भोपालः Chhindwara Cough Syrup Case: जहरीले कफ सिरप मामले को लेकर मध्यप्रदेश सरकार एक्शन मोड में है। सीएम डॉ. मोहन यादव के निर्देश के बाद अब प्रदेश के ड्रग कंट्रोलर दिनेश मौर्य को हटा दिया गया है। उनकी जगह अब संचालक स्वास्थ्य सेवाएं दिनेश श्रीवास्तव को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे पहले सीएम यादव ने खाद्य एवं औषधि प्रशासन के उपसंचालक शोभित कोष्टा, छिंदवाड़ा के ड्रग इंस्पेक्टर गौरव शर्मा और जबलपुर ड्रग इंस्पेक्टर शरद जैन सस्पेंड करने के निर्देश दिए थे।
Chhindwara Cough Syrup Case: इससे पहले छिंदवाड़ा जिले के परासिया में 14 बच्चों की मौत के मामले में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए डॉ. प्रवीण सोनी और श्रेसन फार्मास्युटिकल कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। डॉ. सोनी को गिरफ्तार कर लिया था। स्वास्थ्य विभाग की शिकायत पर हुई इस कार्रवाई में 10 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है। जांच में कफ सिरप कोल्ड्रिफ में 46.2% डायएथिलिन ग्लायकॉल (DEG) की पुष्टि हुई है, जिसे बच्चों की मौत का कारण माना जा रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर डॉ. सोनी को निलंबित कर दिया गया है।
छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत से पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है। इसी बीच अब मध्यप्रदेश में दो और कफ सिरप में खतरनाक केमिकल होने बात सामने आई है। री लाइफ और रेस्पिफ्रेस टीआर नाम से सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकॉल की अधिक मात्रा पाई गई है। फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की जांच रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। दोनों सिरप पर तत्काल रोक लगाने की प्रक्रिया शुरू दी गई है। कोल्ड्रिफ कफ सिरप में खतरनाक केमिकल की पुष्टि होने के बाद छिंदवाड़ा में जांच के लिए 19 सिरप के नमूने लिए गए थे, जिनमें से 4 मानकों पर खरे नहीं उतरे। सबसे गंभीर मामला ‘री लाइफ‘ और ‘रेस्पिफ्रेस टीआर‘ कफ सिरप में सामने आया है, जिनमें डायएथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा 0.1% से अधिक पाई गई। यह वही खतरनाक केमिकल है जो पहले ‘कोल्डरिफ‘ कफ सिरप में पाया गया था और जिससे कई बच्चों की जानें गई थीं।
इन्हें भी पढ़ेंः-