शिक्षा विभाग की नए सेटअप लागू करने की कवायद, अब इस तरीके से बच्चों को पढ़ाने का काम करेंगे शिक्षक
Education department is going to do a new exercise on the lines of private schools शिक्षा विभाग की नए सेटअप लागू करने की कवायद
Education department is going to do a new exercise on the lines of private schools
Education department is going to do a new exercise on the lines of private schools: जबलपुर। स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए जबलपुर शिक्षा विभाग निजी स्कूलों की तर्ज पर नई कवायद करने जा रहा है। नई व्यवस्था के तहत शिक्षा विभाग स्कूलों में पढ़ाने वाले टीचरों को संसाधनों लैस कर हाईटेक बनाने जा रहा है, ताकि सरकारी स्कूलों के शिक्षक तकनीक के सहारे बच्चों को बेहतर शिक्षा दे पाए और सरकारी स्कूलों की गिरती साख को बचाया जा सकें।
स्कूलों का चिन्हांकन कराया जा रहा
शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए निजी स्कूलों की तर्ज पर अब सरकारी स्कूलों में शिक्षक टैबलेट के जरिए बच्चो को पढ़ाने का काम करेगें। अपनी इस कवायद के चलते शिक्षा विभाग नया सेटअप लागू करने की कवायद कर रहा है। इसके लिए जबलपुर में स्कूलों का चिन्हांकन कराया जा रहा है। जिले में टैबलेट के लिए 3.80 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी,शिक्षा विभाग द्वारा अगले एक माह के अंदर इस नई व्यवस्था को स्कूलों में अमल में लाने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, जबलपुर में सरकारी स्कूलों के करीब 38 सौ शिक्षकों है। ये शिक्षक अपनी सुविधा के मुताबिक 10 हजार रुपए की लागत से टैबलेट बाज़ार से खरीद सकते है। टैबलेट लेने के बाद शिक्षक विभाग के पोर्टल पर बिल अपलोड करेगें और फिर शिक्षा विभाग उन्हें टैबलेट की राशि वापस देगा।
शिक्षकों को ट्रेनिंग देगा शिक्षा विभाग
अधिकारियों के मुताबिक टेबलेट खरीदने के बाद टेबलेट का देयक और स्पेसिफिकेशन एमपीएसइडीसी के सहयोग से एम मित्र पर तैयार किये गये माड्यूल में दर्ज किया जायेगा। जिसके लिए शिक्षकों को ट्रेनिंग भी शिक्षा विभाग देगा। दरअसल, बदलते परिवेश और आवश्यकताओं को देखते हुए सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के प्रशिक्षण से लेकर में छात्र-छात्राओं के अध्यापन की व्यवस्था भी टेबलेट के माध्यम से संचालित की जाएगी। साथ ही शिक्षकों को तकनीकी ज्ञान में भी पारंगत कराया जाएगा, जिसकी तैयारी जिला स्तर पर की जा रही है।
प्राथमिक स्कूलों से होगी शुरूआत
पहले चरण में इसकी प्रारंभिक शुरुआत प्राथमिक स्कूलों से की जाएगी। शुरुआती दौर में जबलपुर जिले के 1568 स्कूलों में टेबलेट के आधार पर अध्यापन, प्रशिक्षण,आनलाइन टीचिंग जैसे तमाम काम किए जाएंगे और टीचर्स रिर्सोस पैकेज के अंतर्गत यह टेबलेट शिक्षकों को उपलब्ध कराए जाएंगे। शिक्षा विभाग के मुताबिक टेबलेट की कार्यशीलता अवधि चार साल की होगी। विभाग द्वारा चार वर्ष तक टेबलेट को ट्रेक किया जायेगा, इसके बाद टेबलेट का मूल्य शून्य माना जायेगा।

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