Samapda 2.0 E-Registry System Launch Today: भोपाल। प्रदेश के सभी जिलों में आज से प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के लिए संपदा 2.0 साफ्टवेयर के आधार पर काम शुरू होने जा रहा है। सीएम डॉ. मोहन यादव आज पंजीयन विभाग द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर संपदा -2.0 के ई-पंजीयन एवं ई-स्टॉम्पिंग का शुभारंभ करेंगे। कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कनवैंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा करेंगे। इस दौरान सीएम यादव विभागीय अधिकारियों से संपदा-2.0 की विशेषताओं पर चर्चा करेंगे।
सीएम मोहन यादव ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘Ease Of Living’ लक्ष्य की पूर्ति एवं भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था हेतु मध्यप्रदेश सरकार नागरिकों को ‘ई-पंजीयन’ और ‘ई-स्टाम्पिंग’ की सौगात देते हुए आज ‘संपदा 2.0’ का शुभारंभ करने जा रही है। संपत्ति पंजीकरण प्रक्रिया को डिजिटल बनाने की दिशा में राज्य शासन का यह एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रदेश में रजिस्ट्री के नये नियम लागू किये गये है। इस उन्नत सॉफ्टवेयर का पायलेट प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन गुना, हरदा, डिण्डौरी और रतलाम जिलों में सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया गया है। आगामी गुरूवार को इसे प्रदेश के सभी 55 जिलों में लागू किया जाएगा।
सम्पदा 2.0 से ई-केवाइसी से होगी पहचान
सम्पदा 2.0 से ई-केवाइसी से पहचान होगी। इसकी विशेषताओं में संपत्ति की जीआईएस मैपिंग, बायोमैट्रिक पहचान और दस्तावेजों का स्वतः प्ररूपण शामिल है। इस प्रणाली में दस्तावेजों का निष्पादन ई-साइन और डिजिटल सिग्नेचर से किया जाएगा, जिससे गवाह लाने की अनिवार्यता समाप्त हो जाएगी। कुछ दस्तावेजों के पंजीकरण के लिए अब उप पंजीयक कार्यालय में व्यक्तिगत उपस्थिति की आवश्यकता नहीं होगी। पंजीयन अधिकारी से संवाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया जाएगा और कई मामलों में किसी भी प्रकार के इंटरैक्शन की आवश्यकता नहीं होगी। व्यक्ति की पहचान के लिए वीडियो केवाईसी का प्रावधान भी रखा गया है।
ई-साइन एवं डिजिटल हस्ताक्षर से होगा दस्तावेज का निष्पादन
पंजीयन के लिये ई-साइन एंव डिजिटल हस्ताक्षर से दस्तावेज का निष्पादन होगा। दस्तावेजों की ई-कॉपी डिजी लॉकर, व्हाट्सएप, और ई-मेल के माध्यम से उपलब्ध होगी। साथ ही ई-स्टाम्प सृजित करने की सुविधा भी होगी। संपत्ति की सर्च प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाया गया है।
सम्पदा 2.0 – विशेष मोबाइल एप
सम्पदा 2.0 विशेष मोबाइल एप भी लॉन्च किया जा चुका है। यह नवाचार न केवल आम जनता के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि मध्यप्रदेश को ई-गवर्नेंस की दिशा में एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगा। यह पहल साइबर तहसील और डिजिटल प्रक्रियाओं से प्रदेश के राजस्व संग्रहण को भी सुचारू रूप से संचालित करेगी।