‘बिना सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत के नहीं हो सकते अनैतिक काम’ प्रियंक कानूनगो के ट्वीट पर राज्य बाल आयोग की सदस्य ने सहमति जताते हुए कही ये बातें

Nivedita Sharma's statement on ashilaadhar school case प्रियंक कानूनगो के ट्वीट पर राज्य बाल आयोग की सदस्य ने कही ये बातें

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  • Publish Date - June 12, 2023 / 10:18 AM IST,
    Updated On - June 12, 2023 / 02:57 PM IST

Statement of State Child Commission member Nivedita Sharma on Priyanka Kanungo's tweet in Ganga-Jamna school case

Nivedita Sharma’s statement on ashilaadhar school case भोपाल। बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो का ट्वीट सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि दमोह मध्यप्रदेश में मिशनरी माफिया अजय लाल द्वारा संचालित बालगृह के कर्मचारी द्वारा एक बालिका को यौन प्रलोभन देने का मामला सामने आया है, कुछ दस्तावेज मिले हैं। राज्य बाल आयोग के सदस्यों की टीम दमोह में जाँच के लिए पहुँची है।

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उल्लेखनीय है कि यह बाल गृह किशोर न्याय अधिनियम की निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत पंजीकृत नहीं है व पूर्व में भी @NCPCR_ द्वारा सरकार को बताया गया है तथा FIR भी दर्ज हुई है, परंतु कतिपय सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों की कर्तव्य के प्रति आपराधिक लापरवाही का परिणाम है कि किशोरवय बालिकाएँ ग्रूमिंग एवं यौन दुराचार का शिकार हो रही हैं। इस ट्वीट पर जांच टीम की सदस्य ने भी सहमति जताई है।

 

राज्य बाल आयोग की सदस्य निवेदिता शर्मा ने कहा कि बिना सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत के अनैतिक काम नहीं हो सकते। राज्य बाल आयोग सदस्य डॉ. निवेदिता शर्मा ने यह भी बताया कि इस ‘आधारशिला’ संस्था के पास आवासीय बालगृह चलाने की कोई कानूनी अनुमति नहीं है। इस मामले में जांच में हैरान करने वाले खुलासे हुए हैं, वहीं प्रदेश के बालिका गृह संदेह के घेरे में है। बता दें कि शहर की गंगा जमना हायर सेकेंडरी स्कूल में छात्राओं को हिजाब पहनाने और धर्मांतरण के विवाद के बाद अब स्कूल के संचालक की संपत्ति की जांच भी शुरू हो चुकी है।

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दरअसल, राज्‍य बाल आयोग की टीम अजय लाल द्वारा संचालित ईसाई संस्‍था के बालगृह से जुड़ी एक शिकायत आने पर यहां जांच करने पहुंची थी, इस शिकायत में बताया गया है कि बालगृह के कर्मचारी द्वारा एक बालिका को यौन प्रलोभन देने का मामला सामने आया है। इसी की जांच करने के लिए मध्‍य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एससीपीसीआर) के दोनों सदस्‍य रविवार को यहां पहुंचे थे। जहां पहुंकर जिस जांच के लिए पहुंचे वह तो एक तरफ रह गई, कई अन्‍य भयंकर कमियां और मतान्‍तरण (धर्मांतरण) के षड्यंत्र होते हुए इन दोनों सदस्‍यों डॉ. निवेदिता शर्मा और ओंकार सिंह को यहां मिले। इसके साथ ही इन्‍हें जांच में कई अन्‍य खामियां भी मिली हैं, जो बहुत ही आपत्‍त‍िजनक हैं।

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इस संबंध में अभी मिली तमाम कमियों को लेकर और ”आधारशिला” की शिकायत को सभी के संज्ञान में लाने स्‍वयं एनसीपीसीआर के अध्‍यक्ष प्रियंक कानूनगो फिर से आगे आए हैं । उन्‍होंने रविवार को ट्वीट किया कि ”दमोह मध्यप्रदेश में मिशनरी माफिया अजय लाल द्वारा संचालित बालगृह के कर्मचारी द्वारा एक बालिका को यौन प्रलोभन देने का मामला सामने आया है, कुछ दस्तावेज मिले हैं। राज्य बाल आयोग के सदस्यों की टीम दमोह में जाँच के लिए पहुँची है। उल्लेखनीय है कि यह बाल,गृह किशोर न्याय अधिनियम की निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत पंजीकृत नहीं है व पूर्व में भी एनसीपीसीआर द्वारा सरकार को बताया गया है तथा एफआइआर भी दर्ज हुई है, परंतु कतिपय सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों की कर्तव्य के प्रति आपराधिक लापरवाही का परिणाम है कि किशोरवय बालिकाएँ ग्रूमिंग एवं यौन दुराचार का शिकार हो रही हैं।”

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