भोपाल। Waqf Board Bill: देश में वक्फ पर नए कानून की तैयारी को लेकर सियासी संग्राम तेज हो रहा है। वक्श संशोधन विधेयक पर एक तरफ जेपीसी ने रायशुमारी की शुरुआत कर दी है तो दूसरी ओर हिंदू और मुस्लिम खेमों ने अपने-अपने पत्ते चलने शुरू कर दिए है। रायशुमारी के लिए बकायदा हाइटेक तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। रायशुमारी के इस संग्राम में विदेश में बैठे कट्टरपंथी नेता भी कूद पड़े हैं। साथ ही सियासी बयानबाजियों का दौर भी चल पड़ा है। सूरतेहाल ये है कि वक्फ पर जो भी फैसला होगा उससे पहले ही सियासी अखाड़े पर जोर-आजमाइश का दौर अपने चरम की ओर बढ़ रहा है ।
केंद्र सरकार द्वारा लाया गया वक्फ संसोधन अधिनियम अभी JPC के पास है, लेकिन देश में इसे लेकर रायशुमारी का सिलसिला चल पड़ा है और इसके लिए बकायदा हाइटेक तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। दरअसल जेपीसी ने इस विधेयक पर आम लोगों, गैर-सरकारी संगठनों और विशेषज्ञों से भी सुझाव मांगा है और इसके लिए बकायदा एक वेबसाइट waqfbill2024.com तैयार की गई है जिस पर जाकर बिल को लेकर राय दी जा सकती हैं। इस बिल का विरोध करने के लिए मुस्लिम संगठनों ने एक खास QR कोड बनाया है, जिसकी मदद से सीधे उस पेज पर जाया जा सकता है, जहां इस बिल के खिलाफ अपनी राय दर्ज की जा सके। इस रायशुमारी की सियासत में भगोड़े जाकिर नाइक जैसे कट्टरपंथी भी कूद पड़े हैं जो विदेशों में बैठकर भारत में मुसलमानों को इस बिल के खिलाफ भड़काने का काम कर रहे हैं जाकिर ने सोशल मीडिया पर कह रहे हैं कि अगर वक्फ बिल लागू हो गया तो सरकार मुसलमानों से उनकी मस्जिदें और कब्रिस्तान छीन लेगी।
Waqf Board Bill: तो हिंदू संगठनों ने भी एक QR कोड तैयार किया है और जगह जगह इसके जरिए वक्फ संशोधन बिल के पक्ष में वोट देने की अपील कर रहे हैं गुजरात के कई गणेश पंडालों में भी ऐसे QR कोड वाले बैनर दिखाई दे रहे हैं। वहीं इस पर सियासी बयान बाजी भी जारी है। वक्फ संशोधन विधेयक का कांग्रेस नेता विरोध कर रहे हैं तो भाजपा इसे देश के लिए जरूरी बता रही है। आम लोगों की बात करें तो बहुसंख्यक आबादी जहां JPC को सुझाव भेजकर इसे लागू करने की राय दे रही है। वहीं ज्यादातर अल्पसंख्यक इसके विरोध में नजर आ रहे हैं। कुल मिलाकर वक्फ पर देश की सियासत दो हिस्सों में बंटी नजर आ रही है। रायशुमारी के साथ ही सियासी बयानबाजियों का दौर भी जारी है, लेकिन वक्फ पर जो भी फैसला होगा उससे पहले ही सियासी अखाड़े पर जोर-आजमाइश का दौर अपने चरम की ओर बढ़ रहा है ।