Guna News: गुना में छत्तीसगढ़ से आई मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा, 45 सालों की परंपरा का जबरदस्त नजारा, जिसे देखकर हर कोई दंग रह जाएगा

Guna News: गुना में छत्तीसगढ़ से आई मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा, 45 सालों की परंपरा का जबरदस्त नजारा, जिसे देखकर हर कोई दंग रह जाएगा

  • Reported By: Neeraj Yogi

    ,
  •  
  • Publish Date - September 19, 2025 / 01:03 PM IST,
    Updated On - September 19, 2025 / 01:03 PM IST

Guna News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • गुना में मां दुर्गा की भव्य झांकी,
  • छत्तीसगढ़ से आईं आठ फीट ऊंची प्रतिमा.
  • 45 सालों की परंपरा का जबरदस्त नजारा,

गुना: Guna News:  गुना के तलैया मोहल्ला अंबे चौक में मां दुर्गा की झांकी इस बार और भी खास होने वाली है। वजह है माता की भव्य प्रतिमा जो इस बार छत्तीसगढ़ से विशेष तौर पर लाई गई है। लगातार 15 साल से प्रथम पुरस्कार जीत रही यह झांकी अब 45वें वर्ष में प्रवेश कर रही है और भक्तों की आस्था के साथ कला का अद्भुत संगम पेश करेगी। आइए आपको दिखाते हैं किस तरह इस बार माता रानी की आगवानी की तैयारियां की जा रही हैं।गुना शहर में नवरात्रि की धूम शुरू होने जा रही है। तलैया मोहल्ला अंबे चौक में लगने वाली झांकी के लिए इस बार माता की प्रतिमा छत्तीसगढ़ के कुमरदा से आ रही है। यह प्रतिमा विख्यात मूर्तिकार देव हिरवानी द्वारा तैयार की गई है। और यह करीब आठ फीट ऊंची है। शेर और सिंहासन सहित यह प्रतिमा बेहद खास अंदाज में गढ़ी गई है।

प्रतिमा मंगलवार को छत्तीसगढ़ से रवाना हो चुकी है और आज गुना पहुंची। यहां आने के बाद विंध्याचल कॉलोनी से तलैया मोहल्ला तक भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शहरभर में भ्रमण के बाद माता की प्रतिमा झांकी स्थल पर स्थापित होगी। समिति अध्यक्ष विक्की चार ने बताया कि पिछले दो साल से लगातार प्रयास करने के बाद इस बार माता की प्रतिमा का ऑर्डर मिल पाया है। देव हिरवानी उन मूर्तिकारों में से एक हैं जो हर साल मूर्ति बनाने के लिए सीमित ऑर्डर ही लेते हैं। समिति इसे माता रानी का विशेष आशीर्वाद मान रही है।

Guna News:  22 सितंबर को पंडाल में घट स्थापना की जाएगी। यह झांकी 45वें वर्ष में प्रवेश कर रही है। खास बात यह है कि पिछले 15 वर्षों से लगातार प्रथम पुरस्कार इसी झांकी को मिलता आ रहा है। इसलिए भक्तों और दर्शकों में इस बार की झांकी को लेकर और भी उत्साह है। इस बार झांकी में भगवान कृष्ण द्वारा कालिया नाग मर्दन का दृश्य दर्शाया जाएगा। कृष्ण नदी में उतरकर कालिया नाग पर चढ़ते और उसके फन पर नृत्य करते नजर आएंगे। समिति का दावा है कि यह दृश्य इतना मनोहारी होगा कि आसपास के जिलों से भी लोग झांकी देखने आएंगे। समिति की परंपरा भी बेहद अनोखी है। विसर्जन के समय माता को पालकी में रखकर नंगे पैर सिंघवासा तालाब तक ले जाया जाता है। रास्ते में जगह-जगह माता की पूजा होती है, और श्रद्धालु भक्ति भाव से झूम उठते हैं।

गुना की महारानी इस बार छत्तीसगढ़ से आईं आस्था और परंपरा का अद्भुत संगम लेकर। कला, संस्कृति और श्रद्धा का यह अनोखा नजारा 22 सितंबर से शुरू होने जा रहा हैं और इस बार फिर माता की झांकी देखने हजारों की भीड़ उमड़ेगी।

इन्हे भी पढ़ें

गुना में मां दुर्गा की झांकी कब लगेगी?

गुना में मां दुर्गा की झांकी "22 सितंबर से" शुरू होकर नवरात्रि के दौरान स्थापित की जाएगी।

इस बार मां दुर्गा की झांकी में क्या खास है?

इस बार झांकी में छत्तीसगढ़ के कुमरदा से लाई गई आठ फीट ऊंची भव्य प्रतिमा शामिल है और भगवान कृष्ण द्वारा कालिया नाग मर्दन का दृश्य भी प्रदर्शित होगा।

गुना की झांकी को पिछले वर्षों में क्या मान्यता मिली है?

यह झांकी पिछले "15 वर्षों से लगातार प्रथम पुरस्कार" जीत रही है और इस बार 45वें वर्ष में प्रवेश कर रही है।

झांकी विसर्जन के समय क्या परंपरा निभाई जाती है?

विसर्जन के समय माता की पालकी को नंगे पैर सिंघवासा तालाब तक ले जाया जाता है, जहां श्रद्धालु जगह-जगह पूजा करते हैं।

मां दुर्गा की प्रतिमा कौन बना रहा है?

मां दुर्गा की प्रतिमा प्रसिद्ध मूर्तिकार देव हिरवानी द्वारा तैयार की गई है, जो हर साल सीमित ऑर्डर लेते हैं।