भगवान भी नहीं बचा पाएंगे कोरोना से, मत करिए ऐसी लापरवाही! प्रीकॉशन डोज लगवाने में लोगों का नहीं इंटरेस्ट

People are not interested in getting precaution dose: भगवान भी नहीं बचा पाएंगे कोरोना से, मत करिए ऐसी लापरवाही! प्रीकॉशन डोज लगवाने में लोगों का नहीं इंटरेस्ट

  •  
  • Publish Date - August 18, 2022 / 02:22 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:28 PM IST

People are not interested in getting precaution dose: भोपाल। सरकार कोरोना का सुरक्षा कवच देने के लिए मुफ्त में कोरोना वैक्सीन का प्रीकॉशन डोज लगवा रही है। लेकिन कोरोना संक्रमण कम होने के चलते लोग लापरवाह बने हुए है। आम जनता तो दूर कोरोना वारियर्स कहलाने वाले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी फ्रंटलाइन वर्कर ही वैक्सीन का प्रीकॉशन डोज नहीं लगवा रहे है। हाल यह है कि इनमें प्रदेश के एक लाख आठ हजार लोगों ने प्रीकॉशन डोज नहीं लगवाई है। इसमें स्वास्थ्यकर्मी ,एचसीडब्ल्यू, और एफएलडब्ल्यू, शामिल हैं।

ये भी पढ़ें- मिशन 2023 की तैयारी: बीजेपी ने ‘सरल’ एप किया लांच, जानें एप के माध्यम से क्या करना चाहती है पार्टी…

लोगों में वैक्सीन को लेकर रुचि नहीं

People are not interested in getting precaution dose: इन लोगो के अलावा आम जनता भी प्रीकॉशन डोज लगवाने में लापरवाही कर रही हैं। कोरोना वैक्सीन का प्रीकॉशन डोज लगाने बुधवार को तीसरा महाअभियान चलाया गया लेकिन लोगों ने वैक्सीन लगवाने में रुचि ही नहीं दिखाई। यही वजह रही कि तय लक्ष्य के मुकाबले भोपाल शहर में महज 20 प्रतिशत ही टीके लगाए जा सके। जबकि शहर में 500 से ज्यादा टीमों तैनात थी। भोपाल में 74 हजार प्रीकॉशन डोज लगाने का टारगेट था, लेकिन करीब 15 हजार को ही लगा पाए। वहीं बुधवार को महाअभियान में प्रदेशभर में करीब 10 लाख लोगों को ही प्रीकॉशन डोज लगाई गई। जबकि प्रदेश में 15 लाख लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया था।

ये भी पढ़ें- किसानों के माथे पर खिंची चिंता की लकीरें, बारिश ने खराब की फसल, सरकार का नहीं इस ओर ध्यान

दूसरे ही डोज में बरती लापरवाही

People are not interested in getting precaution dose: दोनों डोज लगवाने वाले एचसीडब्ल्यू और एफएलडब्लयू 10.43 लाख है। इनमें प्रीकॉशन डोज नहीं लगवाने वाले 1.08 लाख। दोनों डोज लगवा चुके 18 साल से ऊपर के लोग 5.38 करोड़ है। इनमें प्रीकॉशन डोज लगवाने वाले 7.33 लाख है। दूसरी डोज लगवाने में भी लापरवाही बरती गई है। 12 से 14 साल के 23.36 लाख बच्चे है जिन्हें पहली डोज लगी है । तो वहीं 14.65 लाख लोग है जिन्हें दोनों डोज लगी है। दूसरी डोज नहीं लगवाने वालों का 37 प्रतिशत लोग शामिल है। 15 से 17 साल के 41.85 लाख बच्चे जिन्हें पहली डोज लगी है। इसी के साथ 34.06 लाख बच्चें है जिन्हें दोनों डोज लगी है। दूसरी डोज नहीं लगवाने वाले 18 प्रतिशत लोग है।

ये भी पढ़ें- बीजेपी की फायर ब्रांड नेत्री के करीबी की बढ़ी मुश्किलें, ब्राह्मण समाज को लेकर ये क्या कह गए नेता जी…

नहीं लगवा रहे वैक्सीन

People are not interested in getting precaution dose: 18 साल से ऊपर 5.40 करोड़ लोगों ने ही पहली डोज लगवाई है। इसके अलावा 5.38 करोड़ लोग ऐसे है जिन्हें दोनों डोज लगी है। दूसरी डोज नहीं लगवाने वालों का प्रतिशत बहुत कम है। मात्र 0.38% ऐसे है दूसका डोज नहीं लगवाया है। प्रदेश में अब तक 12.66 करोड़ कुल डोज लगी है। 6.05 करोड़ पहली डोज लगी। जिसमें 5.87 करोड़ को दोनों डोज लगी है। इसके साथ ही 73.37 करोड़ को सतर्कता डोज लगी है। बता दें कि प्रदेश में सतर्कता डोज लगवाने के लिए 5.38 करोड़ पात्र है। लक्ष्य के मुकाबले सतर्कता डोज की उपलब्धि 13.63 % है। अब तक लगी कुल डोज में महिलाओं की संख्या 5.75 करोड़ और पुरुषों की संख्या 6.20 करोड़ है। कुल डोज में कोविशील्ड 10.06 करोड़ और कोवैक्सीन के 2.26 करोड़ डोज है।

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें