भाजपा ने आडवाणी का अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, सिंधी समाज को धोखा दिया: कमलनाथ
भाजपा ने आडवाणी का अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, सिंधी समाज को धोखा दिया: कमलनाथ
भोपाल, 29 जुलाई (भाषा) कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ ने शनिवार को दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
कमलनाथ और केंद्रीय मंत्री तथा भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्य में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले शनिवार को भोपाल और ग्वालियर में सिंधी समुदाय के अलग-अलग कार्यक्रमों को संबोधित किया।
सिंधी समाज के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा, ‘‘2008 में एक विवाह समारोह के दौरान सिंधी लोगों ने मुझसे कहा था कि वे आडवाणी के कारण भाजपा को वोट देंगे। अब आडवाणी जी कहां हैं? भाजपा ने उनका अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।’’
सिंधिया ने भाजपा के संस्थापक सदस्य और पूर्व उप प्रधानमंत्री आडवाणी को पार्टी का सबसे बेहतरीन नेता करार दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आरोप लगाया, ”भाजपा ने सिंधी समुदाय को धोखा दिया है।” कमलनाथ ने समुदाय से अपने भविष्य की रक्षा के लिए कांग्रेस को वोट देने की अपील की।
वहीं, सिंधिया ने कहा कि सिंधी भारत में एक प्रतिष्ठित समाज हैं। ग्वालियर में सिंधी समुदाय की एक सभा में भाग लेने के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सिंधी समुदाय के नेताओं ने इस देश का नेतृत्व किया है। लालकृष्ण आडवाणी ने जीवन भर कांग्रेस के खिलाफ लड़ाई लड़ी। वह उपप्रधानमंत्री बने। आज भी वह भाजपा के सबसे बेहतरीन नेता हैं।’’
बिना किसी का नाम लिए सिंधिया ने कहा कि जिन लोगों ने समाज को तोड़ा, आपस में झगड़ा कराया, नरसंहार कराया, वे अब एकता का पाठ पढ़ा रहे हैं।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कुछ महीने पहले राज्य में सिंधी समुदाय के लिए कई रियायतों की घोषणा की थी जिसमें लद्दाख में समुदाय के एक पवित्र स्थल की तीर्थयात्रा के लिए 25,000 रुपये की वित्तीय सहायता भी शामिल थी।
उन्होंने यह भी कहा था कि सिंधी शरणार्थियों को उनके कब्जे की भूमि का मालिकाना हक मामूली कीमत पर डीड (पट्टा) के तहत दिया जाएगा जिसके लिए राज्य भर में शिविर लगाए जाएंगे। चौहान ने भोपाल, इंदौर और जबलपुर में किशोर क्रांतिकारी हेमू कालानी की प्रतिमा स्थापित करने का भी वादा किया था।
वर्ष 2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस 230 सदस्यीय सदन में 114 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि भाजपा को 109 सीट मिलीं।
कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाई, लेकिन मार्च 2020 में यह गिर गई जब ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार लगभग दो दर्जन विधायकों ने कांग्रेस छोड़ दी और बाद में भाजपा में शामिल हो गए, जिससे एक बार फिर मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज सिंह चौहान की वापसी का मार्ग प्रशस्त हुआ।
भाषा दिमो सं आशीष
आशीष

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