MP Politics: भोपाल। बशीर बद्र की वो शेर तो आपको सुना ही होगा कि दुश्मनी जमकर करो लेकिन य गुंजाइश रहे। जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न दो। लेकिन बशीर बद्र का ये शेर राजनीति के लिए बिलकुल सटीक नहीं बैठती। यहां तो अपनों को ही, अपने साथियों को ही कचरा बताया रहा है और सामने वाली पार्टी को डंपिंग ग्राउंड। MP में अब शुरु हो गया है कचरा वॉर।
जी हां 2024 का चुनावी शंखनाद हो चुका है। तारीखों के ऐलान के जहां सियासी दलों को तैयारी में जुटना चाहिए। वहीं कांग्रेस से लगातार लोग BJP में जा रहे हैं। जाहिर से चुनाव से पहले लगभग 75 दिनों में 6000 कार्यकर्ताओं के भाजपा में जाने से कांग्रेस बौखला रही है। घबरा रही है और कभी जो अपने रहे, उन पर बुरी तरह से वार भी कर रही है। य़कीन न हो तो पूर्व विधायक का जरा ये बयान सुन लीजिए।
इधर बीजेपी को डंपिंग ग्राउंड बताने और कांग्रेस का कचरा बीजेपी में डालना बताने पर बीजेपी भड़क गई और बीजेपी ने कांग्रेस पर जमकर प्रहार किया। न सिर्फ सत्यनारायण पटेल बल्कि सोमवार को ही पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने भी बीजेपी में शामिल होने वाले कांग्रेस नेताओं कार्यकर्ताओं को 500/1000 का नोट बताया था और ये कहा था कि कांग्रेस का शुद्धिकरण हो रहा है।
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MP Politics: वक्त चुनाव का है… लेकिन अपने लोगों को बीजेपी में जाने से रोकने में नाकाम होती कांग्रेस। इस तरह से बयानों से कहीं अपने पैरों पर कुल्हाड़ी तो नहीं मार रही। अब तक जो साथ थे उन्हें कचरा बताना, क्या उनकी घर वापसी की संभावना खत्म नहीं कर रही। इस सवाल का जबाब शीर्ष नेतृत्व से तलाशने की जरूरत है। साथ ही बीजेपी को सोचना होगा कि क्या वो वाकई कांग्रेस का कचरा ही तो नहीं समेट रही है।