कैबिनेट की बिसात.. बदलाव से बनेगी बात? क्या कैबिनेट विस्तार के जरिए चुनावी जमीन तैयार करेगी बीजेपी
कैबिनेट की बिसात.. बदलाव से बनेगी बात? Former Chief Minister Uma Bharti has raised questions on the Shivraj cabinet
भोपालः मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने ट्वीट कर शिवराज कैबिनेट पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह बात ‘मैंने सार्वजनिक तौर पर पहली बार नहीं बोली। आप याद करिए जब हम विधानसभा चुनाव हार गए और कांग्रेस का एक समूह हमारे साथ टूटकर आया और उसके सहारे हमने सरकार और मंत्रिमंडल का गठन किया। तब भी मैंने सार्वजनिक तौर पर बयान दिया था कि इस मंत्रिमंडल में जाति और क्षेत्र का संतुलन बिगड़ा हुआ है।’ कांग्रेस ने भी उमा भारती के ट्वीट का समर्थन करते हुए बीजेपी पर तंस कसा है। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि मौजूदा मंत्रिमंडल सही तरीके से काम नहीं कर पा रहा है।
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मौजूदा शिवराज कैबिनेट की बात करें तो इसमें कुल 31 मंत्री हैं। इसके साथ ही 4 पद खाली हैं। इसमें राजपूत वर्ग से 9 मंत्री हैं। 2 मंत्री ब्राह्मण, ओबीसी से 10, एसटी से 4, एससी से 3, कायस्थ-सिख और जैन से 1-1 मंत्री शामिल हैं। क्षेत्र के समीकरण पर गौर करें तो ग्वालियर-चंबल संभाग से सबसे ज्यादा 9 मंत्री हैं। इसी तरह मालवा-निमाड़ से 9, बुंदेलखंड से 4, नर्मदापुरम से 4, महाकौशल से 3 और विंध्य अंचल से सबसे कम सिर्फ 1 मंत्री शामिल हैं। यानी अगले मंत्रिमंडल विस्तार में 4 खाली पदों को भरने के साथ, जाति-क्षेत्र का संतुलन बनाने और नॉन-परफॉर्मिंग मंत्रियों को बदला जा सकता है। हालांकि बीजेपी इसे सीएम शिवराज का विशेषाधिकार बता रही है।
बहरहाल, गुजरात में एंटी इंकम्बेंसी फैक्टर को खत्म करने के लिए चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री समेत पूरी कैबिनेट बदल दी गई थी और कई सीनियर नेताओं के टिकट काट कर नए चेहरों को मौका दिया गया। नतीजा ये हुआ कि गुजरात में बीजेपी को रिकॉर्ड तोड़ जीत मिली। गुजरात के इस ग्रैंड सक्सेस को बीजेपी मध्यप्रदेश में भी दोहराना चाहती है। चर्चा है कि नए साल में शिवराज कैबिनेट में बड़ा फेरबदल हो सकता है। कैबिनेट विस्तार के जरिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जातिगत और क्षेत्रिय संतुलन साधकर 23 की चुनावी जमीन तैयार करेंगे।

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