Bhopal News: छिंदवाड़ा सिरप कांड के बाद MP सरकार ने कसा सुरक्षा का पहरा, सरकारी अस्पतालों में दवाओं पर अब QR कोड अनिवार्य, पढ़ें पूरा मामला…
मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवा और दवा वितरण को और पारदर्शी बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। यह फैसला एमपी के छिंदवाड़ा में हुए कफ सिरप कांड के बाद लिया गया है। पूरा मामला क्या है, चलिए विस्तार से बताते हैं।
Bhopal News/ image source: IBC24
- मध्यप्रदेश के सरकारी अस्पतालों में हर दवा पर बारकोड/QR कोड अनिवार्य।
- स्कैन करने पर मिलेगी दवा की नाम, कंपनी, बैच नंबर और एक्सपायरी डेट।
- 1200 दवाओं के लिए लागू नई ट्रैकिंग प्रणाली।
Bhopal News: भोपाल: मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवा और दवा वितरण को और पारदर्शी बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। अब राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में दवाओं पर बारकोड या QR कोड अनिवार्य कर दिया गया है।
क्या है पूरा मामला..?
दरअसल, इस नई व्यवस्था के तहत हर दवा पैकिंग पर उसका पूरा विवरण स्कैन के माध्यम से देखा जा सकेगा, जिसमें दवा का नाम, निर्माता कंपनी, बैच नंबर और एक्सपायरी डेट जैसी महत्वपूर्ण जानकारियाँ शामिल होंगी। सरकारी स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इस प्रणाली से मरीजों, डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन को दवाओं की जाँच करना आसान होगा और किसी भी नकली या अवैध दवा की सप्लाई पर रोक लगाई जा सकेगी।
MPPHC ने नई प्रक्रिया को किया लागू
Bhopal News: मध्यप्रदेश फार्मास्युटिकल हेल्थ केयर (MPPHC) ने इस नई ट्रैकिंग प्रणाली को लागू किया है। अब राज्य में सप्लाई होने वाली लगभग 1200 दवाओं पर बारकोड अनिवार्य होगा। इसके माध्यम से न केवल दवाओं का वितरण और स्टॉक रिकॉर्ड ऑनलाइन रखा जा सकेगा, बल्कि एक्सपायरी डेट और बैच डिटेल्स की निगरानी भी सुनिश्चित होगी।
नई व्यवस्था के तहत अब सरकारी अस्पतालों में बिना बारकोड या QR कोड वाली दवा की सप्लाई पूरी तरह प्रतिबंधित होगी। दवा का कोड स्कैन करते ही डॉक्टर और अस्पताल प्रशासन को दवा की पूरी जानकारी मिल जाएगी। यही नहीं, इस प्रणाली से ड्रग ट्रैकिंग-ट्रेसिंग सिस्टम को मजबूती मिलेगी और नकली दवाओं की सप्लाई पर भी रोक लगेगी।
Bhopal News: MPPHC का कहना है कि इससे न केवल दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी, बल्कि मरीजों को सुरक्षित दवा उपलब्ध कराने में भी मदद मिलेगी। अस्पतालों और फार्मेसियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी दवाओं पर नया बारकोड सिस्टम लागू हो और दवा की आपूर्ति इसी आधार पर की जाए।
क्यों उठाया गया है यह कदम ?
Bhopal News: सरकार का उद्देश्य है कि छिंदवाड़ा सिरप कांड जैसी घटनाओं को दोबारा होने से रोका जा सके और स्वास्थ्य सेवाओं में सुरक्षा और पारदर्शिता बढ़े। छिंदवाड़ा सिरप कांड में दूषित कफ सिरप पीने से कई बच्चों की मौत का मामला शामिल है, जिसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने सख्त कार्रवाई की है। इस सिरप में हानिकारक पदार्थ डायएथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया था, जिसके कारण बच्चों की किडनी फेल होने जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हुईं।
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