गुना: Meat Ban in Navratri: गुना में चैत्र नवरात्रि के पावन पर्व के दौरान धार्मिक माहौल को पवित्र बनाए रखने के लिए विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल ने प्रशासन से एक महत्वपूर्ण मांग की है। संगठन के कार्यकर्ताओं ने 30 मार्च से 12 अप्रैल तक जिले में सड़क किनारे खुले में मांस और अंडे की बिक्री पर रोक लगाने की मांग करते हुए जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।
Meat Ban in Navratri: विहिप ने इस मौके पर स्पष्ट किया कि नवरात्रि केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह हिंदू समाज के लिए शक्ति साधना और आत्मशुद्धि का पर्व है। इस दौरान श्रद्धालु उपवास रखते हैं, मंदिरों में भजन-कीर्तन करते हैं और पूरे वातावरण में भक्ति की धारा बहती है। विहिप का कहना है कि इस पवित्र समय में मंदिरों और श्रद्धालुओं के रास्तों के आसपास मांस और अंडे की बिक्री से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है जिससे माहौल असहज हो जाता है।
Meat Ban in Navratri: विहिप ने प्रशासन से मांग की है कि तत्काल प्रभाव से मांस की दुकानों को अस्थायी रूप से बंद किया जाए और खुले में मांस और अंडे की बिक्री पर रोक लगाई जाए। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने इस मामले में कोई कदम नहीं उठाया तो विहिप और बजरंग दल सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने से पीछे नहीं हटेगा।
विहिप और बजरंग दल ने प्रशासन से 30 मार्च से 12 अप्रैल तक गुना जिले में सड़क किनारे खुले में मांस और अंडे की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की है, ताकि धार्मिक माहौल पवित्र बना रहे।
विहिप ने नवरात्रि के दौरान मांस और अंडे की बिक्री पर रोक क्यों लगानी चाही है?
विहिप का मानना है कि नवरात्रि हिंदू समाज के लिए शक्ति साधना और आत्मशुद्धि का पर्व है। इस दौरान श्रद्धालु उपवास रखते हैं, भजन-कीर्तन करते हैं और ऐसे समय में मंदिरों और श्रद्धालुओं के रास्तों के आसपास मांस और अंडे की बिक्री धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती है।
क्या विहिप ने प्रशासन को कोई चेतावनी दी है?
हां, विहिप और बजरंग दल ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने इस मामले में कोई कदम नहीं उठाया, तो वे सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
कब तक मांस और अंडे की बिक्री पर रोक की मांग की गई है?
विहिप ने 30 मार्च से 12 अप्रैल तक मांस और अंडे की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की है, क्योंकि यह समय नवरात्रि का है।
इस मुद्दे पर विहिप और बजरंग दल के कौन-कौन से पदाधिकारी मौजूद थे?
इस मुद्दे पर कई प्रमुख विहिप और बजरंग दल के पदाधिकारी उपस्थित थे, जिन्होंने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा और अपनी मांग रखी।