धर्मांतरण पर ठन गई जंग! आगामी चुनाव में धर्मांतरण का ढोल पीटने जा रही है BJP?

आगामी चुनाव में धर्मांतरण का ढोल पीटने जा रही है BJP? BJP going to beat the drum of conversion in the upcoming elections?

धर्मांतरण पर ठन गई जंग! आगामी चुनाव में धर्मांतरण का ढोल पीटने जा रही है BJP?
Modified Date: November 29, 2022 / 08:41 pm IST
Published Date: September 6, 2021 10:57 pm IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में बस्तर और सरगुजा के आदिवासी बहुल इलाकों में धर्मांतरण का मुद्दा लगातार उठता रहा है, लेकिन रविवार रात राजधानी रायपुर से जो तस्वीर आई, उसने एक बार फिर से इस संवेदनशील मुद्दे को तूल दे दिया। घटना का ऐसा असर हुआ कि ना सिर्फ थानेदार को निलंबित कर दिया गया, बल्कि जिले के एसपी भी रातोरात ट्रांसफर हो गए। लेकिन बीजपी इस मुद्दे को लेकर हमलावर हो गई है और राज्य सरकार पर धर्मांतरण को बढ़ावा देने का आरोप लगा रही है। हालांकि सरकार इसे पूरी तरस से नकार रही है।

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हंगामे और मारपीट की ये तस्वीरें राजधानी रायपुर की पुरानी बस्ती थाने की है। बीती रात सामने आई इसी तस्वीर ने प्रदेश में धर्मांतरण के मुद्दे को फिर नया तूल दे दिया है। दरअसल, पुरानी बस्ती थाने के भाटागांव समेत राजधानी के कई अलग-अलग हिस्सों में धर्म विशेष के अनुयायियों द्वारा हिंदू समाज के गरीब और वंचित लोगों को प्रलोभन देकर उनका धर्म परिवर्तन कराए जाने की लगातार शिकायत की जा रही थी। लेकिन रविवार को धर्मांतरण कराने की शिकायत लेकर लोग पुलिस के पास पहुंचे। यही मामला बढ़कर विवाद में बदल गया और देर रात झड़प में बदल गया। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए फौरन थानेदार को निलंबित कर दिया गया और रातोरात रायपुर एसएसपी का ट्रांसफर कर दिया गया। घटना के बाद बीजेपी धर्मांतरण के मुद्दे पर फिर आक्रामक हो गई है। बिलासपुर में बीजेपी ने विशाल जन जागरण रैली निकाली और राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा। बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया कि जब से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई है। धर्मांतरण के मामले तेजी से बढ़े हैं।

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ज्यादा दिन नहीं बीते जब इसी मुद्दे से जुड़ा सुकमा एसपी का एक पत्र जबरदस्त वायरल हुआ था। उस पत्र में कहा गया था कि सुकमा जिले में आदिवासी और धर्मांतरित हो चुके आदिवासी के बीच मारपीट और आगजनी जैसे हालात पैदा हो रहे हैं। लिहाजा दंगे जैसी स्थिति से निपटने के लिए सभी अपने अपने सूचना तंत्र मजबूत कर लें। हालांकि सरकार प्रदेश में अवैध धर्मांतरण के मुद्दे को हमेशा नकारती रही है, और कहती रही है कि यदि ऐसी कोई भी शिकायत हो तो पुलिस को बताए। पुलिस अपना काम जरुर करेगी।

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सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ने जिस तरह से किसान और छत्तीसगढ़ियावाद के मुद्दे को हाईजैक कर लिया है। लिहाजा चुनाव से पहले बीजेपी एक बड़े मुद्दे की तलाश में है। ऐसे में बीते कुछ दिनों से बीजेपी जिस तरह धर्मांतरण के मुद्दे को सरकार के खिलाफ हथियार बनाती आई है। बस्तर में संपन्न चिंतन शिविर में भी आदिवासी क्षेत्रों में धर्मांतरण का मुद्दा जोर शोर से उठा गया था। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या बीजेपी आगामी चुनाव में धर्मांतरण का ढोल पीटने जा रही है? अगर ऐसा होता है तो क्या कांग्रेस इसका तोड़ निकाल पाएगी?

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