जबलपुर। कोयला संकट और पॉवर कट को लेकर बिजली विभाग तीन दिनों तक ‘महामंथन’ करेगा। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर इस कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। विद्युत अभियंताओं और कर्मियों के आत्मनिरीक्षण पर ये “मंथन 2022” केंद्रित होगा। इसमें ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे, ऊर्जा सचिव विवेक पोरवाल, प्रदेश की सभी 6 बिजली कम्पनियों के प्रबंध संचालक, देश से 350 से ज्यादा बिजली विशेषज्ञ और प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों के इंजीनियर्स शामिल होंगे।
दूसरी ओर भोपाल में बिजली और कोयला संकट गहराता जा रहा है। प्रदेश में 9 करोड़ 20 लाख बिजली यूनिट की कमी है।
80 हजार टन कोयले की जरूरत है, लेकिन 40 से 50 हजार टन ही मिल पा रहा है। प्रदेश को 1 दिन में 11 हजार 800 मेगावाट बिजली चाहिए, लेकिन 11 हजार मेगावाट बिजली मिल रही है। बता दें कि शहरों में 2 घंटे और 28 हजार गांवों में 8 घंटे तक बिजली कटौती हो रही है।
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