Raisen News: 17 साल बाद आज भी जर्जर हालत में टूटा हुआ है पुल, रोज होता है 20 गांव के लोगों का आवागमन , शिकायत के बाद भी नहीं हुआ निराकरण
Raisen News: 17 साल बाद आज भी जर्जर हालत में टूटा हुआ है पुल, रोज होता है 20 गांव के लोगों का आवागमन , शिकायत के बाद भी नहीं हुआ निराकरण Even today after 17 years the bridge is broken in dilapidated condition
The Bridge Is Broken
रायसेन: The Bridge Is Broken आज जहां शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने की बात की जा रही है, तो वहीं ग्रामीण अंचल में अधिकांश लोगों को सामान्य सी सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही है। यहां तक कि कई ऐसे स्थान हैं, जहां लोगों को अपनी जान जोखिम में डाल कर रास्ता पार करना पड़ता है। इस दौरान जरा सी नजर चूक जाए तो यह जोखिम भरे रास्ते किसी की भी जान ले सकते हैं। इस तरह के हालात सांची ब्लॉक के ग्राम पंचायत अम्बाड़ी में बने हुए हैं, जहां 2006 से टूटी हुई पुलिया आज 17 साल बाद भी जर्जर हालत में खड़ी हुई है। यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है जबकि इस पुलिया से लगभग 20 गांव के लोग शहर के लिए प्रतिदिन आवागमन करते हैं। टूटी पुलिया पर बिजली के खंभे रखे गए और यहां से बुजुर्ग, युवा, महिलाएं और स्कूली बच्चे जोखिम भरा सफर तय करते हैं।
स्कूल तक पहुंचने वाले रास्ते इतने बेकार पड़े हुए हैं कि कहीं पुल टूटा पड़ा है तो कहीं कीचड़ से होकर गुजरना पड़ता है। बच्चे हाथ में चप्पल लेकर निकलते हैं लेकिन प्रशासन मूकदर्शक बना बैठा है। ग्राम अंबाडी में आने के लिए दो रास्ते हैं। इनमें से एक पर पुल टूटा पड़ा है तो दूसरे पर बारिश में कीचड़ से भरा रहता है। ग्रामीणों के कई बार शिकायत के बाद भी आज तक पुलिया का निर्माण नहीं हो सका है। पुलिया टूटने के कारण ग्रामीणों को भोपाल विदिशा हाईवे तक पहुंचने के लिए तीन किलोमीटर घूमकर दीवानगंज से होकर जाना पड़ रहा है। अब इस पुलिया के पास ही नवीन चौकी का निर्माण हो गया है। अब अगर ग्रामीणों को पुलिस में रिपोर्ट या शिकायत करना होगा तो 3 किलोमीटर घूम कर चौकी जाना पड़ेगा।
बारिश के समय यहां से निकलना और भी ज्यादा खतरनाक हो जाता है, जबकि ग्रामीण इस रास्ते से होकर विदिशा और भोपाल के लिए जाते हैं। वहीं जिम्मेदारों का कहना है कि इस रास्ते पर विवाद चल रहा है विवाद सुलझने के बाद ही पुलिया बन पाएगी। अब सवाल उठता है कि 17 साल से इस पुलिया का बनने का इंतजार कर रहे है ग्रामीण अब कब तक इंतजार कर जान को जोखिम में डालेंगे। ग्रामीणों के अनुसार राजस्व निरीक्षक,पटवारी ने इस रास्ते की नपती करके किसी निजी भूमि में निकाल दिया है कुछ दिन तक जिसको राजस्व निरीक्षक ने कब्जा दिया था, उक्त व्यक्ति ने कांटे डालकर रास्ता भी बंद कर दिया था।
The Bridge Is Broken मगर ग्रामीणों के कहने से उक्त व्यक्ति ने रास्ता खोल दिया है।अब सवाल इस बात का उठता है कि बरसों पुराना रास्ता जो सरकारी था अब निजी कैसे हो गया है।टूटी पुलिया के दोनों तरफ बिजली के खंभे रखे हैं। इनके सहारे रोज खतरा उठाकर निकलना पड़ता है, जिससे लगभग बीस गांव के ग्रामीण परेशान और कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। बारिश के समय में पूरा रास्ता बंद हो जाता है। कई बार शिकायत की गई, लेकिन निराकरण नहीं हो पाया।

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