Where is Tantrik University? : तांत्रिक यूनिवर्सिटी के नाम से जाना जाता है ये मंदिर! सिखाया जाता था जादू टोना, कई रहस्यों का फैला है जाल

Chausath Yogini Mandir is a Tantrik University : स्थानीय निवासियों का मानना है कि यह मंदिर आज भी शिव की तंत्र साधना के कवच से ढका हुआ है।

Where is Tantrik University? : तांत्रिक यूनिवर्सिटी के नाम से जाना जाता है ये मंदिर! सिखाया जाता था जादू टोना, कई रहस्यों का फैला है जाल

Man beheaded for murder

Modified Date: June 28, 2024 / 03:30 pm IST
Published Date: June 28, 2024 3:30 pm IST

Where is Tantrik University? : भारत में कई ऐसे मंदिर हैं जो अपनी बनावट या फिर किसी प्रकार के रहस्य के लिए जाने जाते हैं। जिनमें चौंसठ योगिनी मंदिर भी शामिल हैं। भारत में चार चौंसठ योगिनी मंदिर हैं। दो ओडिशा में और दो मध्य प्रदेश में हैं। मध्‍यप्रदेश के मुरैना में स्थित चौंसठ योगिनी मंदिर सबसे प्रमुख और प्राचीन है। बता दें क‍ि यह मंदिर तंत्र-मंत्र के लिए काफी प्रसिद्ध था। इस मंद‍िर में देश ही नहीं व‍िदेश से भी लोग तंत्र-मंत्र सीखने आते थे। इसलिए इस मंदिर को तांत्रिक यूनिवर्सिटी भी कहा जाता है।

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चौसठ योगिनी मंदिर, मुरैना - विकिपीडिया

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चौंसठ योग‍िनी मंद‍िर का न‍िर्माण

Where is Tantrik University? : क्षत्रिय राजाओं ने इस चौंसठ योग‍िनी मंद‍िर का न‍िर्माण 1323 ईस्वी में करवाया था। मंद‍िर तक पहुंचने के ल‍िए तकरीबन 100 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। इसका न‍िर्माण वृत्तीय आधार पर हुआ है। पूरा मंद‍िर 101 खंभों के ऊपर हुआ है। मंदिर में 64 कमरे हैं और हर कमरे में एक-एक शिवलिंग के साथ देवी योग‍िनी की मूर्तियां हैं। वहीं मंदिर के मध्य में एक खुला हुआ मंडप है, जहां एक विशाल शिवलिंग है।

चौसठ योगिनी मंदिर, मितावली - विकिपीडिया

तंत्र साधना के कवच से ढका मंदिर

Where is Tantrik University? : स्थानीय निवासियों का मानना है कि यह मंदिर आज भी शिव की तंत्र साधना के कवच से ढका हुआ है। यही वजह है क‍ि यहां आज भी रात में किसी को रुकने की इजाजत नहीं है। ना तो इंसानों को और ना ही पक्षियों को। बता दें क‍ि तंत्र साधना के लिए प्रस‍िद्ध इस मंदिर में शिव की योगनियों को जागृत किया जाता था।

भारतीय संसद जैसा दिखने वाले चौसठ योगिनी मंदिर की यात्रा

संसद भवन की तरह बनावट

पौराणिक शास्त्रों के अनुसार, आज भी इस मंदिर में शिव जी की चौसठ योगिनी को जागृत किया जाता है। मान्यता है कि यह मंदिर शिव जी के तंत्र-मंत्र के कवच से ढका हुआ है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए 200 सीढ़ियां पार करनी होती हैं। चौसठ योगिनी मंदिर में रात के समय किसी को भी रुकने की अनुमति नहीं होती है। इस मंदिर की बनावट शैली की तुलना भारत के संसद भवन से भी की जाती है।

बता दें कि प्राचीन काल से देश-विदेश से लोग इस मंदिर में तंत्र विद्या सीखने आते थें। इस मंदिर को तांत्रिक यूनिवर्सिटी के नाम से जाना जाता था। कहते हैं कि चौसठ योगिनी माता मां काली का अवतार हैं। इस मंदिर में प्रत्येक 64 कमरों में माता योगिनी की मूर्ति स्थापित हैं, इसलिए इस मंदिर का नाम चौसठ योगिनी है।

chausath yogini temple, Mitawali (Gujurat)

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लेखक के बारे में

Shyam Bihari Dwivedi, Content Writter in IBC24 Bhopal, DOB- 12-04-2000 Collage- RDVV Jabalpur Degree- BA Mass Communication Exprince- 5 Years