2023 के चुनाव में पुरानी पेंशन बहाली की मांग बन सकता है बड़ा मुद्दा, चुनाव से पहले कर्मचारी संगठनों ने खोला मोर्चा
2023 के चुनाव में पुरानी पेंशन बहाली की मांग बन सकता है बड़ा मुद्दा : Demand for restoration of old pension may become a big issue in 2023 elections
Old pension in scheme in Bhopal मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली की मांग ने सरकार को बड़ी चिंता में डाल दिया है। क्योंकि प्रदेश के 52 कर्मचारी संगठनों के संयुक्त मोर्चा ने इसके लिए मोर्चा खोल रखा है। ये मुद्दा इसलिए भी अहम है क्योंकि कांग्रेस शासित राज्यों छत्तीसगढ़, राजस्थान और महाराष्ट्र में पुरानी पेंशन की बहाली हो गई है। एमपी में भी 2023 के चुनाव में पुरानी पेंशन बहाली की मांग मुद्दा बन सकती है। वहीं, कर्मचारी संगठन बीजेपी को ये भी याद दिला रहे हैं कि 15 महीने जब बीजेपी विपक्ष में थी तो कर्मचारियों के मंच पर आकर मांग का समर्थन किया था।
पुरानी पेंशन बहाली के अलावा महिला बाल विकास विभाग के सुपरवाइजर नियमितिकरण और परियोजना अधिकारी ग्रेड पे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। प्रदेश के 16 हजार पटवारी वेतन विसंगति दूर करने की मांग कर रहे हैं। सरकारी कॉलेजों में कार्यरत 3 हजार 8 सौ 91 अथिति विद्वान लम्बे अरसे से नियमितिकरण की मांग कर रहे हैं। संविदा कर्मचारी भी नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। वहीं, आशा ,उषा, सहायिका, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता वेतन बढ़ाने की मांग लेकर कई बार आंदोलन कर चुके हैं। चयनित शिक्षकों समेत भर्ती परीक्षाओं में चयनित अभ्यर्थी भी सरकार के खिलाफ आए दिन आंदोलन छेड़ रहे हैं। ऐसे में कर्मचारियों की नाराजगी का सियासी फायदा कांग्रेस ले रही है। वहीं, बीजेपी सरकार को कर्मचारी हितैषी बता रही है।
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चुनावों से पहले अक्सर कर्मचारी संगठन अपनी मांगें मनवाने के लिए दबाव बनाते ही हैं लेकिन पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कर्मचारी संगठन इस बार बेहद गंभीर दिख रहे हैं। ऐसे में देखना होगा कि चुनाव से पहले इस मुद्दे पर सरकार क्या रुख अपनाती है।

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