Public Toilet Name on Babar: ‘बाबर’ के नाम पर रखा सार्वजनिक शौचालय का नाम.. हिन्दू समिति के इस नेता ने बताई नामकरण की वजह, जानें आप भी

Public Toilet Name on Babar: भोपाल में ‘संस्कृति बचाओ मंच व हिन्दू युवा समिति’ के नेताओं ने सड़कों पर रैली निकाली। इस दौरान उन्होंने दूसरे नंबर स्टॉपेज पर स्थित एक सार्वजनिक शौचालय पर बाबर के नाम का पोस्टर चस्पा कर औपचारिक रूप से उसका “नामकरण” कर दिया।

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  • Publish Date - December 9, 2025 / 02:14 PM IST,
    Updated On - December 9, 2025 / 02:30 PM IST

Public Toilet Name on Babar || Image- IBC24 News File

HIGHLIGHTS
  • भोपाल में बाबर नामकरण विवाद बढ़ा
  • हिन्दू संगठनों ने रैली निकाली
  • सार्वजनिक शौचालय पर पोस्टर लगाया

Public Toilet Name on Babar: भोपाल: मुग़ल सल्तनत के बादशाह बाबर को लेकर पश्चिम बंगाल में शुरू हुआ राजनीतिक विवाद अब मध्य प्रदेश पहुँच गया है। एक ओर विपक्ष है तो दूसरी ओर भाजपा और उससे जुड़े संगठन इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रहे हैं।

Madhya Pradesh Babar Controversy: राजधानी में निकली रैली

पश्चिम बंगाल के टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर ने हाल ही में मुर्शिदाबाद में बाबर के नाम पर मस्जिद निर्माण का दावा किया था। इसके बाद जमकर विवाद हुआ और टीएमसी ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया। दो दिन पहले मस्जिद की आधारशिला भी रखी गई, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। बाबर को लेकर छिड़ा यह विवाद अब मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल तक पहुँच चुका है।

The Bengal Controversy: जानें क्या संगठन की मांग

Public Toilet Name on Babar: भोपाल में ‘संस्कृति बचाओ मंच व हिन्दू युवा समिति’ के नेताओं ने सड़कों पर रैली निकाली। इस दौरान उन्होंने दूसरे नंबर स्टॉपेज पर स्थित एक सार्वजनिक शौचालय पर बाबर के नाम का पोस्टर चस्पा कर औपचारिक रूप से उसका “नामकरण” कर दिया। हिन्दू संगठनों का कहना है कि, जब बंगाल में मस्जिद का नाम बाबर के नाम पर रखा जा रहा है, तो सवाल उठता है कि मुस्लिम क्रांतिकारियों या समाज सुधारकों के नाम पर ऐसे स्थानों का नामकरण क्यों नहीं किया जाता?

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Q1. भोपाल में बाबर नामकरण विवाद कैसे शुरू हुआ?

यह विवाद बंगाल में बाबर नाम की मस्जिद चर्चा के बाद भोपाल तक पहुँचा।

Q2. हिन्दू संगठनों ने सार्वजनिक शौचालय पर पोस्टर क्यों लगाया?

उन्होंने इसे विरोध का प्रतीक बताते हुए नामकरण नीति पर सवाल उठाए।

Q3. इस मामले पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ कैसी रही हैं?

विपक्ष और विभिन्न संगठन इसे राजनीतिक मुद्दा मानकर अपनी राय रख रहे हैं।