‘अगर गैर-आदिवासी व्यक्ति से शादी की तो काट दिए जाएं हाथ और पैर..’ मांझी सरकार ने पुलिस से क्यों की ऐसी मांग
'अगर गैर-आदिवासी व्यक्ति से शादी की तो काट दिए जाएं हाथ और पैर..' मांझी सरकार ने पुलिस से क्यों की ऐसी मांग!Manjhi government's demand from Police
Manjhi government's demand from Police | Source : IBC24
- मांझी सरकार के सैनिकों और आदिवासी समाज ने चोपना पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- माझी सरकार ने एडिशनल एसपी को ज्ञापन सौंपकर उचित कार्रवाई करने की मांग की।
- मांझी सरकार ने चेतावनी दी है कि अगर निर्दोष सैनिकों पर दर्ज झूठे मामले को तुरंत खत्म नहीं किया गया और निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो आदिवासी समाज उग्र आंदोलन करेगा।
बैतूल। Manjhi government’s demand from Betul Police : एमपी के बैतूल के चोपना थाना क्षेत्र में दर्ज अपराध क्रमांक 31/25 को लेकर मांझी सरकार के सैनिकों और आदिवासी समाज ने चोपना पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मांझी सरकार के भारत प्रतिनिधि श्रवण कुमार परते ने कहा कि आदिवासी युवती को बहला-फुसलाकर ले जाने और शारीरिक शोषण करने वाले बंगाली युवक के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय पुलिस ने मांझी सैनिकों के खिलाफ झूठा मामला दर्ज कर लिया। इस मामले में माझी सरकार ने एडिशनल एसपी को ज्ञापन सौंपकर उचित कार्रवाई करने की मांग की।
ये है पूरा मामला
यह मामला उस समय सामने आया जब मांझी सैनिक पीड़िता के माता-पिता के साथ उसे छुड़ाने के लिए विष्णुपुर गए थे। वहां से महिला को लाने के बाद आरोपी पक्ष ने मांझी सैनिकों पर झूठी शिकायत दर्ज करा दी। इस कार्रवाई से आदिवासी समाज में आक्रोश व्याप्त है। ज्ञापन पढ़ने के दौरान मांझी सरकार के दिल्ली प्रतिनिधि वस्तु सिंह सलाम ने एडिशनल एसपी के सामने कठोर सजा के बयान देकर सनसनी फैला दी। उन्होंने एडिशनल एसपी के सामने मांग रखी कि अगर कोई आदिवासी लड़की गैर-आदिवासी व्यक्ति से शादी करती है, तो उसके हाथ और पैर काट दिए जाएं।
पुलिस पर राजनीतिक दबाव में काम करने का आरोप मांझी सरकार के जिला अध्यक्ष नौरंग सिग आहके ने कहा कि पुलिस ने राजनीतिक दबाव में आकर निर्दोष मांझी सैनिकों के खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया है। जिला मंत्री रामकिशोर धुर्वे ने बताया कि चोपना थाना प्रभारी ने निर्दोष आदिवासी समाज के लोगों को आतंकवादी तक कह दिया, जिससे समाज में रोष फैल गया है। संगठन के सदस्यों ने मांग की कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और निर्दोष मांझी सैनिकों पर दर्ज मामला खारिज किया जाए।
मांझी सरकार ने चेतावनी दी है कि अगर निर्दोष सैनिकों पर दर्ज झूठे मामले को तुरंत खत्म नहीं किया गया और निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो आदिवासी समाज उग्र आंदोलन करेगा। संगठन ने कहा कि आंदोलन से उत्पन्न किसी भी स्थिति की जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

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