Ratapani Tiger Reserve Inauguration। Image Credit: I MP DPR
भोपाल। Ratapani Tiger Reserve Inauguration: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के रातापानी टाइगर रिजर्व का नाम विश्व विख्यात पुरातत्वविद डॉ. विष्णु वाकणकर के नाम से जाना जाएगा। रातापानी टाइगर रिजर्व में स्थित विश्व धरोहर भीमबेटका को डॉ. वाकणकर के अथक परिश्रम के परिणाम स्वरुप ही पहचान प्राप्त हुई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश की वन्य-जीव संपदा को और अधिक संपन्न करने के लिए रातापानी टाइगर रिजर्व की अनुमति प्रदान करने पर प्रदेशवासियों की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि देश के समस्त राज्यों की राजधानियों में भोपाल ही एकमात्र ऐसी राजधानी है, जिसके आँगन में टाइगर रिजर्व विद्वमान है। इस सम्मान के लिए भोपालवासी और प्रदेशवासी बधाई के पात्र हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने झिरी गेट से रातापानी टाइगर रिजर्व का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने टाइगर रिजर्व संबंधी जागरूकता के लिए आरंभ “विरासत से विकास” की अनूठी बाईक रैली को कोलार रोड स्थित गोल जोड़ से झंडी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्वयं भी बाइक चला कर रैली की अगुवाई की।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव का गोल जोड़ पर गजमाला पहनाकर स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने झिरी गेट पर रातापानी टाइगर रिजर्व का लोकार्पण किया और हरी झंडी दिखाकर पर्यटकों के सफारी वाहन को रवाना किया। इस दौरान फिल्म अभिनेता रणदीप हुड्डा विशेष रूप से उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अभिनेता हुड्डा की प्रशंसा और स्वागत करते हुए कहा कि उन्होंने फिल्म में अपनी भूमिका के माध्यम से देश की स्वतंत्रता में वीर सावरकर के योगदान को वर्तमान पीढ़ी के लिए जीवंत कर दिया।
Ratapani Tiger Reserve Inauguration। Image Credit: MP DPR
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार का एक वर्ष पूर्ण होने पर रातापानी टाइगर रिजर्व जैसी सौगात मिलने से क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। यह आनंद और उत्साह का अवसर है। इस उपलब्धि के रोमांच का प्रकटीकरण करते हुए रातापानी टाइगर रिजर्व के लोकार्पण पर बाइक रैली निकालकर जागरूकता के प्रचार-प्रसार का नवाचार किया गया। टाइगर रिजर्व से भोपाल में पर्यटन गतिविधियों के लिए बड़ी संभावना निर्मित हुई है। होटल, लॉज और अन्य पर्यटन सुविधाओं से रोजगार, कौशल और उद्यमशीलता के अवसर उपलब्ध होंगे। राज्य सरकार भी इस दिशा में हर संभव सहयोग करने के लिए तत्पर है।
रातापानी टाइगर रिजर्व के जरिये भोपाल सहित प्रदेश के तीन जिलों को अनुपम सौगात प्राप्त हुई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रहस्य रोमांच, प्रकृति, इतिहास, संस्कृति, पुरातत्व सभी कुछ रातापानी टाइगर रिजर्व में उपलब्ध है। भोपाल का सौभाग्य है कि “वन-विहार” बड़े तालाब के पास है और रातापानी टाइगर रिजर्व भी भोपाल के पड़ौस में आ गया है। टाइगर रिजर्व, वन्य प्राणियों के संरक्षण के साथ स्थानीय निवासियों को होम-स्टे और अन्य गतिविधियों के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने में भी सहायक होगा।
Ratapani Tiger Reserve Inauguration। Image Credit: MP DPR
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश टाइगर स्टेट है। देश के सभी राज्यों की तुलना में सर्वाधिक टाइगर मध्यप्रदेश में है। विश्व में भी सर्वाधिक टाइगर की संख्या भारत में ही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने टाइगर रिजर्व में सभी आवश्यक विकास कार्य करने, रोजगार गतिविधियों के संचालन, स्थानीय निवासियों की सहायता और उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन उपलब्ध कराने के लिए गतिविधियां संचालित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि रातापानी टाइगर रिजर्व को श्रेष्ठ टाइगर रिजर्व बनाने के लिए टीम भावना से कार्य करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार विकास का नया कीर्तिमान स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रातापानी टाइगर रिजर्व का लोकार्पण कर स्थानीय ग्रामीणों से संवाद भी किया। ग्रामवासियों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का स्वागत और अभिवादन करते हुए सागौन के पत्ते से निर्मित स्मृति-चिन्ह भी भेंट किया।
Ratapani Tiger Reserve Inauguration। Image Credit: MP DPR
– रातापानी हमेशा से बाघों का घर रहा है। रातापानी अभयारण्य को रातापानी टाइगर रिज़र्व में अपग्रेड किया जा रहा है। इससे भारत में ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व में भोपाल को टाइगर की राजधानी के रूप में एक नई पहचान मिलेगी।
– रातापानी अभयारण्य में बाघों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है, जिससे यह क्षेत्र बाघों का एक महत्वपूर्ण बसेरा बन गया है।
– वर्ष 1976 में रातापानी को वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था। रातापानी न केवल बाघों बल्कि कई अन्य वन्य जीवों का भी घर है। यह एक ऐसा स्थान है, जहां लोग प्रकृति की विविधता को करीब से देख सकेंगे।
– रायसेन एवं सीहोर जिले में रातापानी अभयारण्य का कुल क्षेत्रफल लगभग 1272 वर्ग किलोमीटर पूर्व से अधिसूचित है। अभी रिजर्व के कुल क्षेत्रफल में से 763 वर्ग किलोमीटर को कोर क्षेत्र घोषित किया गया है। यह वह क्षेत्र है, जहां बाघ बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के स्वतंत्र रूप से विचरण कर सकेंगे।
– शेष 507 वर्ग किलोमीटर को बफर क्षेत्र घोषित किया गया है। यह क्षेत्र कोर क्षेत्र के चारों ओर स्थित है और इसका उपयोग कुछ प्रतिबंधों के साथ स्थानीय समुदायों के लिए किया जा सकेगा।
– रातापानी के आसपास रहने वाले स्थानीय लोगों की आजीविका इस क्षेत्र से जुड़ी हुई है। टाइगर रिज़र्व बनने के कारण यह पर्यटन को और बढ़ावा देगा, जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।