Balaghat Naxal Surrender: लाल आतंक को एक और बड़ा झटका! इस जिले में दो बड़े इनामी नक्सलियों ने CRPF के सामने डाले हथियार, इनाम जानकर रह जाएंगे हैरान
दो बड़े इनामी नक्सली दीपक और रोहित ने CRPF के सामने हथियार डालकर आत्मसमर्पण किया। दीपक माओवादी संगठन से 1995 से जुड़ा था और वह डिप्टी कमांडर के पद पर था। सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई के बाद यह सरेंडर बड़ी सफलता माना जा रहा है।
Balaghat Naxal Surrender/ Image Source: IBC24
- बालाघाट के दो सक्रिय नक्सली दीपक और रोहित ने आत्मसमर्पण किया।
- दीपक पर 29 लाख और रोहित पर 14 लाख रुपए का इनाम घोषित था।
- 1995 में माओवादी संगठन में सक्रिय था
Balaghat Naxal Surrender बालाघाट : मध्य प्रदेश के बालाघाट ज़िले से नक्सल मोर्चे से जुडी बड़ी खबर सामने आई है। जिले के दो सक्रिय नक्सली दीपक और रोहित ने आत्मसमर्पण कर दिया है। दोनों नक्सलियों ने CRPF कैंप में सुरक्षा बलों के सामने हथियार डाल दिए है । दोनों के उप्पर कुल 43 लाख का इनाम घोषित था। दोनों के सरेंडर को सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता माना जा रहा है।
Balaghat Naxal Surrender आपको बता दे की , सरेंडर करने वाला दीपक बालाघाट जिले के पालागोंदी का रहने वाला है। दोनों के उप्पर इनाम घोषित था, जिसमे दीपक पर 29 लाख वही रोहित पर 14 लाख रुपए इनाम घोषित था। दोनों लंबे समय से इलाके में नक्सल गतिविधियों में शामिल रहे थे और सुरक्षा एजेंसियों को लम्बे समय से उनकी तलाश थी। यह कदम स्थानीय पुलिस और CRPF की संयुक्त कार्रवाई एवं निरंतर दबाव का परिणाम बताया जा रहा है। फ़िलहाल दीपक और रोशन के सरेंडर से बालाघाट को नक्सल मुक्त जिला बन चुका है।
1995 में माओवादी संगठन में हुआ था सक्रिय
Balaghat Naxal Surrender दीपक उर्फ सुधाकर उर्फ मंगल उइके वर्ष 1995 से माओवादी संगठन से जुड़ा था। वह मलाजखंड दलम का डिप्टी कमांडर था और डीवीसीएम रैंक का माओवादी था। वह बेहद चालाक और रणनीतिकार माना जाता था लेकिन बालाघाट पुलिस और सुरक्षाबलों की सघन सर्चिंग और लगातार माओवादियों के सरेंडर से हारकर दीपक ने भी हथियार डाल दिए उसने गुरुवार को अपने साथी रोहित कोरका थाना बिरसा में आत्मसमर्पण किया है।

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