Face To Face Madhya Pradesh: कुंभ खत्म, सियासत जारी..कौन है असली भगवाधारी? क्या राहुल गांधी ने जान बूझकर महाकुंभ से दूरी बना रखी

Face To Face Madhya Pradesh: कुंभ खत्म, सियासत जारी..कौन है असली भगवाधारी? क्या राहुल गांधी ने जान बूझकर महाकुंभ से दूरी बना रखी

Face To Face Madhya Pradesh: कुंभ खत्म, सियासत जारी..कौन है असली भगवाधारी? क्या राहुल गांधी ने जान बूझकर महाकुंभ से दूरी बना रखी

Face To Face Madhya Pradesh/ Image Credit: IBC24

Modified Date: February 27, 2025 / 11:55 pm IST
Published Date: February 27, 2025 11:55 pm IST

भोपाल। Face To Face Madhya Pradesh: 45 दिनों तक हमने प्रयागराज में आस्था का जनसैलाब देखा और अब महाकुंभ के खत्म होते ही बीजेपी के नेताओं ने राहुल गांधी पर हमला बोल दिया है। राहुल या उनके परिवार से कोई भी कुंभ स्नान के लिए नहीं गया। इसी बात को बीजेपी नेताओं ने मुद्दा बना दिया है..और वो ये आरोप लगा रहे हैं कि राहुल असली हिंदू नहीं है।मध्यप्रदेश के युवा कांग्रेसी भी इस लड़ाई में कूद गए हैं। उन्होंने इसे राहुल और पार्टी के अपमान से जोड़ दिया है और इसके खिलाफ प्रदर्शन करने का एलान किया है। ऐसे में सवाल ये कि आखिर राहुल ने क्यों नहीं किया त्रिवेणी स्नान सवाल ये भी कि सच्चे हिंदू की आखिर परिभाषा है क्या ?

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कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के असली हिंदू बनाम चुनावी हिंदू पर एक बार फिर सियासी बहस छिड़ गई है। प्रयागराज महांकुभ के समापन के साथ इस मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं। पूरे 45 दिन चले महाकुंभ में क्या आम क्या खास करोडों लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और जयवर्धन सिंह समेत कई कांग्रेसियों ने संगम में स्नान किया, लेकिन इसमें गांधी-नेहरू परिवार का कोई सदस्य नजर नहीं आया जबकि प्रियंका गांधी ने 4 साल पहले प्रयागराज में लगे अर्धकुंभ में संगम में स्नान किया था। महाकुंभ से गांधी-नेहरू परिवार की दूरी ने बीजेपी नेताओं को कांग्रेस पर निशाना साधने का मौका दे दिया।

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Face To Face Madhya Pradesh: बीजेपी के हमलों के बाद कांग्रेस ने भी पलटवार किया। आस्था को निजी विषय बताया जिसे किसी के सर्टिफिकेट की जरुरत नहीं है। इससे पहले राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के एक साल बाद भी गांधी-नेहरू परिवार ने रामलला के दर्शन नहीं किए और आस्था को निजी मामला बताया। अब महाकुंभ से भी दूरी कई सवालों को जन्म दे रही है। दूसरी तरफ कांग्रेस पूरे महाकुंभ के दौरान भगदड़ में श्रद्धालुओं की मौत और अव्यवस्थाओं को लेकर आक्रामक रही। महाकुभ से दूरी के पीछे गांधी-नेहरू परिवार की चाहे जो रणनीति रही हो लेकिन इसने कहीं ना कहीं बीजेपी को कांग्रेस को घेरने का मौका तो दे ही दिया है।

 


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