैंडल कर सकते हैं।
इन चीजों को परखकर दिए गए मंत्रालय
इसी तरीके से पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश के ही ज्योतिरादित्य सिंधिया को टेलीकॉम मंत्रालय दी है। यह एक बहुत ही अपकमिंग सेक्टर है। इस विभाग में अभी बहुत काम होना है। 6जी के साथ-साथ और भी बड़े काम यहीं से होना है। बड़े-बड़े बिजनेस मैन इसमें इनवॉल्व है। यही वजह है कि इस सेक्टर की कमियों और समस्याओं को दूर करने के लिए सिंधिया को यह जिम्मेदारी दी गई है। इसी तरह से अश्विनी वैष्णव को एक बार फिर रेलवे की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्हें इंफॉर्मेशन ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्ट्री भी दिया है। बेंगलुरु से आने वाले एचडी कुमारस्वामी को उन्होंने एक हैवी इंडस्ट्री मंत्रालय दिया है कुल मिलाकर यह कहे कि इस बार के मंत्रिमंडल में विभागों के बंटवारे को लेकर मोदी ने बहुत सोच-समझकर फैसला लिया है। विभागों की लिस्ट को देखकर लगता है कि मोदी ने कौन व्यक्ति क्या कर सकता है? किस काम में कौन माहिर है? इन चीजों को काफी अच्छे से परखा है। मिशन 2047 के लक्ष्य को पाने में सरकार की निरंतरता रखने के लिए फिर से पुराने सरकार के मंत्रियों को यथावत रखा है।
मंत्रियों को मिला लक्ष्य
विभागों के बंटवारे से पहले उन्होंने अपने सुपर-30 यानी कैबिनेट के 30 मंत्रियों के साथ बैठक की। इस बैठक में उन्होंने सभी को लक्ष्य दिया। इन सभी चीजों को देखकर लगता है कि मोदी एक मिशन मोड पर काम कर रहे हैं। और उनकी नजर अपने लक्ष्य पर टिकीं हुई है। इसीलिए उन्होंने अपने मंत्रिमंडल के विभागों में ज्यादा फेरबदल नहीं किया। इसी के साथ ही वे अब अपने लक्ष्य की ओर अपने तीसरे कार्यकाल में निकल पड़े हैं।

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