बैन’ का ब्रह्मास्त्र, PFI पर प्रतिबंध… तेज हुई जुबानी जंग! कांग्रेस ने बैन की टाइमिंग पर उठाए सवाल
बैन' का ब्रह्मास्त्र, PFI पर प्रतिबंध... तेज हुई जुबानी जंग! Central Govt has banned Popular Front of India and its 8 allies for 5 years
भोपालः केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उसके 8 सहयोगियों को 5 साल के लिए बैन कर दिया है। ये प्रतिबंध UAPA के तहत लगाया गया है। लेकिन पीएफआई के बैन होने पर विपक्ष इतना बैचेने क्यों है? सवाल भी ये है कि जब मामला नेशनल सेक्योरिटी से जुड़ा हुआ है तो बैन पर इतना तर्क क्यों रहा है देश में? सीधा-सीधा बोले तो देश विरोधियों पर बैन तो हंगामा क्यों? इसे विपक्ष चुनाव से जोड़कर क्यों देख रहा है?
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पीएफआई पर बैन को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने सवाल उठाते हुए सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत भी मांगे हैं। कमलनाथ ने कहा है कि यदि कोई सबूत है कि वो आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त है। आतंकवादी संस्थाओं से जुड़े हैं। तब पीएफआई हो या कोई भी संगठन हो। उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होना चाहिए। आज आतंकवाद बड़े खतरे की बात है और आम जनता को तो सुरक्षा चाहिए और यदि इतने वर्षों से पीएफ़आई की गतिविधियाँ चल रही थी तो यह आपका इंटेलिजेंस फेलियर है। आप इतने वर्षों से क्या कर रहे थेय़ये कोई आज तो पैदा नहीं हुई। इसका रजिस्ट्रेशन कब से हुआ है यदि यह पहले से ही आतंकवादी संस्थाओं से जुड़ी हुई थी तो आप इतने वर्षों से क्या कर रहे थे। आज ये सवाल सबके सामने है। हालांकि कांग्रेस भले खुलकर न बोले लेकिन दबी जुबान में ये ज़रुर बोल रही है कि पीएफआई को बैन करना सही फैसला है।
पीएफआई पर ताबड़तोड़ कार्रवाई के दौरान दिग्विजय सिंह ने संघ की तुलना पीएफआई से करके सियासी बवाल खड़ा कर दिया था। लेकिन अब जब पीएफआई पर बैन लग चुका है और कांग्रेस के दिग्गजों से संघ को लेकर सवाल पूछे जाने लगे हैं। तो कांग्रेस गोलमोल जवाब दे रही है। अब कांग्रेस नेता ये कहने लगे हैं कि जो भी देश विरोधी काम करेगा उसके खिलाफ सरकार को सख्त कदम उठाना होगा। उधर कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी सरकार के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा दावे से कह रहे हैं कि हां मैं संघ का कार्यकर्ता हूं। सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने भी कांग्रेस को बिना देरी किए जवाब दिया है।
बहरहाल कुछ महीनों में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव होने हैं। अगले साल मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव होने हैं। ऐसे में कांग्रेस पीएफआई पर बैन का फैसला बीजेपी का पॉलिटिकल एजेंडा बता रही है। ओवैसी ने भी मोदी सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। जाहिर है एक बार फिर देश की सियासत में बड़ा ध्रुवीकरण देखने को मिलने वाला है।

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