E-Attendance in Schools: स्कूलों में लगानी ही पड़ेगी ई-अटैंडेंस! राज्य सरकार ने HC में कहा झूठे हैं याचिकाकर्ता शिक्षकों के ये आरोप

E-attendance in schools : राज्य सरकार ने दावा किया है कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में भी मोबाईल नेटवर्क की ऐसी दिक्कत नहीं है कि टीचर्स ई-अटैंडेंस ना लगा सकें। राज्य सरकार ने अपने जवाब में, हमारे शिक्षक ई-अटैंडेंस एप से डेटा लीक होने की आशंकाओं को भी नकार दिया है।

E-Attendance in Schools: स्कूलों में लगानी ही पड़ेगी ई-अटैंडेंस! राज्य सरकार ने HC में कहा झूठे हैं याचिकाकर्ता शिक्षकों के ये आरोप

MP में शासकीय शिक्षकों की ई-अटैंडेंस, image source: ibc24

Modified Date: November 26, 2025 / 07:34 pm IST
Published Date: November 26, 2025 6:49 pm IST
HIGHLIGHTS
  • MP में शासकीय शिक्षकों की ई-अटैंडेंस का मामला
  • राज्य सरकार ने HC में पेश किया जवाब
  • राज्य सरकार ने याचिकाकर्ता शिक्षकों के आरोपों को नकारा
  • प्रदेश में मोबाईल नेटवर्क की नहीं दिक्कत : राज्य सरकार
  • हमारे शिक्षक ई एप से डेटा चोरी की नहीं आशंका : राज्य सरकार

जबलपुर: E-attendance in schools , मध्यप्रदेश में शासकीय शिक्षकों की ई-अटैंडेंस के मामले पर राज्य सरकार ने जबलपुर हाईकोर्ट में जवाब पेश कर दिया है। मामले पर आज हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अपना विस्तृत जवाब हाईकोर्ट में पेश किया है। सरकार की ओर से मुख्यत: याचिकाकर्ता शिक्षकों के आरोपों को नकार दिया गया है और कोर्ट से शिक्षकों की याचिका ख़ारिज करने की मांग की गई है।

ई-अटैंडेंस एप का लिया गया है डेटा सेफ्टी सर्टिफिकेट

राज्य सरकार ने दावा किया है कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में भी मोबाईल नेटवर्क की ऐसी दिक्कत नहीं है कि टीचर्स ई-अटैंडेंस ना लगा सकें। राज्य सरकार ने अपने जवाब में, हमारे शिक्षक ई-अटैंडेंस एप से डेटा लीक होने की आशंकाओं को भी नकार दिया है। जवाब में कहा गया है कि सरकार ने हमारे शिक्षक ई अटैंडेंस मोबाईल एप के लिए डेटा सिक्योरिटी का सर्टिफिकेट ले लिया है और एप से शिक्षकों का प्राईवेट डेटा चोरी होने जैसा कोई जोखिम नहीं है।

2017 में HC ई-अटैंडेंस को दे चुकी हरी झंडी

E-Attendance in Schools, मध्यप्रदेश सरकार ने अपने जवाब में कहा कि ई अटैंडेंस के मामले में कोर्ट को सुनवाई करने की ज़रुरत नहीं है क्योंकि हाईकोर्ट पहले ही, शासकीय कर्मचारियों की ई-अटैंडेंस पर अपना फैसला सुना चुका है। राज्य सरकार ने अपने जवाब में साल 2014 के राजेंद्र कुमार शिवहरे वर्सेज़ स्टेट ऑफ मध्यप्रदेश और साल 2017 के राज्य अध्यापक संघ वर्सेज़ स्टेट ऑफ मध्यप्रदेश मामले पर आए फैसलों का हवाला दिया है।

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राज्य सरकार ने अपने जवाब में इन मामलों में आए हाईकोर्ट के डिसीज़न की कॉपी भी पेश की है जिसमें कोर्ट ने ई-अटैंडेंस को जायज़ ठहराकर इसे चुनौती देने वाले शासकीय कर्मचारियों की याचिकाएं ख़ारिज कर दीं थी। पुराने फैसलों के आधार पर राज्य सरकार ने हाईकोर्ट से शिक्षकों की ताज़ा याचिका भी ख़ारिज करने की मांग की है।

HC ने अगले हफ्ते तय की मामले पर सुनवाई

हालाकि हाईकोर्ट में पेश राज्य सरकार के इस जवाब के विरोध में याचिकाकर्ता शिक्षकों की ओर से कोर्ट में एक रीज्वाईंडर पेश कर जवाब दिया जाएगा, क्योंकि शिक्षक सरकार की इस दलील से सहमत नहीं हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी मोबाईल नेटवर्क कनेक्टिविटी की ख़ास दिक्कत नहीं है। फिलहाल जबलपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के जवाब को रिकॉर्ड पर ले लिया है और मामले पर अगली सुनवाई 1 हफ्ते बाद तय कर दी है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com