Satna Smart City
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मृदुल पाण्डे, सतना:
Satna Smart City स्मार्ट सिटी नाम सुनते ही आपके दिमाग में किसी विकसित शहर की तस्वीर सामने आ जाती होगी जहां सुंदर सड़कें हरे-भरे पौधे खुशहाल जनता और ना जाने क्या-क्या, लेकिन हम आपको ऐसी तस्वीर दिखाने जा रहे हैं जिसे देखकर आप हैरान हो जाएंगे। यह तस्वीर सतना स्मार्ट सिटी की है जहां सुंदर सड़कें हरे-भरे पौधे तो भूल जाइए आप अपने घर से बाहर निकलने में भी 10 बार सोचेंगे। सड़कें ऐसी की आप वहां वाहन चलाना तो दूर पैदल भी नही चल सकते और यह तस्वीर किसी जंगल किसी गांव या 18 वीं सदी की नहीं है, बल्कि 21वीं सदी में सतना स्मार्ट सिटी की है।
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सतना को 2017 में स्मार्ट सिटी का दर्जा मिला लगभग 400 करोड़ से ज्यादा की राशि भी सतना स्मार्ट सिटी को मिल चुकी है, लेकिन यहां की तस्वीर है कि बदलने का नाम ही नहीं ले रही। स्मार्ट सिटी घोषित होने के बाद शहर वासियों में उत्साह की लहर थी लोगों को लगा कि अब बड़े शहरों की तरह सतना में भी सुंदर सड़के, अच्छे पार्क पेड़-पौधे हरियाली और तमाम सुविधाएं मिलेंगी। लेकिन यहां की जनता का यह सपना चूर-चूर हो गया। कभी पड़ोसी जिले रीवा से विकसित दिखने वाला शहर सतना और भी पीछे चला गया।
स्मार्ट सिटी आने के बाद शहर का एक भी नागरिक यहां के काम से खुश नहीं। जो सड़के थी पूरी तरह से तबाह कर दी गई। विकास के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। दरअसल यहां 1 दिन सड़के बनाई जाती है और उसके अगले ही दिन सीवर लाइन के नाम पर उसी सड़क को खोद दिया जाता है। यहां के लोगों का आरोप है कि अधिकारी ज्यादा कमीशन खाने के चक्कर में एक ही काम को बार-बार करते हैं। यही वजह है कि जनता परेशान है।
Satna Smart City बड़े-बड़े चौराहों को सजा कर फोटोग्राफी कर ली जाती है और सतना को स्मार्ट दिखाकर वाहवाही लूट ली जाती है। लेकिन शहर के जब वार्डों की गलियों में नजर डालें तो हकीकत सामने आ जाती है। यहां लोग परेशान हैं अपने घरों से नहीं निकल पाते बारिश होने पर बच्चे स्कूल नहीं जा पाते, क्योंकि वाहन तो भूल जाइए पैदल भी नहीं चल सकते। स्मार्ट सिटी के नाम पर जिस तरह से लूट मची है यहां की जनता बेहद परेशान है। अमूमन सतना शहर के 45 वार्डों के अधिकांश जगहों में ऐसी ही स्थित है। अलग-अलग वार्डों की तस्वीर साफ गवाही दे रही है कि सतना स्मार्ट सिटी में लोग कैसे रहते होंगे, जहां चलने के लिए एक अच्छी सड़क और पीने के लिए साफ पानी तक नहीं है।