Exclusive: कंडम हुई 'Dial-100' सेवा, भुगतान नहीं होने पर गाड़ियां खड़ी करा रहे गैरेज मालिक |Exclusive: 'Dial-100' service condemned, garage owners parked their vehicles in case of non-payment

Exclusive: कंडम हुई ‘Dial-100’ सेवा, भुगतान नहीं होने पर गाड़ियां खड़ी करा रहे गैरेज मालिक

Exclusive: कंडम हुई 'Dial-100' सेवा! Exclusive: 'Dial-100' service condemned, garage owners parked their vehicles in case of non-payment

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:48 PM IST, Published Date : September 6, 2021/11:44 pm IST

भोपाल: मध्यप्रदेश पुलिस की डायल-100 सेवा को लापरवाही का पलीता लग चुका है। डायल-100 की सैकड़ों गाड़ियां कंडम हो गई है, कई गाड़ियां गैराजों में खड़ी है। भोपाल समेत कई जिलों में ये स्थिति है। दरअसल डायल-100 की ठेका कंपनी ने गैराज मालिकों को गाड़ियां ठीक करने के एवज में भुगतान नहीं किया है। ऐसे में गैराज मालिकों ने भुगतान की गुहार लगाई है। वहीं भुगतान नहीं होने की स्थिति में गाड़ियां भी खड़ी करा रहे है।

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100 लगाओ… पुलिस बुलाओ! मध्यप्रदेश के शहरी क्षेत्र में 5 मिनट, तो ग्रामीण क्षेत्र में 15 मिनट में पुलिस की ये सेवा आप तक पहुंचने का दावा किया जाता है। लेकिन जो तस्वीरें हम आपको दिखा रहे है।, उसे देखकर लगता है कि भोपाल समेत कई जिलों में ये सेवा शायद आप तक नहीं पहुंचे। दरअसल ये तस्वीर भोपाल के एक गैराज की है, जो पुलिस की डायल-100 सेवा की कंडम हो चुकी गाड़ियों की पार्किंग बन गया है। डायल 100 की एक तिहाई यानी करीब 350 से 400 गाड़िया कंडम हो चुकी है, जिस BBG भारत विकास ग्रुप कंपनी के पास डायल-100 की इन गाड़ियों का टेंडर हैं। वो कंपनी डायल-100 मुख्यालय से गाड़ियों के चलने का पूरा पैसा ले रही है, लेकिन गाड़ियों को ठीक नहीं करा रही है। कंपनी ने जिन गैराज मालिकों से गाड़ियां ठीक कराने का टेंडर दिया था। उन गैराज मालिकों को पिछले कई महीनों से भुगतान नहीं हुआ है।

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आलम ये है कि कंडम हो चुकी या फिर खराब हो चुकी गाड़ियां गैराज पर ठीक होने आ रही है, तो गैराज मालिक इन्हें यहीं खड़ा करा रही है। वजह साफ है कि इन्हें भुगतान नहीं हुआ है। केवल भोपाल के गैराज मालिक ही नहीं। बल्कि इंदौर, रीवा, जबलपुर, छतरपुर और ग्वालियर जैसे बड़े शहरों की स्थिति भी ऐसी ही है, जिनका करोड़ों और लाखों रुपए के बिल बकाया है।

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जाहिर है जिस मकसद से ये सेवा शुरू की गई थी, उसमें लापरवाही का पलीता लग चुका है। लेकिन इसके नतीजे जनता को भुगतने पड़ सकते है। क्योंकि जब गाड़ियां ही नहीं होगी, तो पुलिस सेवा समय पर लोगों तक कैसे पहुंचेगी।

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