Anganwadi Workers Strike: नियमितीकरण सहित विभिन्न मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे हजारों आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मुख्यमंत्री नाम सौंपा ज्ञापन, मांग पूरी नहीं होने पर दी ये चेतावनी

Anganwadi Workers Strike: नियमितीकरण सहित विभिन्न मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे हजारों आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मुख्यमंत्री नाम सौंपा ज्ञापन, मांग पूरी नहीं होने पर दी ये चेतावनी

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  • Publish Date - December 11, 2025 / 09:38 PM IST,
    Updated On - December 11, 2025 / 09:40 PM IST

Anganwadi Workers Strike

HIGHLIGHTS
  • मंडला में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का उग्र धरना प्रदर्शन
  • ज्ञापन में शासकीय कर्मचारी का दर्जा और नियमितीकरण की मांग
  • संगठन ने चेतावनी दी कि आंदोलन और बड़ा होगा

मंडला: Anganwadi Workers Strike अपनी लंबित मांगों को लेकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का गुस्सा आज मंडला की सड़कों पर खुलकर नज़र आया। मप्र बुलंद आवाज़ नारी शक्ति के बैनर तले हज़ारों की संख्या में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने शहर के मुख्य मार्गों पर विशाल रैली निकाली और कलेक्ट्रेट मार्ग पर उग्र धरना प्रदर्शन किया।

Anganwadi Workers Strike प्रदर्शनकारी महिलाओं ने शहर के विभिन्न मार्गों का भ्रमण कर जोरदार शक्ति प्रदर्शन किया। रैली के बाद सभी कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुँचे, जहाँ उन्होंने अपर कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा। उन्हें शासकीय कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। सभी कार्यकर्ताओं को नियमित किया जाए। वर्षों से लंबित अन्य मांगों पर सरकार तत्काल कार्रवाई करे।

सप्रदर्शनकारियों ने साफ शब्दों में कहा कि अब उनके धैर्य की सीमा खत्म हो चुकी है। संगठन ने सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि उनकी माँगें जल्द पूरी नहीं की गईं, तो आने वाले समय में यह आंदोलन और अधिक उग्र रूप ले सकता है और वे इससे भी बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगी। यह एक दिवसीय उग्र आंदोलन ज़िला प्रशासन के सामने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के असंतोष को उजागर करता है, और अब देखना यह है कि सरकार उनकी मांगों पर क्या कदम उठाती है।

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आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन क्यों किया?

अपनी लंबित मांगों जैसे शासकीय कर्मचारी का दर्जा और नियमितीकरण को लेकर।

प्रदर्शन कहाँ हुआ?

मध्यप्रदेश के मंडला जिले में, कलेक्ट्रेट मार्ग पर।

ज्ञापन में क्या मांगें रखी गईं?

शासकीय कर्मचारी का दर्जा, सभी कार्यकर्ताओं का नियमितीकरण और लंबित मांगों पर कार्रवाई।