Naxal Kabir Surrender: झीरम घाटी से बालाघाट तक… कबीर का आतंक खत्म, मोस्ट वांटेड नक्सली ने किया सरेंडर… पुलिस पूछताछ में हुए कई बड़े खुलासे
Naxal Kabir Surrender: झीरम घाटी से बालाघाट तक… कबीर का आतंक खत्म, मोस्ट वांटेड नक्सली ने किया सरेंडर... पुलिस पूछताछ में हुए कई बड़े खुलासे
Naxal Kabir Surrender/Image Source: IBC24
- मोस्ट वांटेड नक्सली कबीर उर्फ़ सुरेंद्र का आतंक खत्म
- झीरम घाटी हमले के मास्टरमाइंड ने किया सरेंडर
- 2013 के झीरम घाटी हमले का बड़ा खुलासा
बालाघाट: Naxal Kabir Surrender: मध्यप्रदेश के बालाघाट में हाल ही में आत्मसमर्पण करने वाला लाखों का इनामी नक्सली कबीर उर्फ़ सुरेंद्र वर्ष 2013 के बहुचर्चित झीरम घाटी नक्सली हमले में शामिल था। बालाघाट पुलिस की पूछताछ में उसके इस बड़े जुर्म का खुलासा हुआ है। पुलिस के मुताबिक कबीर ने हमले में अपनी भूमिका खुद कुबूली है।
मोस्ट वांटेड नक्सली कबीर उर्फ़ सुरेंद्र का आतंक खत्म (Balaghat Naxal surrender)
Naxal Kabir Surrender: 25 मई 2013 छत्तीसगढ़ की राजनीति का सबसे काला दिन। कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व दरभा की झीरम घाटी से गुजर रहा था जब अचानक आईईडी ब्लास्ट हुआ और फिर करीब 200 माओवादियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले में महेंद्र कर्मा और नंद कुमार पटेल जैसे बड़े नेताओं की निर्ममता से हत्या कर दी गई थी। इसी हमले में मौजूद था कबीर उर्फ़ सुरेंद्र, जिसने अब बालाघाट पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। पुलिस पूछताछ में कबीर ने कबूल किया है कि वह झीरम घाटी हमले में चैतू दादा के नेतृत्व में एंबुश लगाने में शामिल था। हमले के बाद 2014-15 में वह बालाघाट आया और अलग-अलग दलम में काम करता रहा।
2013 के झीरम घाटी हमले का बड़ा खुलासा (Balaghat Naxal Kabir)
Naxal Kabir Surrender: 2021 में उसे केबी (कान्हा भोरमदेव) डिवीजन प्रमुख और एमएमसी जोन का सचिव बनाया गया। बालाघाट में वह 12 साल से सक्रिय था और परसवाड़ा दलम को दोबारा एक्टिव करने की कोशिश कर रहा था। लेकिन सुरक्षा बलों की नई रणनीति ने उसके मंसूबों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। छत्तीसगढ़ के सुकमा का रहने वाला 50 साल का कबीर, जिसे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र तीनों राज्यों में मोस्ट वांटेड माना जाता था, 6 दिसंबर की रात AK-47 और 100 राउंड के साथ 9 साथियों सहित सरेंडर कर चुका है।

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